"दिल को ही सुनाने दो -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
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<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>दिल को ही सुनाने दो<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>दिल को ही सुनाने दो<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
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गर जो गुमनाम हैं गुमनाम ही मर जाने दो | <center> | ||
अब तो कोई और करो बात | <poem style="width:360px; text-align:left; background:#fff; border:1px solid #000; border-radius:5px; padding:10px; font-size:16px; color:#000;"> | ||
गर जो गुमनाम हैं, गुमनाम ही मर जाने दो | |||
अब तो कोई और करो बात, इसे जाने दो | |||
दिल की सुनते हैं, जीते हैं अपनी शर्तों पे | दिल की सुनते हैं, जीते हैं अपनी शर्तों पे | ||
शौक़ ए शौहरत है जिसे उसे ही कमाने दो | शौक़ ए शौहरत है जिसे, उसे ही कमाने दो | ||
बात बन जाएगी कोई दिल जो हमें चाहेगा | बात बन जाएगी कोई दिल जो हमें चाहेगा | ||
जो भी अपना है उसे पास तो बुलाने दो | जो भी अपना है उसे पास तो बुलाने दो | ||
चंद तनहाई भरे लम्हे अपनी दौलत है | चंद तनहाई भरे लम्हे, अपनी दौलत है | ||
अब किसी यार से मिल के इसे लुटाने दो | अब किसी यार से मिल के इसे लुटाने दो | ||
ख़ुद | ख़ुद से कहते हैं, ख़ुद ही इन्हें सुन लेते हैं | ||
दिल के नग़्में हैं इन्हें दिल को ही सुनाने दो | दिल के नग़्में हैं इन्हें दिल को ही सुनाने दो | ||
एक तो इश्क़ है, दूजा है ग़म जुदाई का | एक तो इश्क़ है, दूजा है ग़म जुदाई का | ||
और कोई बात नहीं यही हैं फ़साने दो | और कोई बात नहीं यही हैं फ़साने दो | ||
किसी का तोड़ के दिल चैन कहाँ मिलता है | किसी का तोड़ के दिल चैन कहाँ मिलता है | ||
प्यार से मौत भी आए तो उसे आने दो | प्यार से मौत भी आए तो उसे आने दो | ||
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[[Category:आदित्य चौधरी की रचनाएँ]] | [[Category:आदित्य चौधरी की रचनाएँ]] | ||
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11:07, 9 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
दिल को ही सुनाने दो -आदित्य चौधरी
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गर जो गुमनाम हैं, गुमनाम ही मर जाने दो |