डी. वी. सदानंद गौड़ा
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पूरा नाम | देवरागुंडा वेंकप्पा सदानंद गौड़ा |
जन्म | 18 मार्च, 1953 |
जन्म भूमि | दक्षिण कन्नड़ ज़िला, कर्नाटक |
अभिभावक | पिता- देववरागुंडा वेंकप्पा गौड़ा, माता- कमला |
पति/पत्नी | दत्ती |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | मुख्यमंत्री, कर्नाटक; रसायन व उर्वरक मंत्री |
कार्य काल | रसायन व उर्वरक मंत्री - 30 मई 2019 से रेलमंत्री - 26 मई 2014 से 9 नवम्बर 2014 |
शिक्षा | एलएलबी |
विद्यालय | सेंट फीलोमेना कॉलेज, पुत्तूर; वैकुंटा बालिगा लॉ कॉलेज, उडुपी |
अन्य जानकारी | सदानंद गौड़ा पाँच साल, 1983 से वर्ष 1988 तक भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के सचिव रहे। वर्ष 2004 में वे राज्य भाजपा के सचिव और बाद में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बने थे। |
अद्यतन | 15:12, 1 फ़रवरी 2020 (IST)
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देवरागुंडा वेंकप्पा सदानंद गौड़ा (अंग्रेज़ी: Devaragunda Venkappa Sadananda Gowda, जन्म- 18 मार्च, 1953, कर्नाटक) भारतीय राजनीतिज्ञों में से एक हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रीमण्डल में 'रसायन एवं उर्वरक' मंत्री का दायित्व सौंपा है। डी. वी. सदानंद गौड़ा कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदयुरप्पा के इस्तीफे के बाद 4 अगस्त 2011 को 26वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी। सदानंद गौड़ा भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और उन्होंने कर्नाटक राज्य में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है। वे 15वीं लोकसभा के लिए उडुपी चिकमंगलूर निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे।
परिचय
18 मार्च, 1953 को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में देववरागुंडा वेंकप्पा गौड़ा और कमला के यहाँ जन्में डी. वी. सदानंद गौड़ा ने सेंट फीलोमेना कॉलेज पुत्तूर से शिक्षा ग्रहण की और वहीं से स्नातक किया तथा उडुपी के वैकुंटा बालिगा लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1976 में डी. वी. सदानंद गौड़ा ने सुलेय और पुत्तूर में वकालत का अभ्यास किया और शिरसी में वकालत की।
वे श्रम आंदोलन में सबसे आगे थे और पुत्तूर विभाजन में भारतीय मजदूर संघ के महासचिव और सुलेय तालुक के ऑटो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष भी थे। दक्षिण कन्नड़ और यक्षगण की लोक कलाओं के अलावा डी. वी. सदानंद गौड़ा बैडमिंटन, टेनिस और खो-खो जैसे खेलों में भी काफी रूचि रखते हैं। सदानंद गौड़ा ने दत्ती से विवाह किया है और उनका एक पुत्र है।[1]
राजनीतिक कैरियर
डी. वी. सदानंद गौड़ा ने जनसंघ के सदस्य के रूप में अपने राजनैतिक कैरियर की शुरुआत की और बाद में एक युवा नेता के रूप में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। सदानंद गौड़ा पाँच साल वर्ष 1983 से वर्ष 1988 तक भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के सचिव रहे। वर्ष 2004 में वे राज्य भाजपा के सचिव और बाद में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बने। 1994 में सदानंद गौड़ा को दक्षिणी कन्नड़ में पुत्तूर से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुना गया था। वर्ष 1999 में उनको उसी निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुना गया और उन्हें राज्य विधानसभा में विपक्ष का उप नेता बनाया गया। वर्ष 2003 में उन्हें राज्य विधानसभा में लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में नामांकित किया गया था। वर्ष 2004 में डी. वी. सदानंद गौड़ा मंगलौर विधानसभा के14वें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वेरप्पा मोइली को पराजित करने में सफल हुए थे। इसके बाद सदानंद गौड़ा ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और वन लोकसभा समिति में कार्य किया।
वर्ष 2005 में उनको भारत सरकार द्वारा कॉफी बोर्ड के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। 2006 में सदानंद गौड़ा को कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। सदानंद गौड़ा ने पार्टी अध्यक्ष के रूप में अपनी नियुक्ति को सही साबित किया, क्योंकि मई 2008 में भाजपा ने पहली बार दक्षिण भारत में विधानसभा चुनाव जीता था। वर्ष 2009 में सदानंद गौड़ा उडुपी चिकमंगलूर निर्वाचन क्षेत्र से 15वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। जब अगस्त 2011 में मुख्यमंत्री बी. एस. येदयुरप्पा को हटा दिया गया, उसके बाद डी. वी. सदानंद गौड़ा को भारतीय जनता पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया और बाद में वह दिसंबर 2011 में कर्नाटक विधान परिषद के लिए निर्वाचित हुए।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ डी. वी. सदानंद गौड़ा की जीवनी (हिंदी) samacharseva.com। अभिगमन तिथि: 1 फ़रवरी, 2020।
- ↑ डी. वी. सदानंद गौड़ा जीवनी (हिंदी) mapsofindia.com। अभिगमन तिथि: 1 फ़रवरी, 2020।
बाहरी कड़ियाँ
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