"भारतकोश सम्पादकीय 19 मार्च 2013" के अवतरणों में अंतर
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− | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5> | + | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>मेरा है वास्ता <small>-आदित्य चौधरी</small></font></div> |
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<poem style="color=#003333"> | <poem style="color=#003333"> | ||
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तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता | तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता | ||
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता | जाना पहचाना लगता है ये रास्ता | ||
पंक्ति 22: | पंक्ति 18: | ||
उसके कमज़ोर कांधों के सामान से | उसके कमज़ोर कांधों के सामान से | ||
− | + | है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता | |
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+ | मांगते भीख इंसान इंसान से | ||
+ | सर्द रातों से लड़ती हुई जान से | ||
+ | और गाँवों के बनते वीरान से | ||
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+ | है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता | ||
आँख से जो न टपकी हो उस बूँद से | आँख से जो न टपकी हो उस बूँद से | ||
पंक्ति 29: | पंक्ति 30: | ||
बिन लिखे उन ख़तों के मज़मून से | बिन लिखे उन ख़तों के मज़मून से | ||
− | + | है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता | |
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करवटों से परेशान फ़ुटपाथ से | करवटों से परेशान फ़ुटपाथ से | ||
पंक्ति 36: | पंक्ति 36: | ||
और हँसिए को थामे हुए हाथ से | और हँसिए को थामे हुए हाथ से | ||
− | + | मेरा है वास्ता, है मेरा वास्ता | |
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उसके अल्लाह से और भगवान से | उसके अल्लाह से और भगवान से | ||
पंक्ति 43: | पंक्ति 42: | ||
और दंगों में जाती हुई जान से | और दंगों में जाती हुई जान से | ||
− | + | है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता | |
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उसके चूल्हे की बुझती हुई आग से | उसके चूल्हे की बुझती हुई आग से | ||
पंक्ति 50: | पंक्ति 48: | ||
टूटी चूड़ी के फूटे हुए भाग से | टूटी चूड़ी के फूटे हुए भाग से | ||
− | + | है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता | |
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कम्मो दादी की धोती के पैबंद से | कम्मो दादी की धोती के पैबंद से | ||
− | और पसीने की आती | + | और पसीने की आती हुई गंध से |
उसके जूआ छुड़ाने की सौगंध से | उसके जूआ छुड़ाने की सौगंध से | ||
− | + | है मेरा वास्ता, मेरा है वास्ता | |
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उसकी छत से टपकती हुई बूँद से | उसकी छत से टपकती हुई बूँद से | ||
पंक्ति 64: | पंक्ति 60: | ||
ज़ुल्म ढाते हुए स्याह क़ानून से | ज़ुल्म ढाते हुए स्याह क़ानून से | ||
− | तेरा हो या ना हो मेरा है वास्ता | + | तेरा हो या ना हो, तेरा हो या ना हो, मेरा है वास्ता |
जाना पहचाना लगता है ये रास्ता | जाना पहचाना लगता है ये रास्ता | ||
+ | कितना अपना सा लगता है ये रास्ता | ||
− | है मेरा | + | मेरा है वास्ता, मेरा है वास्ता |
− | है मेरा | + | मेरा है वास्ता, मेरा है वास्ता |
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12:29, 1 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
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