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14:12, 4 मार्च 2014 का अवतरण
दसवंत मध्यकालीन भारत में 16वीं शताब्दी का एक प्रख्यात भारतीय मुग़ल चित्रकार था, जिसका उल्लेख अकबर के दरबार के प्रसिद्ध इतिहासकार अबुल फ़ज़ल अल्लामी ने 'अपने समय का पहला अग्रणी कलाकार' के रूप में किया हैं। जसवंत ने अपने समकालीन चित्रकारों को काफ़ी पीछे छोड़ दिया था।
- दसवंत के जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध हैं। अनुमान है कि वह हिन्दू था और संभवत: किसी साधारण परिवार से था।
- अकबर के संपर्क में आने के बाद अकबर ने दसवंत को फ़ारसी चित्रकार अब्दुस्समद के पास प्रशिक्षण के लिए भेजा।
- आज ऐसे बहुत कम पुस्तक चित्रांकन उपलब्ध हैं, जिन पर दसवंत का नाम है और इनमें से अधिकांश जयपुर के 'रज़्मनामा' (महाभारत का फ़ारसी नाम) के चित्रात्मक संस्करणों में हैं। ये वे कृतियाँ हैं, जिनकी रूपरेखा दसवंत ने बनाई थी और चित्र उसके सहयोगियों ने बनाए थे।
- 'क्लीवलैंड म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट्स' में रखे 'तूतीनामा' (तोते की कहानिया) की पांडुलिपि ही एकमात्र चित्रांकन है, जिस पर दसवंत ने अकेले काम किया था।
- दसवंत की जो भी कृतियाँ बची हैं, वह उसकी प्रतिष्ठा को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त हैं।
- अस्थिर मानसिक स्थिति में विक्षिप्तता का दौरा पड़ने पर दसवंत ने आत्महत्या कर ली थी।[1]
इन्हें भी देखें: मुग़ल चित्रकला एवं मुग़लकालीन चित्रकला
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत ज्ञानकोश, खण्ड-3 |लेखक: इंदु जैन |प्रकाशक: पापुलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 15 |