आरती साहा का कॅरियर
आरती साहा का कॅरियर
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पूरा नाम | आरती साहा गुप्ता |
जन्म | 24 सितम्बर, 1940 |
जन्म भूमि | कोलकाता |
मृत्यु | 23 अगस्त, 1994 |
मृत्यु स्थान | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
अभिभावक | पिता- पंचुगोपाल साहा |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | तैराकी |
पुरस्कार-उपाधि | 'पद्मश्री' (1960) |
प्रसिद्धि | तैराक |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | मिहिर सेन |
अन्य जानकारी | आरती साहा ने ही डॉली नजीर का रिकॉर्ड भी तोड़ने का कारनामा किया था। उन्होंने 1951 में बंगाल स्टेट मीट में 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में डॉली नजीर का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 37.6 सेकंड का समय लिया था। |
आरती साहा की तैराकी प्रतिभा को सचिन नाग ने पहचाना और उसे तराशने का काम शुरू किया। साल 1949 में आरती ने अखिल भारतीय रिकॉर्ड सहित राज्य स्तरीय तैराकी प्रतियोगिताओं को जीता। उन्होंने साल 1952 में हेलसिंकी ओलंपिक में भी भाग लिया।[1]
भारतीय पुरुष तैराक मिहिर सेन से प्रेरित होकर आरती साहा ने इंग्लिश चैनल पार करने की कोशिश की और 29 सितम्बर, 1959 को वे एशिया से ऐसा करने वाली प्रथम महिला तैराक बन गईं। उन्होंने 42 मील की यह दूरी 16 घंटे 20 मिनट में तय कर ली थी। इंग्लिश चैनल को पार कर पहली एशियाई महिला के तौर पर आरती ने अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया। आरती साहा ने यह करनामा 1959 में कर दिखाया था। इंग्लिश चैनल अटलांटिक महासागर की एक शाखा है, जो ग्रेट ब्रिटेन को उत्तरी फ्रांस से अलग करती है और उत्तरी सागर को अटलांटिक से जोड़ती है। इंग्लिश चैनल की लंबाई 560 किलोमीटर है, लेकिन तैरने के लिए इसकी मानक दूरी करीब 35 किलोमीटर है। तैराक को समुद्र में उठने वाले टाइड (ज्वार) बहाकर दूर ले जाते हैं, इसलिए उन्हें कम या ज्यादा भी तैरना पड़ता है।
आरती साहा ने अपने 6 साल स्टेट कॅरियर में कुल 22 इनाम जीते। ये सारे इनाम उन्होंने 1945 से 1951 के बीच जीते थे। उनके पास डॉली नजीर का रिकॉर्ड तोड़ने का भी एक नया रिकॉर्ड है। उन्होंने 1951 में बंगाल स्टेट मीट में 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में डॉली नजीर का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 37.6 सेकंड का समय लिया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ तैराक आरती साहा से जुड़ी 10 रोचक बातें (हिन्दी) azabgazab.com। अभिगमन तिथि: 24 जून, 2017।
बाहरी कड़ियाँ
- क्या आप जानते है देश की जलपरी आरती साहा को
- आरती साहा इंग्लिश चैनल को पार करने वाली प्रथम एशियाई
- 63 साल पहले इंग्लिश चैनल पार करने वाली पहली एशियाई बनीं थी आरती