नीरज चोपड़ा
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पूरा नाम | नीरज चोपड़ा |
जन्म | 24 दिसंबर, 1997 |
जन्म भूमि | खंडरा गांव, पानीपत, हरियाणा |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | ट्रैक और फील्ड |
पुरस्कार-उपाधि | परम विशिष्ट सेवा पदक, 2022 विशिष्ट सेवा पदक (2020) |
प्रसिद्धि | ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 की भाला फेंक प्रतियोगिता में एकमात्र स्वर्ण पदक विजेता भारतीय खिलाड़ी। |
नागरिकता | भारतीय |
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप | बुडापेस्ट, 2023 - स्वर्ण पदक - भाला फेंक ओरेगन, 2022 - रजत पदक - भाला फेंक |
ओलम्पिक खेल | टोक्यो, 2020 - स्वर्ण पदक - भाला फेंक |
ऐशियन खेल | जकार्ता, 2018 - स्वर्ण पदक - भाला फेंक |
राष्ट्रमंडल खेल | स्वर्ण कोस्ट, 2018 - स्वर्ण पदक - भाला फेंक |
ऐशियन चैम्पियनशिप | भुवनेश्वर, 2017 - स्वर्ण पदक - भाला फेंक |
साउथ ऐशियन खेल | गुवाहाटी/शिलोंग, 2016 - स्वर्ण पदक - भाला फेंक |
वर्ल्ड जूनियर चैम्पियनशिप | बिदुगोश्ट, 2016 - स्वर्ण पदक - भाला फेंक |
एशियाई जूनियर चैंपियनशिप | हो ची मिन्ह शहर, 2016 - रजत पदक - भाला फेंक |
अन्य जानकारी | अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी विश्व चैम्पियनशिप स्तर पर एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा दूसरे भारतीय हैं। |
अद्यतन | 12:17, 28 अगस्त 2023 (IST)
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नीरज चोपड़ा (अंग्रेज़ी: Neeraj Chopra, जन्म: 24 दिसंबर, 1997) भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट प्रतिस्पर्धा में भाला फेंकने वाले खिलाड़ी हैं। अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी विश्व चैम्पियनशिप स्तर पर एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले वह दूसरे भारतीय हैं। भारत के इस स्टार भाला फेंक एथलीट ने 18वें एशियाई खेलों में भी भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था। नीरज चोपड़ा को भारतीय सेना में सूबेदार, जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) के रूप में स्थान दिया गया है। साल 2018 में अपने बेहतरीन खेल प्रदर्शन की बदौलत नीरज चोपड़ा को भारत सरकार द्वारा 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। नीरज चोपड़ा ने ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक-2020 (टोक्यो ओलम्पिक) में हिस्सा लेकर स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। नीरज ने 87.58 की सर्वश्रेष्ठ दूरी तय करते हुए स्वर्ण पर कब्जा किया। क्वालिफिकेशन राउंड में भी नीरज अपने ग्रुप में टॉप पर रहे थे। साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक के बाद ये भारत का पहला स्वर्ण पदक है।
परिचय
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर,1997 को पानीपत जिले के खंडरा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम सतीश कुमार एवं माता का नाम सरोज देवी है। नीरज अपने पांच भाई बहनों में सबसे बड़े हैं और इनकी दो बहनें भी हैं। भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा के पिता खंडरा गांव में किसान हैं और खेतीबाड़ी करके अपना घर चलाते हैं और इनकी माँ सरोज देवी एक ग्रहणी हैं। नीरज अपनी पढ़ाई के लिए सिर्फ नौवीं कक्षा तक स्कूल गए, उसके बाद जैवलिन थ्रो के अभ्यास के लिए देश विदेश के दौरे पर जाना पड़ता था, जिसकी वजह से उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई ओपन शिक्षा के माध्यम से जारी रखी और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बी.ए. की डिग्री हासिल की।[1]
कोच
नीरज चोपड़ा के मुख्य कोच का नाम उवे होन है जो की जर्मनी के पूर्व पेशेवर जैवलिन एथलीट हैं हालाँकि नीरज चोपड़ा के पूर्व कोच का नाम गैरी कैलवर्ट था जिनका साल 2018 बीजिंग में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
उपलब्धियाँ
- अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी विश्व चैम्पियनशिप स्तर पर एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले वह दूसरे भारतीय हैं। बायडगोसज्च्ज़, पोलैंड में आयोजित 2016 आइएएएफ U20 विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की। इस पदक के साथ-साथ उन्होंने एक विश्व जूनियर रिकॉर्ड भी स्थापित किया।
- भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने 18वें एशियाई खेलों में भारत को 8वां स्वर्ण पदक दिलाया। खेलों के 9वें दिन उन्होंने 88.06 मीटर भाला फेंक कर इतिहास रचा। एशियाई खेलों में इससे पहले भारत को कभी भी स्वर्ण पदक हासिल नहीं हुआ था। दिल्ली में खेले गए पहले एशियाई खेलों (1951) में भारत के पारसा सिंह ने रजत पदक जीता था। इसके बाद 1982 के एशियाई खेलों (दिल्ली) में भारत के गुरतेज सिंह ने कांस्य पदक जीता था। गौरतलब है कि नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीता था। तब उन्होंने 86.47 मीटर भाला फेंका था।
- नीरज ने जकार्ता में 18वें एशियाई खेलों में सर्वश्रेष्ठ थ्रो 88.06 मीटर की फेंकी और स्वर्ण पदक पर क़ब्ज़ा जमाया। उन्होंने यह सोने का तमगा छह में से दो प्रयासों में विफलता के बाद भी हासिल किया। इस मुकाबले में नीरज ने पूरे जोश और ताकत के साथ भाला फेंका। पहली बार में उन्होंने 83.46 मीटर दूर भाला फेंका। दूसरी बार में वह फाउल कर गए। तीसरे प्रयास में उन्होंने 88.06 मीटर दूर भाला फेंका। चौथी कोशिश में 83.25 मीटर, पांचवीं में 86.63 मीटर और उनका छठा प्रयास फाउल गया। रजत पदक जीतने वाले चीन के किझेन लियू 82.22 मीटर की थ्रो फेंक कर दूसरे स्थान पर, तो वहीं पाकिस्तान के नदीम अरशद ने 80.75 की सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंक कांस्य पदक हासिल किया।
नीरज ने अपना यह स्वर्ण पदक हाल ही में इस दुनिया से जाने वाले भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा- "प्रतियोगिता अच्छी थी। मैंने अच्छी ट्रेनिंग भी की थी और मेरा पूरा ध्यान देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने पर था। मैं अपना पदक अटल बिहारी वाजपेयी जी को समर्पित करना चाहता हूं, जो एक महान शख़्स थे।"
- नीरज ने 85.23 मीटर का भाला फेंककर 2017 के एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।
- 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में नीरज चोपड़ा ने भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए 82.23 मीटर तक भाला फेंक कर स्वर्ण पदक जीता था। ऐसे प्रदर्शन के बावजूद भी वे 2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में स्थान पाने में वह विफल रहे थे, क्योंकि अर्हता प्राप्त करने के लिए अंतिम तिथि 11 जुलाई थी।
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, 2023 में स्वर्ण
जैवलिन थ्रो में ओलंपिक चैंपियन भारत के नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड चैंपियनशिप, 2023 को भी अपने नाम कर लिया है। उन्होंने एथलेटिक्स में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता। नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप, 2023 में 88.17 मीटर की थ्रो के साथ नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता। हंगरी में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पहुँचने से पहले उन्होंने हर वो पदक जीत लिया था, जो वो जीत सकते थे। 27 अगस्त, 2023 की रात नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक भी अपने नाम कर लिया। पिछले साल उन्होंने रजत पदक जीता था।
नीरज चोपड़ा ने इस मुक़ाबले में 88.17 मीटर दूर भाला फेंका। अब ओलंपिक में स्वर्ण के साथ-साथ उनके पास वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक भी हो गया है। वहीं कॉमनवेल्थ खेलों में 90 मीटर से आगे भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीतने वाले पाकिस्तान के अरशद नदीम 87.82 मीटर की दूरी के साथ दूसरे नंबर पर रहे और उन्होंने रजत पदक जीत लिया। वहीं चेक गणराज्य के याकूब वाडलेच ने 86.67 मीटर दूरी के साथ ब्रॉन्ज पदक जीता। भारत के ही किशोर जेना पांचवे जबकि डीपी मानू छठे नंबर पर रहे। पहले राउंड में पिछड़ रहे नीरज चोपड़ा ने दूसरे राउंड में ज़बर्दस्त वापसी की।
ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 में स्वर्ण विजेता
नीरज चोपड़ा ने साल 2021 में जापान के टोक्यो शहर में आयोजित 'ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक-2020' में हिस्सा लेकर बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए फाइनल में अपनी जगह पक्की की थी। वह टोक्यो ओलम्पिक में पदक के मजबूत दावेदार माने जा रहे थे। उन्होंने 86.65 मीटर दूरी तक भाला फेक कर फाइनल में अपनी जगह पक्की की और इसके साथ-साथ जेवलिन थ्रो के खेल में फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय होने का रिकॉर्ड भी बनाया।
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलम्पिक में भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। नीरज ने 87.58 की सर्वश्रेष्ठ दूरी तय करते हुए स्वर्ण पर कब्जा किया। क्वालिफिकेशन राउंड में भी नीरज अपने ग्रुप में टॉप पर रहे थे। साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक के बाद ये भारत का पहला स्वर्ण पदक है। ओलंपिक खेलों में ये भारत का 13 साल बाद पहला स्वर्ण पदक है। नीरज चोपड़ा से पहले बीजिंग ओलंपिक में शूटिंग में अभिनव बिंद्रा ने स्वर्ण पदक जीता था। ये ओलंपिक में भारत का कुल दूसरा व्यक्तिगत स्वर्ण है। इससे पहले भारत ने हॉकी में 8 स्वर्ण पदक जीते हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत अब एक स्वर्ण 2 रजत और 4 कांस्य सहित कुल 6 पदक जीत चुका है। नीरज चोपड़ा के अलावा भारत की ओर से मीराबाई चानू (वेट लिफ्टिंग) और रवि कुमार दहिया (कुश्ती) ने रजत पदक जीता है। वहीं पी. वी. सिंधु, बजरंग पुनिया, लवलीना और भारतीय हॉकी टीम ने भारत के लिए काँस्य जीता।
पदक मिलखा सिंह को समर्पित
टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा ने अपना पदक दिवंगत एथलीट मिलखा सिंह को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि आज मैं अपना बेस्ट दूंगा, लेकिन स्वर्ण पदक के बारे में नहीं सोचा था। स्वर्ण पदक जीतने के बाद नीरज चोपड़ा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने बधाई दी। इसके अलावा, पीएम मोदी ने नीरज से फोन पर बात भी की और उनकी मेहनत की प्रशंसा की। वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणवी अंदाज में नीरज को बधाई देते हुए कहा कि हरियाणा के छोरे ने टोक्यो में लठ गाड़ दिया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने भी नीरज को बधाई दी।
पदक
क्र.सं. | साल | प्रतियोगिता | पदक |
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1. | 2012 | राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप | स्वर्ण पदक |
2. | 2013 | राष्ट्रीय युवा चैंपियनशिप | रजत पदक |
3. | 2016 | तीसरा विश्व जूनियर अवार्ड | स्वर्ण पदक |
4. | 2016 | एशियाई जूनियर चैंपियनशिप | रजत पदक |
5. | 2016 | दक्षिण एशियाई खेल | स्वर्ण पदक |
6. | 2017 | एशियाई चैंपियनशिप | स्वर्ण पदक |
7. | 2018 | एशियाई खेल चैंपियनशिप स्वर्ण गौरव | स्वर्ण पदक |
8. | 2018 | स्वर्ण कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल | स्वर्ण पदक |
9. | 2018 | - | अर्जुन पुरस्कार |
10. | 2021 | ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो, जापान) | स्वर्ण पदक |
11. | 2022 | - | परम विशिष्ट सेवा पदक |
परम विशिष्ट सेवा पदक
टोक्यो ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को 2022 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। वे सेना की 4 राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट में सूबेदार हैं। 73वें गणतंत्र दिवस (2022) के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द द्वारा नीरज चोपड़ा समेत सेना के कुल 384 लोगों के लिए वीरता पुरस्कार की घोषणा की गयी थी। इसमें 12 शौर्य चक्र, 29 परम विशिष्ट सेवा पदक, 4 उत्तम युद्ध सेवा पदक, 53 अति विशिष्ट सेवा पदक, 13 युद्ध सेवा पदक शामिल थे। इसके साथ 122 विशिष्ट सेवा पदक भी शामिल थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय (हिंदी) shubhamsirohi.com। अभिगमन तिथि: 07 अगस्त, 2021।