"टोंटा गॅन्ग का सी.ई.ओ. -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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बब्बू ने अपनी एक भौं को ऊँचा उठाकर, चेहरे पर कुटिल मुस्कान लाकर और दाहिने हाथ को नचा कर कहा- | बब्बू ने अपनी एक भौं को ऊँचा उठाकर, चेहरे पर कुटिल मुस्कान लाकर और दाहिने हाथ को नचा कर कहा- | ||
"क्यों नहीं देखी थी सर बिल्कुल देखी थी आखिर वो अपने मुन्ना भाई के मम्मी पापा की पिच्चर थी... कान्चा चीना... वाह जीओ मेरे संजू बाबा..." | "क्यों नहीं देखी थी सर बिल्कुल देखी थी आखिर वो अपने मुन्ना भाई के मम्मी पापा की पिच्चर थी... कान्चा चीना... वाह जीओ मेरे संजू बाबा..." | ||
"हाँ-हाँ वही... मदर इंडिया में जब बिरजू डाकू बन जाता है तो सुक्खी लाला को पहले ही बता देता है कि उसकी लड़की की शादी के टाइम पर ही वो लाला की लड़की को उठाने आएगा... अब ये हुई ना मर्दों वाली बात... अरे भाई पुलिस को पहले से पता होना चाहिए कि तुम कब, कहाँ और किस टाइम पर वारदात करने वाले हो... ये क्या कि चाहे जब मुँह उठाकर चल दिए वारदात करने..." टनकिया ने अफ़सोस ज़ाहिर | "हाँ-हाँ वही... मदर इंडिया में जब बिरजू डाकू बन जाता है तो सुक्खी लाला को पहले ही बता देता है कि उसकी लड़की की शादी के टाइम पर ही वो लाला की लड़की को उठाने आएगा... अब ये हुई ना मर्दों वाली बात... अरे भाई पुलिस को पहले से पता होना चाहिए कि तुम कब, कहाँ और किस टाइम पर वारदात करने वाले हो... ये क्या कि चाहे जब मुँह उठाकर चल दिए वारदात करने..." टनकिया ने अफ़सोस ज़ाहिर किया और थोड़ा रुककर फिर दार्शनिक अंदाज़ में बोला- "अगर क्रिमनल, पुलिस को बता कर क्राइम करे तो भई हम भी बीस तरह की फ़ॅसेलिटी दे सकते लेकिन क्या करें समझ में ही नहीं आता आजकल के नए लड़कों को... देख लेना सरकार को ही एकदिन ऐसा क़ानून बनाना पड़ेगा... अरे भई हमें भी तो राइट ऑफ़ इनफ़ॉरमेशन का फ़ायदा मिलना चाहिए। जिसे देखो बलात्कार किए जा रहा है, आजकल... अगर यही लोग हमको कॉन्फ़िडेन्स में लेकर बलात्कार करने जाएँ तो बलात्कार की एक भी रिपोर्ट भी नहीं होगी... राज़ी-रिश्ते से बलात्कार करवाने की गारंटी पुलिस की हो जाएगी... लेकिन हमारी सुनता कौन है..." | ||
"सर ये सारी गड़बड़ी गब्बर सिंह के बाद हुई... उसने बिना इनफौरमेसन के ही डकैती डालना सुरू कर दिया तो... मतलब कि जमाना खराब आ गया है सर जी। जनता भी चालाक हो गई है। पैसा-जेबर साथ लेकर नईं चलती है। अब देखिए! मैंने पिछली सर्दियों में हाईवे से मंसापुर तक की रोड का रात वाला ठेका डेढ़ लाख में लिया। तीन बस गुज़रीं और तीनों खड़ी करके लूटीं...लेकिन मिला क्या ? माल था कुल्ल सवा लाख के करीब का... हमने तीनों बसों का माल बापस किया और थाने से रक़म वापस ली... वापसी के पाँच हजार काट लिए दरोगा ने। बस के यात्रियों के पैर पकड़ कर उनसे कहा कि ये मत कहना कि तुम लुटे हो... कसमा-धरमी हुई तब जाकर जान छूटी। वो दिन और आज का दिन टोंटा | "सर ये सारी गड़बड़ी गब्बर सिंह के बाद हुई... उसने बिना पुलिस की बिना इनफौरमेसन के ही डकैती डालना सुरू कर दिया तो... मतलब कि जमाना खराब आ गया है सर जी। जनता भी चालाक हो गई है। पैसा-जेबर साथ लेकर नईं चलती है। अब देखिए! मैंने पिछली सर्दियों में हाईवे से मंसापुर तक की रोड का रात वाला ठेका डेढ़ लाख में लिया। तीन बस गुज़रीं और तीनों खड़ी करके लूटीं...लेकिन मिला क्या ? माल था कुल्ल सवा लाख के करीब का... हमने तीनों बसों का माल बापस किया और थाने से रक़म वापस ली... वापसी के पाँच हजार काट लिए दरोगा ने। बस के यात्रियों के पैर पकड़ कर उनसे कहा कि ये मत कहना कि तुम लुटे हो... कसमा-धरमी हुई तब जाकर जान छूटी। वो दिन और आज का दिन टोंटा गैंग ने किसी बस पर हाथ नहीं डाला है।... रोड की ठेकेदारी में बड़ा खतरा है आजकल..." | ||
"हाँ खतरा तो सब जगह है, अब तो पुलिस की नौकरी भी आराम वाली नहीं रही... क्यों भई ! एक बात बता, ये तुम्हारे गॅन्ग का नाम टोंटा गॅन्ग क्यों है? तेरे तो दोनों हाथ ठीक हैं। क्या तेरे पिताजी का एक ही हाथ था ?" | "हाँ खतरा तो सब जगह है, अब तो पुलिस की नौकरी भी आराम वाली नहीं रही... क्यों भई ! एक बात बता, ये तुम्हारे गॅन्ग का नाम टोंटा गॅन्ग क्यों है? तेरे तो दोनों हाथ ठीक हैं। क्या तेरे पिताजी का एक ही हाथ था ?" | ||
"अरे नईं सर ये बात नईं है... असल में मेरे दादाजी ने अपने एक हाथ की कुरबानी दी थी तो उसी से नाम पड़ गया।" | "अरे नईं सर ये बात नईं है... असल में मेरे दादाजी ने अपने एक हाथ की कुरबानी दी थी तो उसी से नाम पड़ गया।" |
14:47, 30 जुलाई 2014 का अवतरण
टोंटा गॅन्ग का सी.ई.ओ. -आदित्य चौधरी "बब्बू यार ! तू बेकार की मत किया कर... बबलू गॅन्ग तो पुलिस की तो सारी डिमान्ड पूरी करता है और तू हमेशा बहस बाज़ी में ही रहता है" इंस्पॅक्टर हाकिम सिंह टनकिया ने टोंटा गॅन्ग के सी॰ ई॰ ओ॰ बब्बू बॉस की बात अनसुनी करते हुए कहा। |
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