"क़ायम सवाल रहता है -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो ("क़ायम सवाल रहता है -आदित्य चौधरी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (अनिश्चित्त अवधि) [move=sysop] (अनिश्चित्त अवधि)))
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:


{| width="100%" style="background:#fbf8df; border:thin groove #003333; border-radius:5px; padding:8px;"
{| width="100%" style="background:#fbf8df; border:thin groove #003333; border-radius:5px; padding:8px;"
पंक्ति 9: पंक्ति 8:
{| width="100%" style="background:transparent"
{| width="100%" style="background:transparent"
|-valign="top"
|-valign="top"
| style="width:30%"|
| style="width:35%"|
| style="width:40%"|
| style="width:35%"|
<poem style="color=#003333">
<poem style="color=#003333">
कोई आएगा, ये मुझको ख़याल रहता है
कोई आएगा, ये मुझको ख़याल रहता है

12:04, 1 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

क़ायम सवाल रहता है -आदित्य चौधरी

कोई आएगा, ये मुझको ख़याल रहता है
कोई आए ही क्यों, क़ायम सवाल रहता है

          किसी उदास से रस्ते से उसकी आमद को
          ये मिरा दिल भी तो बैचैने हाल रहता है

नहीं कोई ज़ोर ज़माने का मेरी हस्ती पर
इसी ग़ुरूर में बंदा मिसाल रहता है

          हमारे इश्क़ को हासिल है किस्मतों के करम
          गली के मोड़ पर हुस्न-ए-जमाल रहता है

यूँ ही मर जाएंगे, इक दिन जो मौत आएगी
इसी को सोचकर शायद बवाल रहता है