अन्नू रानी
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पूरा नाम | अन्नू रानी |
जन्म | 28 अगस्त, 1992 |
जन्म भूमि | ग्राम बहादुरपुर, ज़िला मेरठ, उत्तर प्रदेश |
अभिभावक | माता- मुन्नी देवी पिता- अमरपाल सिंह |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | भाला फेंक (जेवलिन थ्रो) |
विद्यालय | श्री गांधी स्मारक इंटर कालेज, दबथुआ |
नागरिकता | भारतीय |
कॉमनवेल्थ गेम्स | बर्मिघम, 2022 - भाला फेंक - कांस्य पदक |
एशियन गेम्स | इंचिओन, 2014 - भाला फेंक - कांस्य पदक |
एशियन चैम्पियनशिप | भुवनेश्वर, 2017 - भाला फेंक - कांस्य पदक दोहा, 2019 - भाला फेंक - रजत पदक |
साउथ एशियन गेम्स | गुवाहाटी, 2016 - भाला फेंक - रजत पदक |
लम्बाई | 5 फुट 5 इंच |
कोच | काशीनाथ नाइक |
अन्य जानकारी | अन्नू रानी ने 2019 में एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप, दोहा में रजत पदक जीता। इस प्रदर्शन से उन्होंने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में क्वालिफाइ किया और ऐसा करने वाली पहली महिला भाला फेंक खिलाड़ी बन गईं। |
अद्यतन | 11:29, 18 अगस्त 2022 (IST)
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अन्नू रानी (अंग्रेज़ी: Annu Rani, जन्म- 28 अगस्त, 1992, मेरठ, उत्तर प्रदेश) भारत की सर्वश्रेष्ठ भाला फेंकने वाली महिला खिलाड़ी हैं। उन्होंने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में भारत के लिये कांस्य पदक जीता है। इससे पहले उन्होंने वर्ष 2014 में हुए एशियाई गेम्स में भी कांस्य पदक, फिर 2015 की एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक और 2017 की एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक अपने नाम किया था। अन्नू रानी वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में अपनी जगह पक्की करने वाली भारतीय महिला हैं।
परिचय
अन्नू रानी का जन्म 28 अगस्त, 1992 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में सरधना के निकट करनाल रोड पर बहादुरपुर गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम अमरपाल सिंह और माता का नाम मुन्नी देवी है। अन्नू की तीन बहनें और दो भाई हैं। जिनमें अन्नू सबसे छोटी हैं। अन्नू रानी किसान परिवार में जन्मी थीं। उनका जीवन भी संघर्षों से भरा रहा। लेकिन खेल के प्रति लगन के कारण अन्नू ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अन्नू रानी के सबसे बड़े भाई उपेंद्र कुमार है। उपेंद्र कुमार 5000 मीटर के धावक थे और साथ ही विश्वविद्यालय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी ले चुके हैं। इसके कारण अन्नू रानी का भी खेलो के प्रति आकर्षण बढ़ने लगा और बड़े भाई उपेंद्र कुमार के साथ चार बजे सुबह उठकर गांव के रास्तों में दौड़ने के लिए साथ में जाया करती थी।[1] अन्नू को बचपन में क्रिकेट बहुत पसंद था। वो अक्सर अपने परिवार के साथ बचपन में क्रिकेट खेला करती थी। एक दिन क्रिकेट खेलने के दौरान गेंद को आसानी से फेकने में उन्हे अपने एक नए स्किल यानी भला फेकने के बारे में मालूम हुआ। क्रिकेट के मैदान ने उन्हे एक नई मंजिल दी। वहां से अन्नू को अपने नए हुनर का पता चला।
शिक्षा
मेरठ के बहादुरपुर गांव की रहने वाली अन्नू रानी तीन बहनों और दो भाइयों में सबसे छोटी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई मेरठ से ही की है। उन्होंने कक्षा 6 से 12वीं तक की पढ़ाई श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज दबथुआ से की और अपनी प्रारंभिक पढ़ाई के बाद गांव में ही डिग्री कॉलेज से अपनी स्नातक की पढ़ाई को पूरा किया।
कोच
एथलीट अन्नू रानी को शुरुआत में सही प्रशिक्षण की जरूरत थी। जैसे कि भाले को किस एंगल यानी किस कोण में फेकना है। भाले को हाथ से छोड़ने का सही समय कब है और ट्रांजेक्टी की सही तकनीक का पता होना एक भाले को फेकने के वाले को जानना बहुत ही आवश्यक होता है। इस कमी को दूर करने के लिए 2010 कॉमनवेल्थ कांस्य पदक विजेता और भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी काशीनाथ नाइक से अन्नू रानी ने तकनीक सीखने के लिए प्रशिक्षण लिया।
रिकॉर्ड
- साल 2014 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 58 मीटर दूर भाला फेंक कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
- साल 2014 में ही इचियोन एशियन गेम्स में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 59 मीटर भाला फेंक कर कांस्य पदक अपने नाम किया।
- साल 2016 में नेशनल एथलेटिक्स में फिर से अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 60 मीटर का नया रिकॉर्ड कायम किया।
- साल 2019 के नेशनल चैंपियनशिप में अपने भाला फेंक सफर का सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिसमें 62 मीटर दूर भाला फेंक कर रिकॉर्ड बनाया।
- वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल तक का सफर तय करने वाली भारत की पहली महिला भाला फेंक खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।[1]
वर्ल्ड एथलेटिक चैंपियनशिप, 2022
वर्ल्ड एथलेटिक चैंपियनशिप, 2022 में फाइनल तक पहुंच कर अन्नू रानी स्वर्ण पदक लाने से चूक गई। इस चैंपियनशिप में अन्नू रानी ने सातवे स्थान हासिल किया। अन्नू रानी ने फाइनल के पहले अटैंप में 56 मीटर की दूरी पर भाला फेंक कर अपने मिशन को शुरू किया था। इसमें अन्नू रानी का दूसरा सबसे सर्वश्रेष्ठ अटेम्प्ट 62 मीटर की दूरी वाला था। इसके साथ ही अन्नू रानी भारत की पहली 62 मीटर भाला फेंकने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप प्लेयर बन गई। बाकी के बचे चार अटेम्प्ट में वह कुछ खास नहीं कर पाती और उन्हें सातवे स्थान से ही संतुष्ट होना पड़ा।
बेस्ट थ्रो
अन्नू रानी का अब तक का सबसे बेस्ट थ्रो साल 2019 के नेशनल चैंपियनशिप से निकलकर सामने आया। तब अन्नू रानी ने 62.34 मीटर भाला फेंक कर एक नया इतिहास रचा था और वह भारत की ऐसा करने वाली पहली महिला एथलीट प्लेयर के रूप में सामने आई थीं।
पुरस्कार व सम्मान
- 2014 - राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैंपियनशिप स्वर्ण पदक।[1]
- 2015 - एशियाई चैंपियनशिप कांस्य पदक।
- 2017 - एशियाई चैंपियनशिप रजत पदक।
- 2019 - एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप रजत पदक।
- 2020 - एथलेटिक्स में स्पोर्ट्स स्टार एस स्पोर्स्टवूमन ऑफ द ईयर अवॉर्ड।
- 2022 - कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 - कांस्य पदक।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 अन्नू रानी का जीवन परिचय (हिंदी) snaphindi.com। अभिगमन तिथि: 17 अगस्त, 2021।
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