"विदेशिया नृत्य": अवतरणों में अंतर

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*[[भारत]] में प्रचलित कुछ प्रमुख [[लोक नृत्य]] शैलियों में से एक विदेशिया नृत्य है।
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*यह [[उत्तर प्रदेश]] एवं [[बिहार]] राज्यों के [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी भाषी]] क्षेत्र का एक प्रमुख एवं ग्रामीण जनता में सर्वाधिक प्रचलित लोक-नृत्य है।  
*यह [[उत्तर प्रदेश]] एवं [[बिहार]] राज्यों के [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी भाषी]] क्षेत्र का एक प्रमुख एवं ग्रामीण जनता में सर्वाधिक प्रचलित लोक-नृत्य है।  
*इसकी रचना मूलरूप से भिखारी ठाकुर ने की थी, जबकि वर्तमान समय में इसकी तर्ज पर काफी नाटकों की रचना की जा चुकी है एवं उनका नृत्य एवं गायन के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया जाता है।  
*इसकी रचना मूलरूप से भिखारी ठाकुर ने की थी, जबकि वर्तमान समय में इसकी तर्ज पर काफ़ी नाटकों की रचना की जा चुकी है एवं उनका नृत्य एवं गायन के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया जाता है।  
*इसका उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक एवं पारिवारिक विषमताओं को उजागर करते हुए बुराईयों को समाप्त करने के लिए नीति एवं मर्यादा का उपदेश देना भी है।  
*इसका उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक एवं पारिवारिक विषमताओं को उजागर करते हुए बुराईयों को समाप्त करने के लिए नीति एवं मर्यादा का उपदेश देना भी है।  
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11:05, 20 फ़रवरी 2011 का अवतरण

  • भारत में प्रचलित कुछ प्रमुख लोक नृत्य शैलियों में से एक विदेशिया नृत्य है।
  • यह उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्यों के भोजपुरी भाषी क्षेत्र का एक प्रमुख एवं ग्रामीण जनता में सर्वाधिक प्रचलित लोक-नृत्य है।
  • इसकी रचना मूलरूप से भिखारी ठाकुर ने की थी, जबकि वर्तमान समय में इसकी तर्ज पर काफ़ी नाटकों की रचना की जा चुकी है एवं उनका नृत्य एवं गायन के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया जाता है।
  • इसका उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक एवं पारिवारिक विषमताओं को उजागर करते हुए बुराईयों को समाप्त करने के लिए नीति एवं मर्यादा का उपदेश देना भी है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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