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सिर्र-ए-अकबर (अंग्रेज़ी: Sirr-i-Akbar) मुग़ल बादशाह शाहजहाँ के बड़े पुत्र दारा शिकोह द्वारा लिखी गई पुस्तक है। दारा शिकोह ने 52 उपनिषदों का अनुवाद सिर्र-ए-अकबर नाम से किया।

  • शाहजहां के काल में दारा शिकोह की देखरेख में दो संस्कृत ग्रंथों भगवद्गीता और योगवशिष्ठ का फ़ारसी भाषा में अनुवाद किया गया।
  • दारा शिकोह ने स्वयं भी कुछ संस्कृत पंडितों की सहायता से 52 उपनिषदों का फ़ारसी में अनुवाद किया और इसको 'सिर्र-ए-अकबर' (महान रहस्य) नाम दिया। इसी के अनुवाद से 18वीं शताब्दी में यूरोप में उपनिषदों की जानकारी हुई।
  • दारा ने 'मज्म-उल-बहरीन' (दो समुद्रों का मिलन) नामक ग्रंथ की भी रचना की थी, जिसमें हिन्दू एवं सूफ़ी मत का तुलनात्मक वर्णन है।


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