"घुरई नृत्य": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) |
||
पंक्ति 17: | पंक्ति 17: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{नृत्य कला}} | {{नृत्य कला}} | ||
[[Category:कला कोश]] | [[Category:कला कोश]] | ||
[[Category:लोक नृत्य]] | |||
[[Category:नृत्य कला]] | |||
[[Category:संस्कृति कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
12:07, 28 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- भारत में प्रचलित कुछ प्रमुख शास्त्रीय नृत्य शैलियों में से एक घुरई नृत्य है।
- यह नृत्य चम्बा क्षेत्र में किया जाता है।
- घुरई का अर्थ है गोल-गोल घूमना।
- अपने पारम्परिक वस्त्रों में स्त्रियाँ इस नृत्य को करती हैं।
- घुरई नृत्य में स्त्रियाँ गले में कंठहार, पैरों में पायल, नाक में बेसर, कानों में कर्णफूल धारण करती हैं।
- घुरई नृत्य में ऐतिहासिक घटना का वर्णन होता है।
- इस नृत्य को स्त्रियों द्वारा किया जाता है।
|
|
|
|
|