"उल्लू की पंचायत -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
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<div style=text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;><font color=#003333 size=5>उल्लू की पंचायत | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>उल्लू की पंचायत<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
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<poem style="color=#003333"> | |||
न नई है न पुरानी है | न नई है न पुरानी है | ||
सच तो नहीं | सच तो नहीं | ||
एक जोड़ा हंस | ज़ाहिर है, कहानी है | ||
एक जोड़ा हंस हंसिनी का | |||
तैरता आसमान में | तैरता आसमान में | ||
तभी | तभी हंसिनी को दिखा | ||
एक उल्लू कहीं वीरान में | एक उल्लू कहीं वीरान में | ||
हंसिनी, हंस से बोली- | |||
"कैसा अभागा मनहूस जन्म है उल्लू का | "कैसा अभागा मनहूस जन्म है उल्लू का | ||
जहाँ बैठा | जहाँ बैठा | ||
पंक्ति 23: | पंक्ति 26: | ||
तेज़ कान थे उल्लू के भी | तेज़ कान थे उल्लू के भी | ||
सुन लिया और बोला- | सुन लिया और बोला- | ||
"अरे सुनो! उड़ने वालो ! शाम घिर आई | "अरे सुनो! उड़ने वालो ! | ||
ऐसी भी क्या जल्दी ! यहीं रुक लो भाई" | शाम घिर आई | ||
ऐसी भी क्या जल्दी ! | |||
यहीं रुक लो भाई" | |||
ऐसी आवाज़ सुन उल्लू की | ऐसी आवाज़ सुन उल्लू की | ||
उतर गए हंस | उतर गए हंस हंसिनी | ||
ख़ातिर की उल्लू ने | ख़ातिर की उल्लू ने | ||
दोनों सो गए वहीं | |||
सूरज निकला सुबह | सूरज निकला सुबह | ||
चलने लगे दोनों तो... | चलने लगे दोनों तो... | ||
उल्लू ने | उल्लू ने हंसिनी को पकड़ लिया | ||
"पागल है क्या मेरी | "पागल है क्या ? | ||
कहाँ लिए जाता है ? | मेरी हंसिनी को कहाँ लिए जाता है ? | ||
रात का मेहमान क्या बना | रात का मेहमान क्या बना ? | ||
बीवी को ही भगाता है ?" | बीवी को ही भगाता है ?" | ||
पंक्ति 40: | पंक्ति 46: | ||
झगड़ा बढ़ा | झगड़ा बढ़ा | ||
तो फिर पास के गाँव से नेता आए | तो फिर पास के गाँव से नेता आए | ||
अब उल्लू से झगड़ा करके कौन अपना घर उजड़वाए ! | अब उल्लू से झगड़ा करके | ||
उल्लू का क्या भरोसा ? किसी नेता की छत पर ही बैठ जाए | कौन अपना घर उजड़वाए ! | ||
उल्लू का क्या भरोसा ? | |||
किसी नेता की छत पर ही बैठ जाए | |||
फ़ैसला ये हुआ कि | तो फ़ैसला ये हुआ | ||
नेता चले गए | कि हंसिनी पत्नी उल्लू की है | ||
और हंस तो बस उल्लू ही है | |||
नेता चले गए | |||
बेचारा हंस भी चलने को हुआ | |||
मगर उल्लू ने उसे रोका | मगर उल्लू ने उसे रोका | ||
"हंस ! अपनी | "हंस ! अपनी हंसिनी को तो ले जा | ||
मगर इतना तो बता कि उजाड़ कौन करवाता है ? | मगर इतना तो बता | ||
कि उजाड़ कौन करवाता है ? | |||
उल्लू या नेता ?" | उल्लू या नेता ?" | ||
-आदित्य चौधरी | -आदित्य चौधरी | ||
</poem> | </poem> | ||
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<noinclude> | <noinclude> | ||
{{भारतकोश सम्पादकीय}} | {{भारतकोश सम्पादकीय}} |
06:51, 24 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण
उल्लू की पंचायत -आदित्य चौधरी
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