मनु भाकर
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पूरा नाम | मनु भाकर |
जन्म | 18 फ़रवरी, 2002 |
जन्म भूमि | गोरिया गाँव, झज्जर, हरियाणा |
अभिभावक | पिता- राम किशन भाकर माता- सुमेधा |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | निशानेबाज़ी |
विद्यालय | यूनिवर्सल पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, झज्जर, हरियाणा |
पुरस्कार-उपाधि | अर्जुन पुरस्कार (अगस्त, 2020 |
प्रसिद्धि | भारतीय महिला निशानेबाज़ |
नागरिकता | भारतीय |
कोच | जसपाल राणा |
क़द | 5’5” |
अन्य जानकारी | साल 2017 में मनु भाकर ने केरल में नेशनल चैंपियनशिप में 9 स्वर्ण पदक जीतकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। इसी वर्ष एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में भाकर ने रजत पदक अपने नाम किया। |
अद्यतन | 13:51, 8 अगस्त 2021 (IST)
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मनु भाकर (अंग्रेज़ी: Manu Bhaker, जन्म- 18 फ़रवरी, 2002, झज्जर, हरियाणा) भारतीय महिला निशानेबाज़ हैं। 2018 के आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत के लिए दो स्वर्ण पदक जीते। इस प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली वे भारत की सबसे कम उम्र की महिला खिलाड़ी हैं। मनु भाकर ने महज 16 साल की उम्र में 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में एयर पिस्टल स्पर्धा में दो स्वर्ण जीते हैं। वर्ष 2020 में उन्हें प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
परिचय
मनु भाकर का जन्म हरियाणा के झज्जर के गोरिया गांव में 18 फरवरी 2002 में हुआ। उन्होंने यूनिवर्सल पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई की। उनके पिता मर्चेंट नेवी में इंजीनियर हैं और माता टीचर हैं।[1]
निशानेबाज़ी
मनु भाकर ने खेल की दुनिया में शुरुआत बॉक्सिंग से की थी। उन्हें बचपन से ही खेल का बहुत शौक था और तब उनकी उम्र सिर्फ 6 साल थी। बचपन में बॉक्सिंग करते समय उनकी आंख में चोट लग गई, जिसके बाद उनकी मां ने उन्हें बॉक्सिंग करने से मना कर दिया और उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ दिया। लेकिन खेल के प्रति दीवानगी और जुनून के कारण उन्होंने खेल से नाता नहीं तोड़ा। इसके बाद उन्होंने कबड्डी, क्रिकेट, कराटे, और स्केटिंग में भी अपना खेल दिखाया। देखते ही देखते उनका रुझान तैराकी और फिर लॉन टेनिस की ओर हुआ।
एक दिन मनु भाकर अपने पिता के साथ शूटिंग रेंज में घूम रही थीं और उसी समय उनके पिता ने उनसे शूटिंग करने के लिए कहा और तभी मनु भाकर ने पहली बार में बहुत बेहतरीन शूट किया। यहीं से मनु भाकर का शूटिंग में इंटरेस्ट बढ़ने लगा। इसके बाद वह स्कूल में ही शूटिंग की ट्रेनिंग लेने लगी। इसके बाद नेशनल कोच जसपाल राणा ने मनु भाकर को शूटिंग की ट्रेनिंग दी। मनु भाकर ने 2016 में अपने स्कूल में शूटिंग की शुरुआत की। उनके गांव गोरिया से 25 किलोमीटर दूर स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ही केवल शूटिंग रेंज है। जहां पर उन्हें 5 घंटे डेली ट्रेनिंग दी जाती थी। इसी बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मनु भाकर ने इतने कम समय में कितनी मेहनत की और आज वह नेशनल चैंपियन हैं।[1]
उपलब्धियाँ
- साल 2017 में मनु भाकर ने केरल में नेशनल चैंपियनशिप में 9 स्वर्ण पदक जीतकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। इसी वर्ष एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में भाकर ने रजत पदक अपने नाम किया।
- मैक्सिको के गुआदालाजरा में 2018 अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट शूटिंग वर्ल्ड कप के 10 मीटर एयर पिस्टल फ़ाइनल में मनु भाकर ने दो बार के चैंपियन अलेजांद्रा ज़वाला को हराया। इस जीत से वे वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गईं।
- उन्होंने 2018 में आईएसएसएफ़ जूनियर विश्व कप में भी डबल स्वर्ण जीता। उसी वर्ष, 16 साल की उम्र में उन्होंने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। अपने स्कोर के साथ-साथ उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में एक नया रिकॉर्ड भी स्थापित कर किया।
- मई 2019 में मनु भाकर ने म्यूनिख आईएसएसएफ़ विश्व कप में चौथे स्थान पर रहने के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।
- अगस्त 2020 में मनु भाकर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक वर्चुअल पुरस्कार समारोह में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 मनु भाकर जीवन परिचय (हिंदी) hindimotive99.com। अभिगमन तिथि: 08 अगस्त, 2021।