डी. बी. देवधर
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व्यक्तिगत परिचय
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पूरा नाम | दिनकर बलवंत देवधर | ||
जन्म | 14 जनवरी, 1892 | ||
जन्म भूमि | पुणे, महाराष्ट्र | ||
मृत्यु | 24 अगस्त, 1993 | ||
मृत्यु स्थान | पुणे, महाराष्ट्र | ||
खेल परिचय
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बल्लेबाज़ी शैली | दायें हाथ के बल्लेबाज | ||
गेंदबाज़ी शैली | लेग ब्रेक | ||
टीम | भारत | ||
भूमिका | बल्लेबाज | ||
कैरियर आँकड़े
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प्रारूप | टेस्ट क्रिकेट | एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय | टी-20 अन्तर्राष्ट्रीय |
मुक़ाबले | 81 | ||
बनाये गये रन | 4522 | ||
बल्लेबाज़ी औसत | 39.32 | ||
100/50 | 9/27 | ||
सर्वोच्च स्कोर | 246 | ||
फेंकी गई गेंदें | 970 | ||
विकेट | 11 | ||
गेंदबाज़ी औसत | 53.27 | ||
पारी में 5 विकेट | 0 | ||
मुक़ाबले में 10 विकेट | 0 | ||
सर्वोच्च गेंदबाज़ी | 2/24 | ||
कैच/स्टम्पिंग | 70/0 |
दिनकर बलवंत देवधर (अंग्रेज़ी: Dinkar Balwant Deodhar, जन्म- 14 जनवरी, 1892; मृत्यु- 24 अगस्त, 1993) भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी थे, जो महाराष्ट्र से थे। भारत में प्रसिद्ध क्रिकेट टूर्नामेंट 'देवधर ट्रॉफी' इनके नाम पर ही खेला जाता है। साल 1991 में भारत सरकार ने दिनकर बलवंत देवधर को 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया था।
- प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 50 ओवर के खेल टूर्नामेंट का नाम 'देवधर' के नाम पर रखा गया था। वर्तमान में यह राष्ट्रीय टीमों के बीच खेला जाने लगा है। बीसीसीआई ने कोविड महामारी के कारण 2021 में इसे रद्द कर दिया था।
- दिनकर बलवंत देवधर (डी. बी. देवधर) सबसे प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेटर रहे, जिन्होंने आधिकारिक टेस्ट खेला और 1911 से 1948 तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते रहे।
- भारतीय क्रिकेट परिषद (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष और महाराष्ट्र क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रहे दिनकर बलवंत देवधर का जन्म 14 जनवरी, 1892 को पुणे में हुआ था।
- इस आक्रामक बल्लेबाज ने अपने मैच पहले विश्व युद्ध से पहले और दूसरे विश्व युद्ध के बाद खेले।
- दिनकर बलवंत देवधर को भारतीय क्रिकेट का ग्रैंड ओल्ड मैन कहा जाता था, शायद यही कारण था कि उन्होंने रणजी ट्रॉफी सीज़न 1940 में 48 साल की उम्र में 246 रन बनाए थे।
- सन 1944-1945 में रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में अपने घरेलू मैदान पर टीम महाराष्ट्र के लिए पहले मैच में टीम भारी संकट में थी। तब 52 वर्षीय बल्लेबाज दिनकर बलवंत देवधर बल्लेबाजी करने आए और दोनों पारियों में 100 रन बनाए।
- उनकी कप्तानी में टीम महाराष्ट्र ने लगातार दो साल 1939-1941 तक रणजी ट्रॉफी जीती थी।
- उनकी दूसरी भूमिका कॉलेज में संस्कृत पढ़ाने वाले प्रोफेसर की थी।
- 101 वर्ष की आयु में दिनकर बलवंत देवधर का निधन हो गया। वे 100 वर्ष की आयु का आंकड़ा छूने वाले एकमात्र भारतीय क्रिकेटर थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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