"गुरुराजा पुजारी": अवतरणों में अंतर
(''''गुरुराजा पुजारी''' (अंग्रेज़ी: ''Gururaja Poojary'', जन्म- 15 अगस...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''गुरुराजा पुजारी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Gururaja Poojary'', जन्म- [[15 अगस्त]], [[1992]]) जिन्हें पी. गुरुराजा के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय भारोत्तोलक (वेटलिफ़्टर) हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेल (कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022, बर्मिघम, इंग्लैंड) में [[भारत]] के लिए कांस्य पदक जीता है। उन्होंने वेटलिफ्टिंग में 61 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया। स्नैच एंड क्लीन-जर्क में गुरुराजा ने पदक अपने नाम किया। स्नैच में गुरुराजा ने 118 किलोग्राम का भार उठाया, जबकि क्लीन एंड जर्क में 269 किलोग्राम का भार उठाया। गुरुराजा को आखिरी के राउंड में कनाडा के यूरी सिमार्ड से कड़ी टक्कर मिली। इससे पहले गुरुराजा ने [[ऑस्ट्रेलिया]] के गोल्ड कोस्ट में हुए [[2018]] के राष्ट्रमण्डल खेलों में पुरुषों के 56 कि.ग्रा. भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। | {{सूचना बक्सा खिलाड़ी | ||
|चित्र=Gururaja-Poojary.jpg | |||
|चित्र का नाम=गुरुराजा पुजारी | |||
|पूरा नाम=गुरुराजा पुजारी | |||
|अन्य नाम=पी. गुरुराजा | |||
|जन्म=[[15 अगस्त]], [[1992]] | |||
|जन्म भूमि=कुंडापुरा गांव, ज़िला उडूपी, [[कर्नाटक]] | |||
|मृत्यु= | |||
|मृत्यु स्थान= | |||
|अभिभावक=[[पिता]]- महाबाला पुजारी | |||
|पति/पत्नी= | |||
|संतान= | |||
|कर्म भूमि=[[भारत]] | |||
|खेल-क्षेत्र=[[भारोत्तोलन]] (वेटलिफ़्टिंग) | |||
|शिक्षा= | |||
|विद्यालय= | |||
|पुरस्कार-उपाधि= | |||
|प्रसिद्धि=भारतीय भारोत्तोलक | |||
|विशेष योगदान= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=गुरुराजा पुजारी ने [[ऑस्ट्रेलिया]] के गोल्ड कोस्ट में हुए [[2018]] के राष्ट्रमण्डल खेलों में पुरुषों के 56 कि.ग्रा. भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन={{अद्यतन|14:04, 3 अगस्त 2022 (IST)}} | |||
}}'''गुरुराजा पुजारी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Gururaja Poojary'', जन्म- [[15 अगस्त]], [[1992]], ज़िला उडूपी, [[कर्नाटक]]) जिन्हें पी. गुरुराजा के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय भारोत्तोलक (वेटलिफ़्टर) हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेल (कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022, बर्मिघम, इंग्लैंड) में [[भारत]] के लिए कांस्य पदक जीता है। उन्होंने वेटलिफ्टिंग में 61 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया। स्नैच एंड क्लीन-जर्क में गुरुराजा ने पदक अपने नाम किया। स्नैच में गुरुराजा ने 118 किलोग्राम का भार उठाया, जबकि क्लीन एंड जर्क में 269 किलोग्राम का भार उठाया। गुरुराजा को आखिरी के राउंड में कनाडा के यूरी सिमार्ड से कड़ी टक्कर मिली। इससे पहले गुरुराजा ने [[ऑस्ट्रेलिया]] के गोल्ड कोस्ट में हुए [[2018]] के राष्ट्रमण्डल खेलों में पुरुषों के 56 कि.ग्रा. भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। | |||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
गुरुराजा पुजारी का जन्म [[15 अगस्त]], [[1992]] को [[कर्नाटक]] के उडीपी जिले के कुंडापुरा गांव में हुआ था। वह बेहद गरीब [[परिवार]] से आते हैं। कांस्य पदक को जीतने तक की उनकी [[कहानी]] बेहद दिलचस्प रही है। उनके [[पिता]] महाबाला पुजारी पिक-अप ट्रक के चालक हैं, लेकिन उन्होंने कभी बेटे को हिम्मत नहीं हारने दिया। उन्होंने कभी पैसे को बेटे की मेहनत के आगे आने नहीं दिया। वहीं, गुरुराजा ने भी जमकर मेहनत की और भारत के लिए कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में पदक जीते।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.amarujala.com/sports/who-is-gururaja-poojary-who-won-bronze-medal-in-birmingham-commonwealth-games-2022?pageId=4 |title=पिक-अप चालक के बेटे गुरुराजा ने जीता कांस्य|accessmonthday=03 जुलाई|accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=amarujala.com |language=हिंदी}}</ref> | गुरुराजा पुजारी का जन्म [[15 अगस्त]], [[1992]] को [[कर्नाटक]] के उडीपी जिले के कुंडापुरा गांव में हुआ था। वह बेहद गरीब [[परिवार]] से आते हैं। कांस्य पदक को जीतने तक की उनकी [[कहानी]] बेहद दिलचस्प रही है। उनके [[पिता]] महाबाला पुजारी पिक-अप ट्रक के चालक हैं, लेकिन उन्होंने कभी बेटे को हिम्मत नहीं हारने दिया। उन्होंने कभी पैसे को बेटे की मेहनत के आगे आने नहीं दिया। वहीं, गुरुराजा ने भी जमकर मेहनत की और भारत के लिए कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में पदक जीते।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.amarujala.com/sports/who-is-gururaja-poojary-who-won-bronze-medal-in-birmingham-commonwealth-games-2022?pageId=4 |title=पिक-अप चालक के बेटे गुरुराजा ने जीता कांस्य|accessmonthday=03 जुलाई|accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=amarujala.com |language=हिंदी}}</ref> | ||
पंक्ति 19: | पंक्ति 47: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी}} | {{भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी}} | ||
[[Category:पुरुष खिलाड़ी]][[Category:भारोत्तोलक]][[Category:भारोत्तोलन]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:खेलकूद कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]] | [[Category:पुरुष खिलाड़ी]][[Category:भारोत्तोलक]][[Category:भारोत्तोलन]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:खेलकूद कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:राष्ट्रमंडल खेल 2022]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
08:30, 13 अगस्त 2022 के समय का अवतरण
गुरुराजा पुजारी
| |
पूरा नाम | गुरुराजा पुजारी |
अन्य नाम | पी. गुरुराजा |
जन्म | 15 अगस्त, 1992 |
जन्म भूमि | कुंडापुरा गांव, ज़िला उडूपी, कर्नाटक |
अभिभावक | पिता- महाबाला पुजारी |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | भारोत्तोलन (वेटलिफ़्टिंग) |
प्रसिद्धि | भारतीय भारोत्तोलक |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | गुरुराजा पुजारी ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए 2018 के राष्ट्रमण्डल खेलों में पुरुषों के 56 कि.ग्रा. भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। |
अद्यतन | 14:04, 3 अगस्त 2022 (IST)
|
गुरुराजा पुजारी (अंग्रेज़ी: Gururaja Poojary, जन्म- 15 अगस्त, 1992, ज़िला उडूपी, कर्नाटक) जिन्हें पी. गुरुराजा के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय भारोत्तोलक (वेटलिफ़्टर) हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेल (कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022, बर्मिघम, इंग्लैंड) में भारत के लिए कांस्य पदक जीता है। उन्होंने वेटलिफ्टिंग में 61 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया। स्नैच एंड क्लीन-जर्क में गुरुराजा ने पदक अपने नाम किया। स्नैच में गुरुराजा ने 118 किलोग्राम का भार उठाया, जबकि क्लीन एंड जर्क में 269 किलोग्राम का भार उठाया। गुरुराजा को आखिरी के राउंड में कनाडा के यूरी सिमार्ड से कड़ी टक्कर मिली। इससे पहले गुरुराजा ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए 2018 के राष्ट्रमण्डल खेलों में पुरुषों के 56 कि.ग्रा. भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता था।
परिचय
गुरुराजा पुजारी का जन्म 15 अगस्त, 1992 को कर्नाटक के उडीपी जिले के कुंडापुरा गांव में हुआ था। वह बेहद गरीब परिवार से आते हैं। कांस्य पदक को जीतने तक की उनकी कहानी बेहद दिलचस्प रही है। उनके पिता महाबाला पुजारी पिक-अप ट्रक के चालक हैं, लेकिन उन्होंने कभी बेटे को हिम्मत नहीं हारने दिया। उन्होंने कभी पैसे को बेटे की मेहनत के आगे आने नहीं दिया। वहीं, गुरुराजा ने भी जमकर मेहनत की और भारत के लिए कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में पदक जीते।[1]
स्कूल के दिनों से ही गुरुराजा को खेलों के प्रति काफी रुचि थी। हाईस्कूल के समय गुरुराजा का मन पहलवान बनने का था। इसके लिए उन्होंने कुश्ती के गुर भी सीखे। 12वीं की पढ़ाई के दौरान उनके शिक्षक ने उन्हें खेल में आगे बढ़ने में मदद की। गुरुराजा बताते हैं कि जब उन्होंने 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में पहलवान सुशील कुमार को देखा तो उन्होंने पहलवान बनने का मन बना लिया था। हालांकि, जब वह कॉलेज गए तो उनके स्पोर्ट्स कोच ने उनके हुनर को पहचाना और कुश्ती के बजाय वेटलिफ्टिंग करने की सलाह दी।
आर्थिक परेशानियाँ
स्नातक की पढ़ाई के दौरान कोच ने गुरुराजा पुजारी को वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग भी दी। गुरुराजा का बचपन काफी अभावों में बीता, लेकिन इस वजह से खेल के प्रति उनका लगाव कभी कम नहीं हुआ। गुरुराजा के चार बड़े भाई आर्थिक तंगियों की वजह से स्कूली पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए। उन्हें बीच में ही पढ़ाई छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा। सिर्फ गुरुराजा और उनके छोटे भाई राजेश ही ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पूरी कर पाए। गुरुराजा के लिए पढ़ाई के साथ-साथ वेटलिफ्टिंग को जारी रखना किसी चुनौती से कम नहीं था। एक अच्छे वेटलिफ्टर बनने के लिए अच्छा डाइट होना बेहद जरुरी होता है। हालांकि, उनका परिवार उनके इस डाइट को बनाये रखने में सक्षम नहीं था। इसके बाद गुरुराजा इनाम से मिले पैसों को अपनी डाइट में खर्च करने लगे। हालांकि, समय के साथ अच्छी डाइट की मांग और बढ़ने लगी। इसी कारण उन्होंने सेना में भर्ती होने का प्रयास किया, लेकिन छोटी हाइट की वजह से उनकी भर्ती नहीं हो पायी। फिर गुरुराजा ने एयरफोर्स ज्वाइन करने का फैसला लिया। फिलहाल गुरुराजा वायुसेना में कर्मचारी हैं।[1]
कॅरियर
- 2016 : कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण
- 2017 : कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कांस्य
- 2018 : कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक
- 2021 : कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में रजत पदक
- 2022 : कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 पिक-अप चालक के बेटे गुरुराजा ने जीता कांस्य (हिंदी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 03 जुलाई, 2022।
संबंधित लेख