"झुमैलो": अवतरणों में अंतर
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*गीत की पंक्तियों के अंत में झुमैलो की आवृत्ति और नृत्य में झूमने की भावना या गति का समावेश होने के कारण इसे झुमैलो कहा गया है। | *गीत की पंक्तियों के अंत में झुमैलो की आवृत्ति और नृत्य में झूमने की भावना या गति का समावेश होने के कारण इसे झुमैलो कहा गया है। | ||
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07:26, 23 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण
झुमैलो (अंग्रेज़ी: Jhumailo) भारत के उत्तराखंड में गढ़वाल क्षेत्र में किया जाने वाला नृत्य है। यह नृत्य नवविवाहिताओं कन्याओं के द्वारा मायके आने पर किया जाता है।
- यह सामूहिक नृत्य है, जो बिना वाद्य यंत्रों के दीपावली और कार्तिक के महीने में पूरी रात किया जाता है।
- गीत की पंक्तियों के अंत में झुमैलो की आवृत्ति और नृत्य में झूमने की भावना या गति का समावेश होने के कारण इसे झुमैलो कहा गया है।
- एक तरह से यह नारी हृदय की वेदना और उसके प्रेम की अभिव्यक्ति है। इसमें नारी अपनी पीड़ा को भूलकर सकारात्मक सोच के साथ गीत एवं संगीत की सुर लहरियों पर नृत्य करती है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ उत्तराखंड के लोक नृत्यों की है अलग पहचान (हिंदी) jagran.com। अभिगमन तिथि: 23 नवंबर, 2021।