"भारतकोश सम्पादकीय 22 फ़रवरी 2013": अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) छो ("भारतकोश सम्पादकीय 22 फ़रवरी 2013" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (अनिश्चित्त अवधि) [move=sysop] (अनिश्चित्त अवधि))) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 15: | पंक्ति 15: | ||
छोड़कर मुझको हर इक दोस्त बुलाया जाय | छोड़कर मुझको हर इक दोस्त बुलाया जाय | ||
रौनक़-ए-बज़्म के लायक़ मेरी हस्ती ही नहीं | रौनक़-ए-बज़्म<ref>बज़्म= सभा, गोष्ठी, महफ़िल</ref> के लायक़ मेरी हस्ती ही नहीं | ||
यही हर बार मुझे याद दिलाया जाय | यही हर बार मुझे याद दिलाया जाय | ||
पंक्ति 22: | पंक्ति 22: | ||
कहीं जो भूल से भी ज़िक्र मेरा आता हो | कहीं जो भूल से भी ज़िक्र मेरा आता हो | ||
यही ताकीद कि मक़्ता ही न गाया जाय | यही ताकीद<ref>ताकीद = कोई बात ज़ोर देकर कहना, हठ, ज़िद</ref> कि मक़्ता<ref>ग़ज़ल के आखरी शेर को जिसमें शायर का नाम अथवा उपनाम हो उसे ‘मक़्ता’ कहते हैं।</ref> ही न गाया जाय | ||
मेरे वो ख़ाब में ना आएँ बस इसी के लिए | मेरे वो ख़ाब में ना आएँ बस इसी के लिए | ||
पंक्ति 36: | पंक्ति 36: | ||
|} | |} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
<references/> | |||
{{भारतकोश सम्पादकीय}} | {{भारतकोश सम्पादकीय}} | ||
[[Category:सम्पादकीय]] | [[Category:सम्पादकीय]] |
14:23, 22 फ़रवरी 2013 का अवतरण
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ