सद्भावना दिवस
सद्भावना दिवस भारत में प्रत्येक वर्ष '20 अगस्त' को मनाया जाता है। इसे 'समरसता दिवस' के नाम से भी जाना जाता है। यह महत्त्वपूर्ण दिवस भारत के दिवंगत भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की स्मृति में मनाया जाता है। राजीव गाँधी सरकार का एकमात्र मिशन दूसरों के लिये अच्छी भावना रखना था। भारत के सभी धर्मों के बीच सामुदायिक समरसता, राष्ट्रीय एकता, शांति, प्यार और लगाव को लोगों में बढ़ावा देने के लिये यह दिवस हर साल '20 अगस्त' को काँग्रेस पार्टी द्वारा केक काटकर मनाया जाता है।
महत्त्व
राजीव गाँधी की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 'सद्भावना दिवस' मनाया जाता है, जिन्होंने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा था। उनके द्वारा देश के लिये किये गये कई सामाजिक और आर्थिक कार्यों के द्वारा भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण को साफतौर पर देखा जा सकता है। उनकी वर्षगाँठ पर देश के विकास के लिये दिये गये उनके भाषणों के उत्साहयुक्त और प्रेरणादायी शब्द हमेशा याद किये जाते हैं। उनका कहा गया एक-एक शब्द बहुत प्रेरणादायी होता था, जो देश के युवाओं को भारत का नेतृत्व करने के लिये आज भी प्ररित करता है।
सद्भावना दिवस प्रतिज्ञा
"मैं ये पूरी गंभीर प्रतिज्ञा लेता हूँ कि मैं जाति, क्षेत्र, धर्म और भाषा को बिना ध्यान दिये भारत के सभी लोगों की भावनात्मक एकात्मकता और सद्भावना के लिये कार्य करुँगा। और मैं कसम खाता हूँ कि बिना हिंसा के संवैधानिक साधनों और बातचीत के द्वारा एक-दूसरे के बीच की दूरीयों को अवश्य समाप्त कर दूँगा।"
समारोह आयोजन
सद्भावना दिवस के अवसर पर भारत के अलग-अलग राज्यों में कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। इस दिन को लोग पौधे लगाकर, हरियाली को संरक्षित करके, प्राकृतिक सुंदरता को बचाकर, पर्यावरण की सुरक्षा करके साथ ही प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करके मनाते हैं। महत्वपूर्ण पर्यावरण मुद्दे के बारे लोगों को जागरुक करने के लिये इसको पूरी खुशी के साथ मनाया जाता है। फूलों और पुष्पमाला से राजीव गाँधी की प्रतिमा को सजाने के द्वारा भारत में पारिवारिक सदस्यों और करीबी सहभागी, मित्र, राजनीतिक नेता और काँग्रेस द्वारा सद्भावना दिवस को मनाया जाता है। राजीव गाँधी के 'वीरभूमि स्मारक' को लोगों द्वारा सम्मान दिया जाता है। वीरभूमि[1] पर पुष्पमाला के द्वारा राजीव गाँधी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि दी जाती है। राष्ट्रीय प्रगति के उनके जुनून को पूरा करने के लिये ये दिन मनाया जाता है।[2]
'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' प्राप्तकर्ता
विभिन्न क्षेत्रों में प्रतियोगियों द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा को जानने के लिये 'राजीव गाँधी संस्था' द्वारा इस दिन 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' वितरित किया जाता है। 'राजीव गाँधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' प्राप्तकर्ताओं के नाम निम्नलिखित हैं-
क्र.सं. | व्यक्ति | क्र.सं. | व्यक्ति |
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1. | मदर टेरेसा | 2. | सुनील दत्त |
3. | लता मंगेशकर | 4. | उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ |
5. | के. आर. नारायणन | 6. | जगन नाथ कौल |
7. | दिलीप कुमार | 8. | मौलाना वहीदुदीन ख़ाँ |
9. | कपिला वत्सयान | 10. | मुहम्मद यूनुस |
11. | हितेश्वर साईकिया और सुभद्रा जोशी (संयुक्त) | 12. | निर्मला देशपांडे |
13. | तीस्ता सीतलवाड़ और हर्ष मंडेर (संयुक्त) | 14. | एस. एन. सुब्बाराव, स्वामी अग्निवेश और मदारी मोईदीन (संयुक्त) |
15. | एन. राधाकृष्णन | 16. | डी. आर. मेहता |
17. | हेम दत्ता | 18. | मुजफ़्फ़र अली (भारत के नामी फिल्कार) |
19. | गौतम भाई | 20. | स्पिक मैके |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ दाह संस्कार की जगह
- ↑ राजीव गाँधी के 69वें जन्म दिवस पर, लोकनाथ महाराथी के नेतृत्व में भुवनेश्वर में एक सद्भावना साईकिल रैली का आयोजन किया गया था, जो पुराने शहर में मौसिमा मंदिर से मास्टर कैंटीन स्क्वैयर (वानीविहार, रसूलगढ़ और कल्पना चौक तक) में काँग्रेस भवन से शुरु हुआ था। भारत में इस अवसर पर कई स्कूलों में स्टूडेंट रैली आयोजित की गई।
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