"योगेश कथुनिया": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 42: पंक्ति 42:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी}}
{{पैरालम्पिक खिलाड़ी}}{{भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी}}
[[Category:भारतीय खिलाड़ी]][[Category:भारतीय एथलीट]][[Category:मैदानी स्पर्धा]][[Category:पुरुष खिलाड़ी]][[Category:पैरालंपिक एथलीट]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:पद्म श्री (2012)]][[Category:खेलकूद कोश]]
[[Category:भारतीय खिलाड़ी]][[Category:भारतीय एथलीट]][[Category:मैदानी स्पर्धा]][[Category:पुरुष खिलाड़ी]][[Category:पैरालंपिक एथलीट]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:पद्म श्री (2012)]][[Category:खेलकूद कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

11:02, 30 अगस्त 2021 के समय का अवतरण

योगेश कथुनिया
योगेश कथुनिया
योगेश कथुनिया
पूरा नाम योगेश कथुनिया
जन्म 3 मार्च, 1997
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र चक्का फेंक (डिस्कस थ्रो)
प्रसिद्धि भारतीय पैरालम्पिक एथलीट
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी योगेश कथुनिया ने 2019 में दुबई विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की डिस्कस थ्रो एफ56 स्पर्धा के फाइनल में कांस्य पदक जीतकर टोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई किया था।
अद्यतन‎

योगेश कथुनिया (अंग्रेज़ी: Yogesh Kathuniya, जन्म- 3 मार्च, 1997) भारतीय पैरालम्पिक एथलीट हैं। उन्होंने जापान में आयोजित 'टोक्यो पैरालंपिक्स, 2020' में भारत के लिये डिस्कस थ्रो (चक्का फेंक) में रजत पदक जीता है। वह पुरुषों के डिस्कस थ्रो 56 फाइनल में दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने अपने छठे और आखिरी प्रयास में (44.38 मीटर, सीजन बेस्ट) सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया और पदक पर कब्जा कर लिया। उनका पहला, तीसरा और चौथा प्रयास विफल रहा था जबकि दूसरे और पांचवें प्रयास में उन्होंने क्रमश: 42.84 और 43.55 मीटर चक्का फेंका। वहीं, इस स्पर्धा में ब्राजील के बतिस्ता डोस सांतोस ने 45.59 मीटर के साथ स्वर्ण जबकि क्यूबा के लियानार्डो डियाज अलडाना (43.36 मीटर) ने कांस्य पदक जीता।

संघर्षमय समय

दिल्ली के रहने वाले योगेश कथुनिया के लिए बचपन आसान नहीं था। आठ साल की छोटी सी उम्र में ही उन्हें लकवे का शिकार होना पड़ा। इस झटके के बाद भी उन्होंने अपने सपनों से समझौता नहीं किया। योगेश हमेशा बड़े-बड़े सपने देखते थे। स्कूल के दिनों में उन्हें कोचिंग की सुविधाएं नहीं मिली। सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें अपने कौशल और प्रदर्शन में सुधार करने में कठिनाई हुई।[1]

माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद योगेश कथुनिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में दाखिला लिया। अपने कॉलेज के दिनों में कई कोचों ने उनके कौशल पर ध्यान दिया। उन्होंने जल्द ही जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कोच सत्यपाल सिंह के संरक्षण में सीखना शुरू कर दिया। अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक संघ के अनुसार, योगेश कथुनिया ने 2019 में दुबई विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की डिस्कस थ्रो एफ56 स्पर्धा के फाइनल में कांस्य पदक जीतकर टोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। योगेश ने अपने छठे प्रयास में 42.51 मीटर का थ्रो किया था।

दोस्त ने की मदद

दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान योगेश के एक दोस्त हुआ करते थे सचिन यादव, जिन्होंने पेरिस जाने के लिए टिकट के पैसे दिए। सचिन ने योगेश को खेल के लिए प्रोत्साहित किया। उन्हें पैरा एथलीटों के वीडियो दिखाए। एक इंटरव्यू में योगेश ने बताया कि उन्हें एक बार पेरिस में होने वाली ओपन ग्रैंडप्रिक्स चैंपियनशिप में जाना था। इसके लिए टिकट और बाकी दूसरे खर्चों के लिए उन्हें 86 हजार रुपये की जरूरत थी, लेकिन घर में आर्थिक तंगी पहले से ही थी। इसके बाद सचिन ने ही उनकी मदद की और वहां जाकर उन्होंने गोल्ड मेडल जीता।[2]

उपलब्धियां

  1. योगेश कथुनिया ने 2018 में बर्लिन में आयोजित पैरा-एथलेटिक्स ग्रां प्री में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने पुरुषों के डिस्कस एफ36 वर्ग स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने 45.18 मीटर का थ्रो किया और चीन के कुइकिंग के 42.96 मीटर के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जो उन्होंने साल 2017 में हासिल किया था।
  2. इसके अलावा उन्होंने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की डिस्कस थ्रो एफ56 श्रेणी स्पर्धा में 42.05 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक भी जीता।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 योगेश कथुनिया (हिंदी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 30 अगस्त, 2021।
  2. 8 की उम्र में लकवा, मां ने फिजियोथेरेपी सीख पैरों पर खड़ा किया (हिंदी) aajtak.in। अभिगमन तिथि: 30 अगस्त, 2021।

संबंधित लेख