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'''सचिन नाग''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Sachin Nag''जन्म- [[5 जुलाई]], [[1920]], [[बनारस]]) प्रसिद्ध भारतीय तैराक थे। [[नई दिल्ली]] में [[1951]] के पहले एशियाई खेलों में सचिन नाग ने जब तैराकी में 100 मीटर फ्रीस्टाइल का स्वर्ण पदक जीता तो खुद तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहरलाल नेहरू]] ने उनके गले में स्वर्ण हार डाला था। एशियाई खेलों में किसी भारतीय तैराक को इसके बाद आज तक स्वर्ण पदक हासिल करने का गौरव हासिल नहीं हुआ। | {{सूचना बक्सा खिलाड़ी | ||
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}}'''सचिन नाग''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Sachin Nag'', जन्म- [[5 जुलाई]], [[1920]], [[बनारस]]; मृत्यु- [[19 अगस्त]], [[1987]], [[कोलकाता]]) प्रसिद्ध भारतीय तैराक थे। [[नई दिल्ली]] में [[1951]] के पहले एशियाई खेलों में सचिन नाग ने जब तैराकी में 100 मीटर फ्रीस्टाइल का स्वर्ण पदक जीता तो खुद तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहरलाल नेहरू]] ने उनके गले में स्वर्ण हार डाला था। एशियाई खेलों में किसी भारतीय तैराक को इसके बाद आज तक स्वर्ण पदक हासिल करने का गौरव हासिल नहीं हुआ। | |||
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07:20, 4 अक्टूबर 2021 के समय का अवतरण
सचिन नाग
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पूरा नाम | सचिन नाग |
जन्म | 5 जुलाई, 1920 |
जन्म भूमि | बनारस, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 19 अगस्त, 1987 |
मृत्यु स्थान | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | तैराकी |
पुरस्कार-उपाधि | ध्यानचंद पुरस्कार, 2020 |
प्रसिद्धि | भारतीय तैराक |
नागरिकता | भारतीय |
क़द | 6 फुट 10 इंच |
अन्य जानकारी | सचिन नाग ने पहले दिल्ली एशियाई खेलों में 100 मीटर फ्रीस्टाइल का गोल्ड जीतने के अलावा दो कांस्य पदक भी जीते थे। |
सचिन नाग (अंग्रेज़ी: Sachin Nag, जन्म- 5 जुलाई, 1920, बनारस; मृत्यु- 19 अगस्त, 1987, कोलकाता) प्रसिद्ध भारतीय तैराक थे। नई दिल्ली में 1951 के पहले एशियाई खेलों में सचिन नाग ने जब तैराकी में 100 मीटर फ्रीस्टाइल का स्वर्ण पदक जीता तो खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उनके गले में स्वर्ण हार डाला था। एशियाई खेलों में किसी भारतीय तैराक को इसके बाद आज तक स्वर्ण पदक हासिल करने का गौरव हासिल नहीं हुआ।
परिचय
- सचिन नाग ने पहले दिल्ली एशियाई खेलों में 100 मीटर फ्रीस्टाइल का गोल्ड जीतने के अलावा दो कांस्य पदक भी जीते।
- इसके अलावा वह 1948, 1952 के ओलंपिक में वाटर पोलो टीम के सदस्य रहे।
- 1948 के लंदन ओलंपिक में चिली के खिलाफ मिली एकमात्र 7-4 से जीत में सचिन नाग के चार गोल थे।
- सचिन नाग की सन 1987 में मृत्यु हो गई।
- गुरुग्राम खेल विभाग में तैराकी प्रशिक्षक पैरा अंतरराष्ट्रीय तैराक अर्जुन पुरस्कार विजेता प्रशांत कर्माकर ने 2019 में सचिन नाग का नाम 'लाइफटाइम ध्यानचंद पुरस्कार' के लिए प्रस्तावित किया था। इसके बाद वर्ष 2020 में सचिन नाग को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उपलब्धियाँ
- 1951 एशियन गेम्स में 100 मीटर फ्रीस्टाइल में स्वर्ण पदक।
- 1951 एशियन गेम्स में 400 मीटर फ्री स्टाइल रिले स्पर्धा में कांस्य पदक।
- 1951 एशियन गेसम् में 300 मीटर मेडले रिले स्पर्धा में कांस्य पदक।
- 1948, 1952 के ओलंपिक में वाटरपोलो टीम के सदस्य रहे।
- 1948 के लंदन ओलंपिक में चिली के खिलाफ मिली एकमात्र 7-4 से जीत में नाग के चार गोल थे।
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