"लांगुरिया नृत्य": अवतरणों में अंतर
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'''लांगुरिया नृत्य''' [[राजस्थान]] के प्रसिद्ध [[लोक नृत्य|लोक नृत्यों]] में से एक है। यह '[[कैला देवी मंदिर|कैला देवी करौली]]' के मेले में किया जाने वाला प्रसिद्ध नृत्य है। | '''लांगुरिया नृत्य''' [[राजस्थान]] के प्रसिद्ध [[लोक नृत्य|लोक नृत्यों]] में से एक है। यह '[[कैला देवी मंदिर|कैला देवी करौली]]' के मेले में किया जाने वाला प्रसिद्ध नृत्य है। | ||
*लांगुरिया [[श्रीराम]] के [[भक्त]] [[हनुमान]] का लोक स्वरूप है और कैला माता को उनकी | *लांगुरिया [[श्रीराम]] के [[भक्त]] [[हनुमान]] का लोक स्वरूप है और कैला माता को उनकी माँ [[अंजनी]] का [[अवतार]] माना जाता है। | ||
*इस नृत्य के दौरान नफीरी व [[नौबत]] बजाई जाती है। | *इस नृत्य के दौरान नफीरी व [[नौबत]] बजाई जाती है। | ||
*लांगुरिया प्राय: देवी माँ के साथ किया जाने वाला स्त्री-पुरुषों का सामूहिक नृत्य है, लेकिन समूह में व्यक्तिगत भंगिमाएँ प्रदर्शित होती हैं। | *लांगुरिया प्राय: देवी माँ के साथ किया जाने वाला स्त्री-पुरुषों का सामूहिक नृत्य है, लेकिन समूह में व्यक्तिगत भंगिमाएँ प्रदर्शित होती हैं। |
14:08, 2 जून 2017 के समय का अवतरण
लांगुरिया नृत्य राजस्थान के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक है। यह 'कैला देवी करौली' के मेले में किया जाने वाला प्रसिद्ध नृत्य है।
- लांगुरिया श्रीराम के भक्त हनुमान का लोक स्वरूप है और कैला माता को उनकी माँ अंजनी का अवतार माना जाता है।
- इस नृत्य के दौरान नफीरी व नौबत बजाई जाती है।
- लांगुरिया प्राय: देवी माँ के साथ किया जाने वाला स्त्री-पुरुषों का सामूहिक नृत्य है, लेकिन समूह में व्यक्तिगत भंगिमाएँ प्रदर्शित होती हैं।
- यह नृत्य करौली क्षेत्र में 'नवरात्रों' के दिनों में विशेषतौर पर किया जाता है।
इन्हें भी देखें: गैर नृत्य, अग्नि नृत्य एवं कालबेलिया नृत्य
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