"उल्लू की पंचायत -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
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न नई है न पुरानी है | न नई है न पुरानी है | ||
सच तो नहीं | सच तो नहीं | ||
ज़ाहिर है, कहानी है | |||
एक जोड़ा हंस हंसनी का | एक जोड़ा हंस हंसनी का | ||
तैरता आसमान में | तैरता आसमान में | ||
पंक्ति 23: | पंक्ति 24: | ||
तेज़ कान थे उल्लू के भी | तेज़ कान थे उल्लू के भी | ||
सुन लिया और बोला- | सुन लिया और बोला- | ||
"अरे सुनो! उड़ने वालो ! शाम घिर आई | "अरे सुनो! उड़ने वालो ! | ||
ऐसी भी क्या जल्दी ! यहीं रुक लो भाई" | शाम घिर आई | ||
ऐसी भी क्या जल्दी ! | |||
यहीं रुक लो भाई" | |||
ऐसी आवाज़ सुन उल्लू की | ऐसी आवाज़ सुन उल्लू की | ||
उतर गए हंस हंसनी | उतर गए हंस हंसनी | ||
पंक्ति 40: | पंक्ति 43: | ||
झगड़ा बढ़ा | झगड़ा बढ़ा | ||
तो फिर पास के गाँव से नेता आए | तो फिर पास के गाँव से नेता आए | ||
अब उल्लू से झगड़ा करके कौन अपना घर उजड़वाए ! | अब उल्लू से झगड़ा करके | ||
कौन अपना घर उजड़वाए ! | |||
उल्लू का क्या भरोसा ? | उल्लू का क्या भरोसा ? | ||
किसी नेता की छत पर ही बैठ जाए | किसी नेता की छत पर ही बैठ जाए |
15:49, 14 अप्रैल 2012 का अवतरण
![]() उल्लू की पंचायत -आदित्य चौधरी
न नई है न पुरानी है
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