आईएनएस कोलकाता
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आईएनएस कोलकाता
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विवरण | आईएनएस कोलकाता डी-63, भारत में वर्ष 2016 तक तैयार किया गया सर्वाधिक ताकतवर युद्धपोत माना जाता है। |
भारतीय नौसेना में शामिल | 16 अगस्त, 2016 |
वज़न | 6,800 टन |
लम्बाई | 164 |
चौड़ाई | 18 मीटर |
अन्य जानकारी | पहली बार भारतीय नौसेना ने किसी युद्धपोत में थ्री डी रडार इस्तेमाल किया गया है। |
अद्यतन | 16:17, 3 अगस्त 2016 (IST)
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आईएनएस कोलकाता, डी-63 (अंग्रेज़ी: Indian Naval Submarine Kolkata) , भारत में वर्ष 2016 तक तैयार किया गया सर्वाधिक ताकतवर युद्धपोत माना जाता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 अगस्त, 2014 को मुंबई स्थित भारतीय नौसेना में ‘आईएनएस कोलकाता’ को सौंपा। इसमें लगी ज्यादातर प्रणालियाँ स्वदेश निर्मित हैं, जिनमें सीएमएस, एसीएस, एपीएमएस, फोल्डेबल हैंगर डोर, हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम और एचयूएमएसए एनर्जी प्रणाली प्रमुख हैं।[1]
- इस युद्धपोत की एक अन्य खासियत है कि यह नाविकगण के लिये अत्यंत आरामदेह है।
- इसे मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड ने बनाया है, इसका वजन 6,800 टन है।
- यह भारतीय नौसेना के कोलकाता श्रेणी के युद्धपोतों का हिस्सा है, जिसमें आईएनएस कोच्चि और आईएनएस चेन्नई शामिल हैं।
- आईएनएस कोलकाता 164 मीटर लंबा और 18 मीटर चौड़ा है, इसकी ऊँचाई पाँच मंज़िली इमारत जितनी है।
- पहली बार भारतीय नौसेना ने किसी युद्ध पोत में थ्री डी रडार इस्तेमाल किया गया है।
- ये ब्रह्मोस मिसाइल, 76 एमएम गन, दो रॉकेट लॉन्चर, एंटी-सर्फेस गन, एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से लैस है।
- इसमें सबमरीन डिटेक्टर और चार टॉरपीडो भी मौजूद हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ आईएनएस कोलकाता (हिन्दी) bbc.com। अभिगमन तिथि: 3, अगस्त, 2016।
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