"प्रवीण कुमार": अवतरणों में अंतर
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'''प्रवीण कुमार''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Praveen Kumar'') भारत के पैरा एथलीट हैं। वह ऊँची कूद के एथलीट हैं। उन्होंने [[ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक, 2020]] (टोक्यो पैरालंपिक) में इतिहास रच दिया है। उन्होंने पुरुषों की टी-64 स्पर्धा के फाइनल में रजत पदक जीता है। इस मुकाबले में नोएडा के प्रवीण कुमार ने 2.07 मीटर की छलांग लगाई और दूसरे स्थान पर रहे। [[ब्रिटेन]] के ब्रूम एडवर्ड्स जोनाथन ने 2.10 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। जबकि पोलैंड के लेपियाटो मासिएजो ने 2.04 मीटर की जंप के साथ कांस्य पदक जीता।<br /> | '''प्रवीण कुमार''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Praveen Kumar'') भारत के पैरा एथलीट हैं। वह ऊँची कूद के एथलीट हैं। उन्होंने [[ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक, 2020]] (टोक्यो पैरालंपिक) में इतिहास रच दिया है। उन्होंने पुरुषों की टी-64 स्पर्धा के फाइनल में रजत पदक जीता है। इस मुकाबले में नोएडा के प्रवीण कुमार ने 2.07 मीटर की छलांग लगाई और दूसरे स्थान पर रहे। [[ब्रिटेन]] के ब्रूम एडवर्ड्स जोनाथन ने 2.10 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। जबकि पोलैंड के लेपियाटो मासिएजो ने 2.04 मीटर की जंप के साथ कांस्य पदक जीता।<br /> |
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प्रवीण कुमार | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- प्रवीण कुमार (बहुविकल्पी) |
प्रवीण कुमार (अंग्रेज़ी: Praveen Kumar) भारत के पैरा एथलीट हैं। वह ऊँची कूद के एथलीट हैं। उन्होंने ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक, 2020 (टोक्यो पैरालंपिक) में इतिहास रच दिया है। उन्होंने पुरुषों की टी-64 स्पर्धा के फाइनल में रजत पदक जीता है। इस मुकाबले में नोएडा के प्रवीण कुमार ने 2.07 मीटर की छलांग लगाई और दूसरे स्थान पर रहे। ब्रिटेन के ब्रूम एडवर्ड्स जोनाथन ने 2.10 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। जबकि पोलैंड के लेपियाटो मासिएजो ने 2.04 मीटर की जंप के साथ कांस्य पदक जीता।
- टी64 क्लास में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं, जिनका पैर किसी वजह से काटना पड़ा हो और ये कृत्रिम पैर के साथ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं।
- प्रवीण कुमार टी-44 क्लास के विकार में आते हैं, लेकिन वह टी-64 स्पर्धा में भी हिस्सा ले सकते हैं।
- टोक्यो खेलों की ऊंची कूद में इससे पहले टी-63 स्पर्धा में भारत के मरियप्पन थंगावेलु ने रजत पदक जीता था, जबकि शरद कुमार को कांस्य मिला। निषाद कुमार ने टी-47 में रजत पदक जीता था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ