"कौऔं का वायरस -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
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एक बहुत ही सयाना कौआ अपने तीन बच्चों को दुनियादारी की ट्रेनिंग देते हुए गूढ़-ज्ञान की बातें बता रहा था। "सुनो ध्यान से! भगवान ने हमको ही सबसे ज़्यादा चालाक बनाया हो ऐसा नहीं है। असल में दूसरी तरह के कौए हमसे भी ज़्यादा चालाक हैं और हमको चैन से खाने-पीने और जीने नहीं देते। हमारी जान इसीलिए बची हुई है कि हमने जान बचाने की आदत डाल रखी है। इन ख़तरनाक कौऔं से बचने के लिए एक बहुत ज़रूरी आदत तुमको डालनी ही होगी। हमेशा-हमेशा याद रखो! अगर इस | एक बहुत ही सयाना कौआ अपने तीन बच्चों को दुनियादारी की ट्रेनिंग देते हुए गूढ़-ज्ञान की बातें बता रहा था। "सुनो ध्यान से! भगवान ने हमको ही सबसे ज़्यादा चालाक बनाया हो ऐसा नहीं है। असल में दूसरी तरह के कौए हमसे भी ज़्यादा चालाक हैं और हमको चैन से खाने-पीने और जीने नहीं देते। हमारी जान इसीलिए बची हुई है कि हमने जान बचाने की आदत डाल रखी है। इन ख़तरनाक कौऔं से बचने के लिए एक बहुत ज़रूरी आदत तुमको डालनी ही होगी। हमेशा-हमेशा याद रखो! अगर इस दुनिया में ''सरवाइव'' करना है तो जान बचाने की आदत डाल लेनी चाहिए, तो जान बचाने के लिए... " | ||
"ओ.के. डॅडी! हम समझ गए! इतना डिटेल में क्यों जा रहे हैं? सीधे-सीधे काम की बात बताइए, वो कौन सी आदत है?" बच्चे ने बात बीच में ही काटी। | "ओ.के. डॅडी! हम समझ गए! इतना डिटेल में क्यों जा रहे हैं? सीधे-सीधे काम की बात बताइए, वो कौन सी आदत है?" बच्चे ने बात बीच में ही काटी। | ||
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ज़िंदगी भर हम आदतों के आधीन रह कर जीवन जीते हैं। कुछ कार्य आदत बना लेने से ही हो पाते हैं, जैसे कि पढ़ाई और कसरत। छात्रों को अपनी परीक्षा में अच्छे अंक लाने की इच्छा होना स्वाभाविक ही है लेकिन वे पढ़ाई को आदत बनाना नहीं सीख पाते, इसलिए सारी गड़बड़ होती है। शारीरिक व्यायाम की बात भी कुछ ऐसी ही है। अंग्रेज़ी के मशहूर लेखक 'इरविंग वॉलिस' की किताब ''द बुक ऑफ़ लिस्ट्स''<ref> | ज़िंदगी भर हम आदतों के आधीन रह कर जीवन जीते हैं। कुछ कार्य आदत बना लेने से ही हो पाते हैं, जैसे कि पढ़ाई और कसरत। छात्रों को अपनी परीक्षा में अच्छे अंक लाने की इच्छा होना स्वाभाविक ही है लेकिन वे पढ़ाई को आदत बनाना नहीं सीख पाते, इसलिए सारी गड़बड़ होती है। शारीरिक व्यायाम की बात भी कुछ ऐसी ही है। अंग्रेज़ी के मशहूर लेखक 'इरविंग वॉलिस' की किताब ''द बुक ऑफ़ लिस्ट्स''<ref> | ||
[http://www.amazon.com/Peoples-Almanac-Presents-Book-Lists/dp/0688031838/ref=pd_sim_b_3 'द बुक ऑफ़ लिस्ट्स' लेखक- इरविंग वॉलिस आदि]</ref> में | [http://www.amazon.com/Peoples-Almanac-Presents-Book-Lists/dp/0688031838/ref=pd_sim_b_3 'द बुक ऑफ़ लिस्ट्स' लेखक- इरविंग वॉलिस आदि]</ref> में दुनिया भर की अनोखी सूचियाँ हैं और एक सूची उबाऊ कार्यों की भी है। सबसे उबाऊ कार्य वे माने गए हैं जो घरेलू कार्य हैं जैसे- झाड़ू-पौछा, कपड़े-बर्तन धोना आदि। (महिलाओं से क्षमा याचना क्योंकि अक्सर ये कार्य महिलाओं के हिस्से में ही आते हैं) दुनिया के सबसे उबाऊ काम फिर भी वे नहीं हैं जो अभी मैंने बताए बल्कि सूची में सबसे ऊपर 'कसरत' है। | ||
जिस तरह पान मसालों के विज्ञापनों में आता है कि "क्योंकि स्वाद बड़ी चीज़ है" या "शौक़ बड़ी चीज़ है" इसी तरह याद रखिए कि 'आदत' बड़ी चीज़ है। सिर्फ़ 23 दिन सुबह जल्दी उठ लीजिए फिर ज़िन्दगी भर अपने आप जल्दी उठेंगे। | जिस तरह पान मसालों के विज्ञापनों में आता है कि "क्योंकि स्वाद बड़ी चीज़ है" या "शौक़ बड़ी चीज़ है" इसी तरह याद रखिए कि 'आदत' बड़ी चीज़ है। सिर्फ़ 23 दिन सुबह जल्दी उठ लीजिए फिर ज़िन्दगी भर अपने आप जल्दी उठेंगे। |
10:12, 8 जुलाई 2012 का अवतरण
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