अमित पंघाल
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पूरा नाम | अमित पंघाल |
जन्म | 16 अक्टूबर, 1995 |
जन्म भूमि | ग्राम मायाना, रोहतक, हरियाणा |
अभिभावक | पिता- विजेंद्र सिंह |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | मुक्केबाज़ी |
प्रसिद्धि | भारतीय मुक्केबाज़ |
नागरिकता | भारतीय |
लम्बाई | 5 फुट 2 इंच |
कोच | अनिल धनखड़ |
विश्व चैम्पियनशिप | येकातेरिनबर्ग, 2019 - फ्लाईवेट - रजत |
एशियन गेम्स | जकार्ता, 2018 - फ्लाईवेट - स्वर्ण |
कॉमनवेल्थ गेम्स | बर्मिघम, 2022 - लाइट फ्लाईवेट -स्वर्ण गोल्ड कोस्ट, 2018 - लाइट फ्लाईवेट - रजत |
एशियन चैम्पियनशिप | बैंकॉक, 2019 - फ्लाईवेट - स्वर्ण दुबई, 2021 - फ्लाईवेट - रजत |
अद्यतन | 10:46, 13 अगस्त 2022 (IST)
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अमित पंघाल (अंग्रेज़ी: Amit Panghal, जन्म- 16 अक्टूबर, 1995, रोहतक, हरियाणा) भारतीय मुक्केबाज़ हैं। उन्होंने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में भारत के लिये स्वर्ण पदक जीता है। अमित पंघाल ने पुरुषों के फ्लाईवेट (48-51 कि.ग्रा.) वर्ग के फाइनल में इंग्लैंड के कियारन मैकडोनाल्ड को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। अमित पंघाल ने गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के पिछले संस्करण में रजत पदक जीत था। विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अमित पंघाल अपने छोटे कद के बावजूद मुकाबले में दोनों मुक्केबाजों में बेहतर दिखाई दिए। उन्होंने यूरोपीय चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता कियारन मैकडोनाल्ड को फ्लाईवेट में 5-0 से हराया।
परिचय
अमित पंघाल का जन्म हरियाणा के रोहतक के मायाना गांव में 16 अक्तूबर, 1995 को हुआ था। इनके पिता का नाम विजेंद्र सिंह है जो एक सामान्य किसान है। इनके बड़े भाई का नाम अजय है जो खुद भी मुक्केबाज़ी का शौक रखते हैं। भाई ने अमित पंघाल को बॉक्सिंग करने के लिए प्रेरित किया, जिससे इन्हें बचपन से ही मुक्केबाजी का माहौल प्राप्त हुआ। बड़े भाई अजय भारतीय सेना में नौकरी कर रहे हैं।
अपने भाई की प्रेरणा पर ही अमित पंघाल अपनी मेहनत के बलबूते बेहतरीन भारतीय मुक्केबाज बने। हालांकि इनके भाई अजय एक बहुत अच्छे बॉक्सिंग प्लेयर थे लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि पिता अमित और अजय दोनों को ही मुक्केबाज़ी के प्रशिक्षण का खर्च दे सकते। उनके बड़े भाई ने समझदारी दिखाई और खुद सामने आकर अपने छोटे भाई अमित को प्रशिक्षण दिलाने पर जोर दिया। अमित पंघाल भी अपने बड़े भाई की उम्मीद पर खड़े हुए। अमित पंघाल खुद अपनी सफलता का श्रेय अपने बड़े भाई को देते हैं और अक्सर कहते हैं कि इनके ज्यादातर खेलों में इनके बड़े भाई रणनीति बनाते हैं। वह एक बेहतरीन कोच हैं। इस कारण किसी भी मैच में जाने से पहले वे उनसे बात जरूर करते हैं।[1]
संघर्ष
अमित पंघाल के बॉक्सर बनने का सफर इनके छोटी उम्र से ही शुरू हो गया। बड़े भाई अमित जो बॉक्सिंग का शौक रखते थे, शुरुआत में रोहतक स्थित 'सर छोटूराम बॉक्सिंग ऐकेडमी' में ट्रेनिंग के लिए जाया करते थे। बाद में अमित भी इसी एकेडमी में ट्रेनिंग के लिए जाने लगे। अमित पंघाल की लम्बाई छोटी है। वह 5 फीट 2 इंच के है, जिस कारण इनके कोच इन्हें रिंग में उतारने से अक्सर कतराते थे। लेकिन अमित ने कभी भी अपनी छोटी ऊंचाई को नुकसान नहीं समझा। अपनी ऊँचाई पर ध्यान ना देते हुए अपने सफलता पाने पर ध्यान दिया। जिस कारण वे एक ऐसे मुक्केबाज बने जो जब रिंग में खुद जाते हैं तो सामने वाले मुक्केबाज का बच पाना मुश्किल हो जाता है।
बदलना पड़ा भारवर्ग
अमित पंघाल पहले 49 किलोग्राम भार वर्ग में खेला करते थे लेकिन ओलंपिक में 49 किलोग्राम भार वर्ग के खेल में स्वर्ण पदक जीतने में असफल रहे। तब इन्होंने 52 क्रि.गा. में खेलने का फैसला किया और 2019 में रूस के विश्व चैंपियनशिप में बॉक्सिंग के 52 कि.ग्रा. वर्ग में जीत हासिल करके रजत पदक अपने नाम किया और भारतीय मुक्केबाजी के इतिहास को रचा रिया।
उपलब्धियाँ
साल 2009 में अमित पंघाल ने सबसे पहले भारतीय सब-जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लिया और इसमें जीत प्राप्त करके स्वर्ण पदक हासिल किया। उसके बाद साल 2010 के भारत के जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में इन्होंने रजत पदक प्राप्त की।
साल 2011 में दुबारा भारतीय जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अपनी जीत से रजत पदक प्राप्त की। 2016 के राष्ट्रीय चैंपियनशिप में ये स्वर्ण पदक को हासिल करने में सक्षम हुए। वहीं साल 2017 में स्ट्रैंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट में रजत पदक प्राप्त की। 2017 के एएसबीसी एशियाई परिसंघ मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग लेकर रजत पदक प्राप्त की। इसी साल के ग्रांड प्रिक्स उस्ती नाद लाबेम में स्वर्ण पदक हासिल की। 2018 के इंडियन ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप और 69वां स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इसी साल के राष्ट्रीय मंडल खेल में इन्होंने रजत पदक प्राप्त की। वहीं केमिस्ट्री का अपने ब्रोंज पदक और एशियाई खेल में स्वर्ण पदक अपने नाम किया।[1]
साल 2019 में रूस में आयोजित विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रजत पदक प्राप्त करके अमित पंघाल ने इतिहास रचा, क्योंकि अब तक कोई भी भारत के मुक्केबाज ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियन में रजत पदक नहीं प्राप्त किया था। अब तक केवल कांस्य पदक प्राप्त किए थे। लेकिन अमित बंगाल पहले मुक्केबाज प्लेयर हुए, जिन्होंने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रजत पदक प्राप्त किया।
पुरस्कार
- हरियाणा राज्य मुक्केबाजी चैम्पियनशिप, 2011 की 37वी जूनियर पुरुष में सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज का पुरस्कार।
- हरियाणा राज्य मुक्केबाजी चैम्पियनशिप, 2012 की 38वी जूनियर पुरुषों में सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज का पुरस्कार।
- हरियाणा गौरव पुरस्कार, 2019
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 अमित पंघाल का जीवन परिचय (हिंदी) thesimplehelp.com। अभिगमन तिथि: 10 अगस्त, 2022।
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