"दिल को ही सुनाने दो -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>दिल को ही सुनाने दो<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>दिल को ही सुनाने दो<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
---- | ---- | ||
|- style="text-align:center;" | |||
| | |||
{{#widget:YouTube|id=rtQGBFabIVw}} | |||
{| | |||
|- | |- | ||
| | | | ||
<center> | |||
<poem style="width:360px; text-align:left; background:#fff; border:1px solid #000; border-radius:5px; padding:10px; font-size:16px; color:#000;"> | |||
<poem style="background:#fff; border:1px solid #000; border-radius:5px; padding:10px; font-size:16px; color:#000;"> | |||
गर जो गुमनाम हैं, गुमनाम ही मर जाने दो | गर जो गुमनाम हैं, गुमनाम ही मर जाने दो | ||
अब तो कोई और करो बात, इसे जाने दो | अब तो कोई और करो बात, इसे जाने दो | ||
पंक्ति 28: | पंक्ति 25: | ||
अब किसी यार से मिल के इसे लुटाने दो | अब किसी यार से मिल के इसे लुटाने दो | ||
ख़ुद से कहते | ख़ुद से कहते हैं, ख़ुद ही इन्हें सुन लेते हैं | ||
दिल के नग़्में हैं इन्हें दिल को ही सुनाने दो | दिल के नग़्में हैं इन्हें दिल को ही सुनाने दो | ||
पंक्ति 37: | पंक्ति 34: | ||
प्यार से मौत भी आए तो उसे आने दो | प्यार से मौत भी आए तो उसे आने दो | ||
</poem> | </poem> | ||
</center> | |||
|} | |} | ||
11:07, 9 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
दिल को ही सुनाने दो -आदित्य चौधरी
|
|
गर जो गुमनाम हैं, गुमनाम ही मर जाने दो |