बिंदियारानी देवी
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पूरा नाम | बिंदियारानी देवी |
जन्म | 27 जनवरी, 1999 |
जन्म भूमि | मणिपुर, भारत |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | भारोत्तोलन (वेटलिफ़्टिंग) |
प्रसिद्धि | भारतीय भारोत्तोलक |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | जेरेमी लालरिनुंगा, संकेत महादेव, गुरुराजा पुजारी |
अन्य जानकारी | बिंदियारानी देवी ने 2021 संस्करण में रजत प्राप्त करने से पहले 2019 में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप का स्वर्ण जीता था। |
अद्यतन | 15:43, 3 अगस्त 2022 (IST)
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बिंदियारानी देवी (अंग्रेज़ी: Bindyarani Devi, जन्म- 27 जनवरी, 1999) भारत की महिला भारोत्तोलक (वेटलिफ़्टर) हैं। उन्होंने 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों (कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022, बर्मिघम, इंग्लैंड) में इतिहास का अपना पहला पदक जीता है। मणिपुर की महिला वेटलिफ्टर बिंदियारानी देवी ने 55 कि.ग्रा. वज़न कैटेगरी में रजत पदक जीता है। उन्होंने कुल 202 कि.ग्रा. का वज़न उठाया। यह भारत का कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 का चौथा पदक था। इससे पहले मीराबाई चानू ने स्वर्ण, गुरुराज पुजारी ने कांस्य और संकेत महादेव ने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया था।
परिचय
- मीराबाई चानू की तरह बिंदियारानी देवी भी मणिपुर की रहने वाली हैं।
- उन्होंने 2021 संस्करण में रजत प्राप्त करने से पहले 2019 में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप का स्वर्ण जीता था।
- एक किसान की बेटी, जो किराने की दुकान की भी मालिक हैं, बिंदियारानी देवी ने अपनी छोटी लंबाई के कारण भारोत्तोलन शुरू किया।
- बिंदियारानी देवी का कहना था कि, "यह मेरा पहला राष्ट्रमंडल खेल है और मैं सिल्वर जीतने के साथ ही खेलों के रिकॉर्ड को लेकर बहुत खुश हूं।" उनका कहना था कि मैं 2008 से 2012 तक ताइक्वांडो खेलती थी लेकिन फिर वेटलिफ्टिंग करने का फैसला किया। मुझे लंबाई की समस्या थी। इसलिए मुझे शिफ्ट होना पड़ा। सभी ने कहा कि मेरी लंबाई वेटलिफ्टटिंग के लिए आदर्श है।"
राष्ट्रमंडल खेल, 2022 की रजत विजेता
बिंदियारानी देवी ने स्नैच में 86 कि.ग्रा. का वजन उठाया। स्नैच के बाद वह तीसरे नंबर पर थीं, लेकिन क्लीन एंड जर्क में उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड वजन उठाया। उन्होंने 116 कि.ग्रा. का भार उठाया और सिल्वर मेडल जीत लिया। उन्होंने कुल 202 कि.ग्रा. का वजन उठाया। नाइजिरिया की अदिजत ओलारिनोय ने स्वर्ण जीता। ओलारिनोय ने कुल 203 कि.ग्रा. का वजन उठाकर गेम्स का रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पर कब्जा जमाया। इंग्लैंड को कांस्य पदक मिला।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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