"ऐसे ही उमर गई -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
|-
|-
|  
|  
<br />
<noinclude>[[चित्र:Copyright.png|50px|right|link=|]]</noinclude>
<noinclude>[[चित्र:Copyright.png|50px|right|link=|]]</noinclude>  
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>ऐसे ही उमर गई<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div>
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>ऐसे ही उमर गई <br />
<small>-आदित्य चौधरी</small></font></div>
----
----
{| width="100%" style="background:transparent"
|-valign="top"
| style="width:35%"|
| style="width:35%"|
<poem style="color=#003333">
<poem style="color=#003333">
वो कहाँ गई किधर गई
वो कहाँ गई किधर गई
पंक्ति 36: पंक्ति 38:
ऐसे ही उमर गई
ऐसे ही उमर गई
</poem>
</poem>
| style="width:30%"|
|}
|}
|}


<br />
<noinclude>
<noinclude>
{{भारतकोश सम्पादकीय}}
{{भारतकोश सम्पादकीय}}

07:11, 24 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

ऐसे ही उमर गई -आदित्य चौधरी

वो कहाँ गई किधर गई
क्यूँ एक गुमनाम मौत मर गई

कितनी चुलबुली थी 
कुछ भी कर लेती थी 
भाई ने कहा तो...
समाज से डर गई

पढ़ने की चाह थी
खुली राह थी
पिता ने भेजा तो 
पति के घर गई

कुछ कर दिखाना था 
बदला ज़माना था 
पति ने चाहा तो
आग से गुज़र गई

उम्र ढलने लगी
बाहर निकलने लगी
बेटे ने टोका तो
बंधन में घिर गई

अब क्या बताना है
क़िस्सा पुराना है
माँ बहन बेटियों की तो
ऐसे ही उमर गई