"फूल जितने भी -आदित्य चौधरी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो ("फूल जितने भी दिए -आदित्य चौधरी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (अनिश्चित्त अवधि) [move=sysop] (अनिश्चित्त अवधि)))
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|  
 
|  
 
<noinclude>[[चित्र:Copyright.png|50px|right|link=|]]</noinclude>
 
<noinclude>[[चित्र:Copyright.png|50px|right|link=|]]</noinclude>
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>फूल जितने भी दिए<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div>
+
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>फूल जितने भी<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div>
 
----
 
----
 
{| width="100%" style="background:transparent"
 
{| width="100%" style="background:transparent"

15:00, 18 फ़रवरी 2015 के समय का अवतरण

Copyright.png
फूल जितने भी -आदित्य चौधरी

फूल जितने भी दिए, उनको सजाने के लिए
बेच देते हैं वो, कुछ पैसा बनाने के लिए

बड़ी शिद्दत से हमने ख़त लिखे, और भेजे थे
वो भी जलवा दिए हैं, ठंड भगाने के लिए

हाय नाज़ों से हमने दिल को अपने पाला था
तोड़ते रहते हैं वो काम बनाने के लिए

एक दिन मर्द बने, घर ही उनके पहुँच गए
बच्चा पकड़ा दिया था हमको, खिलाने के लिए

कोई जो जान बचाए, मेरी इस आफ़त से
वक़्त मुझको मिले फिर से ज़माने के लिए