"यमलोक में एक निर्भय अमानत 'दामिनी' -आदित्य चौधरी" के अवतरणों में अंतर
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यदि हमारे देश में प्रजातंत्र है तो हमारे देश की सरकार हमारे समाज का आइना ही होगी और सरकार में नेता यदि योग्य और आदर्शवादी नहीं हैं तो उसका कारण है कि हमारे गली-मुहल्ले में ही कितने आदर्शवादी रहते हैं ? ऐसी कितनी पत्नी हैं जो अपने पति से कहती हैं कि चाहे भूखे ही सो जाएंगे लेकिन घर में रिश्वत का एक पैसा नहीं आना चाहिए। | यदि हमारे देश में प्रजातंत्र है तो हमारे देश की सरकार हमारे समाज का आइना ही होगी और सरकार में नेता यदि योग्य और आदर्शवादी नहीं हैं तो उसका कारण है कि हमारे गली-मुहल्ले में ही कितने आदर्शवादी रहते हैं ? ऐसी कितनी पत्नी हैं जो अपने पति से कहती हैं कि चाहे भूखे ही सो जाएंगे लेकिन घर में रिश्वत का एक पैसा नहीं आना चाहिए। | ||
जिस समय मेरे लिए राजपथ पर प्रदर्शन हो रहा था, उस समय राजधानी में ही दबंग फ़िल्म सौ करोड़ की कमाई करने के लिए हाउसफ़ुल ले रही थी। जब कि अख़बारों और टीवी पर तो यह समाचार आना चाहिए कि सिनेमा हॉल ख़ाली रहे... कोई फ़िल्में देखने पहुँचा ही नहीं। जब तक हमारा अपना आँगन साफ़ नहीं होगा तब तक राजपथ से कोई उम्मीद करना नासमझी ही है। मुझे अपने लिए इंसाफ़ तब तक नहीं चाहिए प्रभु ! जब तक कि उन सभी लड़कियों को भी न्याय नहीं मिलता जिनके लिए कोई प्रदर्शन और आंदोलन नहीं हुए क्योंकि उन लड़कियों में से कोई सुदूर राज्य में किसी गांव की है, कोई दलित, कोई आदिवासी और कोई अल्पसंख्यक है। | जिस समय मेरे लिए राजपथ पर प्रदर्शन हो रहा था, उस समय राजधानी में ही दबंग फ़िल्म सौ करोड़ की कमाई करने के लिए हाउसफ़ुल ले रही थी। जब कि अख़बारों और टीवी पर तो यह समाचार आना चाहिए कि सिनेमा हॉल ख़ाली रहे... कोई फ़िल्में देखने पहुँचा ही नहीं। जब तक हमारा अपना आँगन साफ़ नहीं होगा तब तक राजपथ से कोई उम्मीद करना नासमझी ही है। मुझे अपने लिए इंसाफ़ तब तक नहीं चाहिए प्रभु ! जब तक कि उन सभी लड़कियों को भी न्याय नहीं मिलता जिनके लिए कोई प्रदर्शन और आंदोलन नहीं हुए क्योंकि उन लड़कियों में से कोई सुदूर राज्य में किसी गांव की है, कोई दलित, कोई आदिवासी और कोई अल्पसंख्यक है। | ||
− | जहाँ तक सवाल अपराधियों को सज़ा देने का है तो यह सभी जानते हैं कि फांसी की सज़ा से हत्याएं कम नहीं होती तो बलात्कार कैसे कम हो जाएंगें ? दिल्ली में सन 2012 में बलात्कार के 650 केस रजिस्टर हुए। याने पूरे वर्ष रोज़ाना दो बलात्कार हुए। आप भी जानते हैं कि बलात्कार तो इससे बहुत ज़्यादा हुए लेकिन जो लिखे गए वे इतने हैं। यूरोप के हालात तो और भी बदतर हैं, न्यूयॉर्क में रोज़ाना औसतन 7 बलात्कार के केस दर्ज होते हैं और लंदन में 9। गांवों के हालात तो ऐसे हैं कहते हुए भी डर लगता है। लड़कियों को छेड़े जाने की तो बात करना भी बेकार है। | + | जहाँ तक सवाल अपराधियों को सज़ा देने का है तो यह सभी जानते हैं कि फांसी की सज़ा से हत्याएं कम नहीं होती तो बलात्कार कैसे कम हो जाएंगें ? दिल्ली में सन 2012 में बलात्कार के 650 केस रजिस्टर हुए। याने पूरे वर्ष रोज़ाना दो बलात्कार हुए। आप भी जानते हैं कि बलात्कार तो इससे बहुत ज़्यादा हुए लेकिन जो लिखे गए वे इतने हैं। यूरोप के हालात तो और भी बदतर हैं, न्यूयॉर्क में रोज़ाना औसतन 7 बलात्कार के केस दर्ज होते हैं और लंदन में 9। हमारे देश के गांवों के हालात तो ऐसे हैं कि कहते हुए भी डर लगता है। लड़कियों को छेड़े जाने की तो बात करना भी बेकार है। |
ज़रा सोचिए जिस शहर में रोज़ाना ही कई बलात्कार हो रहे हों और यह संख्या प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हो वहाँ आप इस सड़ी-गली व्यवस्था में किस-किस को न्याय और सुरक्षा देंगें ?" | ज़रा सोचिए जिस शहर में रोज़ाना ही कई बलात्कार हो रहे हों और यह संख्या प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हो वहाँ आप इस सड़ी-गली व्यवस्था में किस-किस को न्याय और सुरक्षा देंगें ?" | ||
"तो फिर तुम चाहती क्या हो बिटिया... तुम्हारी दृष्टि में क्या होना चाहिए ?..." | "तो फिर तुम चाहती क्या हो बिटिया... तुम्हारी दृष्टि में क्या होना चाहिए ?..." | ||
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* महिला रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक 'महिला सेना पुलिस' हो जो भारतीय सेना के साथ ही प्रशिक्षण और अभ्यास करे। व्यापक स्तर पर इस सेना में भर्ती हों। देश की प्रत्येक लड़की को इस सेना में कम से कम एक वर्ष तक अपनी सेवाएं देना अनिवार्य हो। | * महिला रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक 'महिला सेना पुलिस' हो जो भारतीय सेना के साथ ही प्रशिक्षण और अभ्यास करे। व्यापक स्तर पर इस सेना में भर्ती हों। देश की प्रत्येक लड़की को इस सेना में कम से कम एक वर्ष तक अपनी सेवाएं देना अनिवार्य हो। | ||
* सभी विद्यालयों में आत्मरक्षा का प्रशिक्षण अनिवार्य हो। | * सभी विद्यालयों में आत्मरक्षा का प्रशिक्षण अनिवार्य हो। | ||
− | * लड़कियों को कलाई पर बंधे होने वाले 'इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा कड़े' मुफ़्त दिए जाएं और भी कई आपातकालिक सुरक्षा उपकरण | + | * लड़कियों को कलाई पर बंधे होने वाले 'इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा कड़े' मुफ़्त दिए जाएं और भी कई आपातकालिक सुरक्षा उपकरण सस्ते होते हैं जो उपलब्ध कराए जा सकते हैं<ref>यह व्यवस्था बड़े शहरों के लिए ही होगी इस कड़े में यह व्यवस्था होती है कि जैसे ही इस कड़े पर दवाब बढ़ता है या इसे खोला जाता है इसकी सूचना निकटतम पुलिस तंत्र को मिल जाती है और पुलिस वहाँ पहुंच जाती है। इसके बटन को दबाने से ही पुलिस को बुलाया जा सकता है।</ref> |
− | यदि इस प्रकार की व्यवस्था हो सके तो सुधार संभव है वरना तो सब बेकार की बातें हैं।..." | + | यदि इस प्रकार की व्यवस्था हो सके तो सुधार संभव है वरना तो सब बेकार की बातें हैं।..." |
− | आइए इस वार्ता से वापस भारतकोश पर चलें... | + | इसके बाद दामिनी चुप हो गयी और आइए अब इस वार्ता से वापस भारतकोश पर चलें... |
− | + | अब मैं और क्या लिखूँ, इस समय मुझे कुछ याद नहीं आ रहा है, सिवाय दुष्यंत कुमार की इन पंक्तियों के... | |
− | इस समय मुझे कुछ याद नहीं आ रहा है, सिवाय दुष्यंत कुमार की इन पंक्तियों के... | ||
"यहाँ तो सिर्फ़ गूँगे और बहरे लोग बसते हैं । | "यहाँ तो सिर्फ़ गूँगे और बहरे लोग बसते हैं । |
01:53, 1 जनवरी 2013 का अवतरण
यमलोक में एक निर्भय अमानत 'दामिनी' -आदित्य चौधरी यमलोक में यमराज अपने सिंहासन पर विराजमान हैं। चित्रगुप्त अपने बही खाते से अपरिमित ब्रह्माण्ड में व्याप्त 84 लाख योनियों का असंख्य-असंख्य युगों, चतुर्युगों और मंवंतरों का लेखा-जोखा देख रहे हैं। किसने क्या कर्म किए और वे कैसे थे, किसे स्वर्ग दें किसे नर्क, किसे मोक्ष मिले और किसे पशु योनि। यह सब चल ही रहा था कि सचिव ने घोषणा की-
यदि इस प्रकार की व्यवस्था हो सके तो सुधार संभव है वरना तो सब बेकार की बातें हैं।..." |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ यह व्यवस्था बड़े शहरों के लिए ही होगी इस कड़े में यह व्यवस्था होती है कि जैसे ही इस कड़े पर दवाब बढ़ता है या इसे खोला जाता है इसकी सूचना निकटतम पुलिस तंत्र को मिल जाती है और पुलिस वहाँ पहुंच जाती है। इसके बटन को दबाने से ही पुलिस को बुलाया जा सकता है।
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