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'''विश्रवा''' एक प्राचीन ऋषि का नाम है जो हर्विभू के गर्भ से उत्पन्न [[पुलस्त्य]] मुनि के पुत्र थे। | '''विश्रवा''' एक प्राचीन ऋषि का नाम है जो हर्विभू के गर्भ से उत्पन्न [[पुलस्त्य]] मुनि के पुत्र थे। | ||
* विश्रवा, [[रामायण]] के प्रमुख पात्र [[रावण]] के पिता थे। इनकी पत्नी इलबिड़ा के गर्भ से उत्पन्न [[कुबेर]], [[कैकसी]] या निकसा के गर्भ से उत्पन्न | * विश्रवा, [[रामायण]] के प्रमुख पात्र [[रावण]] के पिता थे। इनकी पत्नी इलबिड़ा के गर्भ से उत्पन्न [[कुबेर]], [[कैकसी]] या निकसा के गर्भ से उत्पन्न रावण, [[कुंभकर्ण]], और [[शूपर्णखा |शूपर्णखा]] और [[विभीषण]] हुए।<ref>[[रामायण]] सुन्दर काण्ड</ref> | ||
* [[महाभारत]] के अनुसार कुबेर [[ब्रह्मा]] के उपासक थे। जिससे रुष्ट होकर पुलस्त्य का ही आधा अंश ही विश्रवा के नाम से हुआ। | * [[महाभारत]] के अनुसार कुबेर [[ब्रह्मा]] के उपासक थे। जिससे रुष्ट होकर पुलस्त्य का ही आधा अंश ही विश्रवा के नाम से हुआ। | ||
* कुबेर ने विश्रवा के पास सहचरी के रूप में तीन राक्षसियाँ भेज दीं। जिनके नाम क्रमश: पुष्पोत्कटा, मालिनी और राका | * कुबेर ने विश्रवा के पास सहचरी के रूप में तीन राक्षसियाँ भेज दीं। जिनके नाम क्रमश: पुष्पोत्कटा, मालिनी और राका थे। | ||
08:11, 12 अप्रैल 2012 का अवतरण
विश्रवा एक प्राचीन ऋषि का नाम है जो हर्विभू के गर्भ से उत्पन्न पुलस्त्य मुनि के पुत्र थे।
- विश्रवा, रामायण के प्रमुख पात्र रावण के पिता थे। इनकी पत्नी इलबिड़ा के गर्भ से उत्पन्न कुबेर, कैकसी या निकसा के गर्भ से उत्पन्न रावण, कुंभकर्ण, और शूपर्णखा और विभीषण हुए।[1]
- महाभारत के अनुसार कुबेर ब्रह्मा के उपासक थे। जिससे रुष्ट होकर पुलस्त्य का ही आधा अंश ही विश्रवा के नाम से हुआ।
- कुबेर ने विश्रवा के पास सहचरी के रूप में तीन राक्षसियाँ भेज दीं। जिनके नाम क्रमश: पुष्पोत्कटा, मालिनी और राका थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- पुस्तक- पौराणिक कोश|पृष्ठ संख्या- 470 | लेखक- राणा प्रसाद शर्मा
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