कुमारगुप्त तृतीय
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कुमारगुप्त तृतीय गुप्त वंश के पराक्रमी राजा नरसिंह गुप्त का पुत्र और उत्तराधिकारी था। वह गुप्त वंश का 24वाँ शासक था। इसके शासन काल में गुप्त साम्राज्य तेज़ीसे पतन की ओर बढ़ रहा था। कुमारगुप्त तृतीय गुप्त वंश का अन्तिम शासक था।
- कुमारगुप्त तृतीय ने अपने पिता नरसिंह गुप्त के समान ही सोने के सिक्के चलवाये और उसकी ही तरह अपने नाम के पीछे 'क्रमादित्य' उपाधि लगायीं।
- सिक्कों में मिलावट की मात्रा लगातार बढ़ती गई, जो इस समय के गुप्त शासकों के तेज़ीसे पतन की ओर जाने को स्पष्ट करता है।
- भितरी और नालंदा से प्राप्त मुहरों के अनुसार कुमारगुप्त तृतीय नरसिंह गुप्त का पुत्र और विष्णुगुप्त का पिता था। बहुत दिनों तक इसे भी सारनाथ अभिलेख में उल्लखित कुमारगुप्त समझा और कुमारगुप्त द्वितीय कहा जाता रहा। किंतु हाल ही में मिले प्रमाणों से ज्ञात होता है कि यह उससे सर्वथा भिन्न था और वह बुधगुप्त के परवर्ती काल के शासकों का था।
- इसके अतिरिक्त उत्तरवंशी गुप्त वंश में भी एक कुमारगुप्त हुआ था। उसने अफसर अभिलेख के अनुसार मौखरि ईशानवर्मन को पराजित किया था। वह विजय करता हुआ प्रयाग तक आया था और वहीं उसकी मृत्यु हुई।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कुमारगुप्त तृतीय (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 अप्रैल, 2013।