"यमलोक में एक निर्भय अमानत 'दामिनी' -आदित्य चौधरी" के अवतरणों में अंतर
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"सावित्री का पति तो आपने जीवित कर दिया, यदि आप न भी करते तो 'विवाह' तो दूसरा भी हो सकता है, पति या पत्नी तो दूसरे... तीसरे... कितने भी हो सकते हैं प्रभु ! लेकिन जो मैंने खोया है उसे न आप लौटा सकते हैं और न हमारा विधाता साक्षात ईश्वर ही... मैं आपसे ये पूछना चाहती हूँ कि किसी लड़की के लिए ही कुँवारा होना क्यों ज़रूरी है ? यह सिर्फ़ हमारे देश की समस्या हो ऐसा नहीं है... अंग्रेज़ों को तो दुनिया की सबसे सभ्य जाति माना जाता है... इंग्लॅण्ड के राजकुमार प्रिंस ऑफ़ वेल्स चार्ल्स की शादी जब डायना से निश्चित हुई तो वहाँ के शाही नियम के अनुसार डायना का कौमार्य परीक्षण हुआ... अगर परीक्षण ही होना था तो दोनों का होना था... चार्ल्स का भी होना चाहिए था... लेकिन जब चार्ल्स की दूसरी शादी हुई तो कॅमिला का यह परीक्षण नहीं हुआ क्योंकि वह तो अनेक वर्षों से चार्ल्स की पत्नी की तरह रह रही थी।... है कोई उत्तर आपके पास ?" | "सावित्री का पति तो आपने जीवित कर दिया, यदि आप न भी करते तो 'विवाह' तो दूसरा भी हो सकता है, पति या पत्नी तो दूसरे... तीसरे... कितने भी हो सकते हैं प्रभु ! लेकिन जो मैंने खोया है उसे न आप लौटा सकते हैं और न हमारा विधाता साक्षात ईश्वर ही... मैं आपसे ये पूछना चाहती हूँ कि किसी लड़की के लिए ही कुँवारा होना क्यों ज़रूरी है ? यह सिर्फ़ हमारे देश की समस्या हो ऐसा नहीं है... अंग्रेज़ों को तो दुनिया की सबसे सभ्य जाति माना जाता है... इंग्लॅण्ड के राजकुमार प्रिंस ऑफ़ वेल्स चार्ल्स की शादी जब डायना से निश्चित हुई तो वहाँ के शाही नियम के अनुसार डायना का कौमार्य परीक्षण हुआ... अगर परीक्षण ही होना था तो दोनों का होना था... चार्ल्स का भी होना चाहिए था... लेकिन जब चार्ल्स की दूसरी शादी हुई तो कॅमिला का यह परीक्षण नहीं हुआ क्योंकि वह तो अनेक वर्षों से चार्ल्स की पत्नी की तरह रह रही थी।... है कोई उत्तर आपके पास ?" | ||
"पुत्री तुम्हारा प्रत्येक तर्क ठीक है। मैं सहमत हूँ।" धर्मराज बोले | "पुत्री तुम्हारा प्रत्येक तर्क ठीक है। मैं सहमत हूँ।" धर्मराज बोले | ||
− | "स्त्री की समस्या यहीं समाप्त नहीं होती... मान लीजिए कोई लड़की यदि बलात्कार का विरोध नहीं करती है... वह नियति मान कर अपनी जान की रक्षा के लिए चुपचाप बिना किसी विरोध के बलात्कार में सहमति दे देती है, जिससे कि कम से कम मार खाने से तो बच जाय | + | "स्त्री की समस्या यहीं समाप्त नहीं होती... मान लीजिए कोई लड़की यदि बलात्कार का विरोध नहीं करती है... वह नियति मान कर अपनी जान की रक्षा के लिए चुपचाप बिना किसी विरोध के बलात्कार में सहमति दे देती है, जिससे कि कम से कम मार खाने से तो बच जाय और वहाँ पुलिस आ जाती है तो उस लड़की को निश्चित ही वैश्यावृत्ति के जुर्म में गिरफ़्तार किया जाएगा... क्या वह लड़की यह साबित कर पाएगी कि वह वैश्या नहीं है ? पुलिस कहेगी कि बलात्कार हो रहा था तो चीख़ने-चिल्लाने की आवाज़ भी आनी चाहिए और चोट के निशान भी होने चाहिए... सबसे अधिक दर्दनाक दृश्य तो तब बनता है जब विरोध पक्ष का वकील यह साबित करने का प्रयास करता है कि बलात्कार तो हुआ ही नहीं... ये हैं आपके बनाए मनुष्य के विधि-विधान..." |
"जहाँ तक हम विचार करते हैं विधि का निर्माण तो मनुष्य के उस समूह द्वारा होता है जिसे 'बुद्धिजीवी' कहते हैं, तो फिर समस्या क्या है चित्रगुप्त ?" | "जहाँ तक हम विचार करते हैं विधि का निर्माण तो मनुष्य के उस समूह द्वारा होता है जिसे 'बुद्धिजीवी' कहते हैं, तो फिर समस्या क्या है चित्रगुप्त ?" | ||
"इसका उत्तर देने में निश्चित रूप से दामिनी सक्षम होगी प्रभु ! उसी से पूछते हैं।" चित्रगुप्त ने कहा | "इसका उत्तर देने में निश्चित रूप से दामिनी सक्षम होगी प्रभु ! उसी से पूछते हैं।" चित्रगुप्त ने कहा |
14:35, 31 दिसम्बर 2012 का अवतरण
![]() यमलोक में एक निर्भय अमानत 'दामिनी' -आदित्य चौधरी यमलोक में यमराज अपने सिंहासन पर विराजमान हैं। चित्रगुप्त अपने बही खाते से अपरिमित ब्रह्माण्ड में व्याप्त 84 लाख योनियों का असंख्य-असंख्य युगों, चतुर्युगों और मंवंतरों का लेखा-जोखा देख रहे हैं। किसने क्या कर्म किए और वे कैसे थे, किसे स्वर्ग दें किसे नर्क, किसे मोक्ष मिले और किसे पशु योनि। यह सब चल ही रहा था कि सचिव ने घोषणा की-
यदि इस प्रकार की व्यवस्था हो सके तो सुधार संभव है वरना तो सब बेकार की बातें हैं।..." |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ यह व्यवस्था बड़े शहरों के लिए ही होगी इस कड़े में यह व्यवस्था होती है कि जैसे ही इस कड़े पर दवाब बढ़ता है या इसे खोला जाता है इसकी सूचना निकटतम पुलिस तंत्र को मिल जाती है और पुलिस वहाँ पहुंच जाती है। इसके बटन को दबाने से ही पुलिस को बुलाया जा सकता है।
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