"पण्डवानी नृत्य": अवतरणों में अंतर

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*इसमें आंगिक क्रियाओं के साथ-साथ गायन भी एक ही व्यक्ति द्वारा एकतारा लेकर किया जाता है।  
*इसमें आंगिक क्रियाओं के साथ-साथ गायन भी एक ही व्यक्ति द्वारा एकतारा लेकर किया जाता है।  
*इसमें नर्तक [[पाण्डव|पाण्डवों]] की कथा को [[वाद्य यंत्र|वाद्ययंत्रों]] की धुन पर गाता जाता है तथा उनका अभिनय भी करता जाता है।  
*इसमें नर्तक [[पाण्डव|पाण्डवों]] की कथा को [[वाद्य यंत्र|वाद्ययंत्रों]] की धुन पर गाता जाता है तथा उनका अभिनय भी करता जाता है।  
*वर्तमान समय में यह काफी लोकप्रिय नृत्य शैली है।  
*वर्तमान समय में यह काफ़ी लोकप्रिय नृत्य शैली है।  
*इसके प्रमुख कलाकारों में झाडूराम देवांगन, तीजनबाई तथा ऋतु वर्मा के नाम काफ़ी प्रसिद्ध हैं।
*इसके प्रमुख कलाकारों में झाडूराम देवांगन, तीजनबाई तथा ऋतु वर्मा के नाम काफ़ी प्रसिद्ध हैं।
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11:05, 20 फ़रवरी 2011 का अवतरण

  • भारत में प्रचलित कुछ प्रमुख लोक नृत्य शैलियों में से एक पण्डवानी नृत्य है।
  • यह मध्यप्रदेश के छत्तीसगढ़ क्षेत्र में प्रचलित एकल लोक नृत्य है, जिसका प्रस्तुतीकरण समवेत स्वरों में होता है।
  • इसमें आंगिक क्रियाओं के साथ-साथ गायन भी एक ही व्यक्ति द्वारा एकतारा लेकर किया जाता है।
  • इसमें नर्तक पाण्डवों की कथा को वाद्ययंत्रों की धुन पर गाता जाता है तथा उनका अभिनय भी करता जाता है।
  • वर्तमान समय में यह काफ़ी लोकप्रिय नृत्य शैली है।
  • इसके प्रमुख कलाकारों में झाडूराम देवांगन, तीजनबाई तथा ऋतु वर्मा के नाम काफ़ी प्रसिद्ध हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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