कंचुला कोरक कस्तूरी मृग अभयारण्य

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कंचुला कोरक कस्तूरी मृग अभयारण्य (अंग्रेज़ी: Kanchula Korak Musk Deer Sanctuary) उत्तराखंड में चोपटा गोपेश्वर मार्ग पर स्थित है। जिसका फैलाव 5 वर्ग किमी के क्षेत्र पर है। यह अभयारण्य घने जंगलों से घिरा हुआ है और यहाँ आगंतुक प्रकृति के शानदार दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यह अभयारण्य कस्तूरी मृग प्रजनन के लिए प्रसिद्ध है।

  • दुर्लभ वन्य जीव प्रजाति 'कस्तुरी मृग' उत्तराखंड का राज्य वन्य पशु है जिसकी गिनती जंगल के खूबसूरत जीवों में होती है। कस्तुरी मृग को 'हिमायलन मस्क डियर' के नाम से भी जाना जाता है। वैसे इसका वैज्ञानिक नाम 'मास्कस क्राइसोगौ' है।
  • अपनी आकर्षक खूबसूरती के साथ यह जीव नाभि से निकलने वाली अप्रतिम खुशबू के लिए मुख्य रूप से जाना जाता है। जो इस मृग को सबसे बड़ी खासियत है। इस मृग की नाभि में गाढ़ा तरल (कस्तूरी) होता है जिसमें से मनमोहक खुशबू की धारा बहती है। कस्तूरी केवल नर मृगों में ही पाया जाता है। यह जीव उत्तराखंड के अलावा अन्य हिमालयी क्षेत्रों (हिमाचल प्रदेश, कश्मीर, सिक्किम) में भी पाया जाता है।
  • इस जीव की एक खास बात यह भी है कि यह अपना निवास स्थान सर्द मौसम में भी नहीं छोड़ता। भले ही यह जीव भोजन की तलाश में दूर निकल जाए पर लौट कर अपने आश्रय में ही आराम करता है। इस जीव की याददाश्त शक्ति काफी मजबूत बताई जाती है, जिस वजह से यह अपना रास्ता कभी नहीं भूलता।


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