होमी मोतीवाला
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पूरा नाम | होमी डैडी मोतीवाला |
अन्य नाम | होमी मोतीवाला |
जन्म | 18 जून, 1958 |
जन्म भूमि | मुम्बई, महाराष्ट्र |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | नौका क्रीड़ा |
विद्यालय | स्कॉटिश हाई स्कूल, बम्बई |
पुरस्कार-उपाधि | ‘अर्जुन पुरस्कार’ (1993), 'राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार' (1994), 'द्रोणाचार्य पुरस्कार' (2002), ‘शिव छत्रपति अवॉर्ड’ (1990) |
प्रसिद्धि | भारतीय नौकायन |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग |
अन्य जानकारी | होमी डैडी मोतीवाला ने नौका-क्रीड़ा में अनेक प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता अर्जित की है। उन्होंने 1987-88 में बम्बई से सिडनी तक नौकायन अभियान में हिस्सा लिया। |
होमी डैडी मोतीवाला (अंग्रेज़ी: Homi Dady Motivala, जन्म- 18 जून, 1958, मुम्बई, महाराष्ट्र) नौकायन में भारत के श्रेष्ठ खिलाड़ी रहे हैं। उन्हें 1993 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया तथा 1994-1995 के लिए संयुक्त रूप से पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग के साथ ‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार’ दिया गया। 2002 में उन्हें नौका-क्रीड़ा में बेहतरीन कोचिंग देने के लिए ‘द्रोणाचार्य पुरस्कार’ प्रदान किया गया।[1] होमी डैडी मोतीवाला ने नौका-क्रीड़ा में अनेक प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता अर्जित की है। उन्होंने 1987-88 में बम्बई से सिडनी तक नौकायन अभियान में हिस्सा लिया।
परिचय
मोतीवाला ने स्कॉटिश हाई स्कूल, बम्बई से शिक्षा प्राप्त की और नेशनल डिफेन्स अकादमी से ट्रेनिंग लेकर जल-सेना में नौकरी प्राप्त कर ली। उन्होंने 1983 में नौका-क्रीड़ा की राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती, फिर 1986 व 1990 में भी उन्होंने अपने-साथी पी.के. गर्ग के साथ राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती। 1992 में सी-बर्ड क्लास में वह राष्ट्रीय चैंपियन बने । उन्होंने 1990 तथा 1993 में राष्ट्रीय मैच रेसिंग चैंपियनशिप में क्रमश: स्वर्ण व रजत पदक जीते। 1993 में मोतीवाला ने जिंबाब्वे में वर्ल्ड एंटरप्राइज चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। 1990 के बीजिंग एशियाई खेलों तथा 1994 के हिरोशिमा एशियाई खेलों में मोतीवाला ने कांस्य पदक जीते।
मोतीवाला ने अनेकों विश्व स्तर की अन्य प्रतियोगिताएं भी जीतीं जैसे 1990 के साउथ वेस्ट एरिया चैंपियनशिप, यू.के. की नॉर्थ ईस्ट एरिया (1990) में उन्होंने कांस्य पदक जीता। टॉलशिप्स आस्ट्रेलिया के सेलिंग अभियान में उन्होंने बम्बई से सिडनी तक सेलिंग की। उन्हें 1983 में शौर्य चक्र प्रदान किया गया। 1990 में महाराष्ट्र सरकार का ‘शिव छत्रपति अवॉर्ड’ दिया गया। 1994 में ‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार' संयुक्त रूप से दिया गया।
उपलब्धियां
- उन्होंने 1983, 1984, 1986, 1987, 1990, 1991 में याचिंग एसोसिएशन ऑफ इडिया की राष्ट्रीय टीम चैंपियनशिप जीती।
- मोतीवाला ने प्रथम व्यक्तिगत राष्ट्रीय चैंपियनशिप 1983 में जीती।
- 1993 में जिंबाब्वे में वर्ल्ड एंटरप्राइजेज चैंपियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।
- उन्होंने 1990 व 1994 के एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता।
- 1997 में वह भारतीय टीम के कोच भी थे जब टीम ने एन्टरप्राइज वर्ल्ड चैंपियनशिप में एक रजत व एक कांस्य पदक जीता।
- उन्हें 1993 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
- उन्हें 1983 में सेना का शौर्य चक्र प्रदान किया गया । तब वह थल सेना में कमाडंर थे।
- 1989-90 के लिए उन्हें महाराष्ट्र सरकार की ओर से ‘शिव छत्रपति अवॉर्ड’ प्रदान किया गया ।
- उन्हें 1990 तथा 1993 में ‘याट्समैन ऑफ द इयर’ ट्राफी प्रदान की गई।
- 1994 में उन्हें पी.के. गर्ग के साथ संयुक्त रूप से देश का सर्वोच्च खेल सम्मान ‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार' प्रदान किया गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ होमी डैडी मोतीवाला (हिंदी) कैसे और क्या। अभिगमन तिथि: 27 अगस्त, 2016।