"थबल छोंगबा नृत्य": अवतरणों में अंतर
छो (Text replace - "Category:लोक नृत्य" to "==सम्बंधित लिंक== {{नृत्य कला}} Category:लोक नृत्य") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[लोक नृत्य]] में थबल चोंगबा [[मणिपुर]] का एक लोकप्रिय मणिपुरी नृत्य है, जो होली के त्योहार के साथ संबंधित है। थबल का शब्दिक अर्थ है 'चंद्रमा की रोशनी' और चोंगबा का अर्थ है 'नृत्य', इस प्रकार इसका पूरा अर्थ है चंद्रमा की रोशनी में नृत्य करना। पारम्परिक रूप से पुरानी विचारधारा वाले मणिपुरी अभिभावक अपनी बेटियों को उनकी स्वीकृति के बिना बाहर जाने और युवाओं से मिलने की अनुमति नहीं देते थे। इस लिए थबल चोंगबा ने लड़कियों को लड़कों से मिलने और बाते करने का एक मात्र अवसर दिया जाता है। पुराने समय में यह नृत्य लोक गीतों के साथ चंद्रमा की रोशनी में किया जाता था। इसमें उपयोग किया जाने वाला एक मात्र संगीत वाद्य ढोला कोर ड्रम है। इसे त्योहार के पूरे 6 दिनों तक हर स्थान पर आयोजित किया जाता है। यहाँ आग के स्थान पर एक झोंपड़ी बनाई जाती है और फिर उसे जलाया जाता है। अगले दिन लड़के समूह में जाकर लड़कियों के साथ गुलाल खेलते हैं और लड़कों के साथ गुलाल खेलने के बदले में लड़कियाँ लड़कों से पैसे लेती हैं। | [[लोक नृत्य]] में थबल चोंगबा [[मणिपुर]] का एक लोकप्रिय मणिपुरी नृत्य है, जो होली के त्योहार के साथ संबंधित है। थबल का शब्दिक अर्थ है 'चंद्रमा की रोशनी' और चोंगबा का अर्थ है 'नृत्य', इस प्रकार इसका पूरा अर्थ है चंद्रमा की रोशनी में नृत्य करना। पारम्परिक रूप से पुरानी विचारधारा वाले मणिपुरी अभिभावक अपनी बेटियों को उनकी स्वीकृति के बिना बाहर जाने और युवाओं से मिलने की अनुमति नहीं देते थे। इस लिए थबल चोंगबा ने लड़कियों को लड़कों से मिलने और बाते करने का एक मात्र अवसर दिया जाता है। पुराने समय में यह नृत्य लोक गीतों के साथ चंद्रमा की रोशनी में किया जाता था। इसमें उपयोग किया जाने वाला एक मात्र संगीत वाद्य ढोला कोर ड्रम है। इसे त्योहार के पूरे 6 दिनों तक हर स्थान पर आयोजित किया जाता है। यहाँ आग के स्थान पर एक झोंपड़ी बनाई जाती है और फिर उसे जलाया जाता है। अगले दिन लड़के समूह में जाकर लड़कियों के साथ गुलाल खेलते हैं और लड़कों के साथ गुलाल खेलने के बदले में लड़कियाँ लड़कों से पैसे लेती हैं। | ||
== | ==संबंधित लेख== | ||
{{नृत्य कला}} | {{नृत्य कला}} | ||
[[Category:लोक नृत्य]] [[Category:कला कोश]]__INDEX__ | [[Category:लोक नृत्य]] [[Category:कला कोश]]__INDEX__ |
14:54, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण
लोक नृत्य में थबल चोंगबा मणिपुर का एक लोकप्रिय मणिपुरी नृत्य है, जो होली के त्योहार के साथ संबंधित है। थबल का शब्दिक अर्थ है 'चंद्रमा की रोशनी' और चोंगबा का अर्थ है 'नृत्य', इस प्रकार इसका पूरा अर्थ है चंद्रमा की रोशनी में नृत्य करना। पारम्परिक रूप से पुरानी विचारधारा वाले मणिपुरी अभिभावक अपनी बेटियों को उनकी स्वीकृति के बिना बाहर जाने और युवाओं से मिलने की अनुमति नहीं देते थे। इस लिए थबल चोंगबा ने लड़कियों को लड़कों से मिलने और बाते करने का एक मात्र अवसर दिया जाता है। पुराने समय में यह नृत्य लोक गीतों के साथ चंद्रमा की रोशनी में किया जाता था। इसमें उपयोग किया जाने वाला एक मात्र संगीत वाद्य ढोला कोर ड्रम है। इसे त्योहार के पूरे 6 दिनों तक हर स्थान पर आयोजित किया जाता है। यहाँ आग के स्थान पर एक झोंपड़ी बनाई जाती है और फिर उसे जलाया जाता है। अगले दिन लड़के समूह में जाकर लड़कियों के साथ गुलाल खेलते हैं और लड़कों के साथ गुलाल खेलने के बदले में लड़कियाँ लड़कों से पैसे लेती हैं।