"रात नहीं कटती थी रात में -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
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<div style=text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;><font color=#003333 size=5>रात नहीं कटती थी रात में<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>रात नहीं कटती थी रात में<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
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रात नहीं कटती थी रात में, अब दिन में भी कटी नहीं | रात नहीं कटती थी रात में, अब दिन में भी कटी नहीं | ||
ऐसी परत जमी चेहरों पर, कोहरे की फिर हटी नहीं | ऐसी परत जमी चेहरों पर, कोहरे की फिर हटी नहीं | ||
मस्त ज़िन्दगी जी लो यारो, इसमें कोई हर्ज़ नहीं | |||
मस्त ज़िन्दगी | |||
संजीदा रिश्ते को तलाशो, तो दिन रातों चैन नहीं | संजीदा रिश्ते को तलाशो, तो दिन रातों चैन नहीं | ||
पंक्ति 26: | पंक्ति 22: | ||
एक ख़ाब मैंने भी देखा, जिसकी कहीं ताबीर नहीं | एक ख़ाब मैंने भी देखा, जिसकी कहीं ताबीर नहीं | ||
उसे भुला दूँ जिसमें बसा था पूरा ये संसार मिरा | उसे भुला दूँ जिसमें बसा था, पूरा ये संसार मिरा | ||
शक़ की बिनाह पर मुझको छोड़ा कोई बहस तक़रीर नहीं | शक़ की बिनाह पर मुझको छोड़ा, कोई बहस तक़रीर नहीं | ||
इसने टोका उसने पूछा, क्यों किस्मत क्या खुली नहीं ? | |||
रात नहीं कटती थी रात में, अब दिन में भी कटी नहीं | |||
इसने टोका उसने पूछा क्यों किस्मत क्या खुली नहीं ? | |||
रात नहीं कटती थी रात में अब दिन में भी कटी नहीं | |||
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14:37, 13 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
![]() रात नहीं कटती थी रात में -आदित्य चौधरी
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