"कि तुम कुछ इस तरह आना -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
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मेरी झुकती सी गरदन में | मेरी झुकती सी गरदन में | ||
सुबह की चाय की | सुबह की चाय की चुस्की की | ||
तुम आवाज़ हो जाना | तुम आवाज़ हो जाना | ||
सुगंधित तेल बन बिखरो | सुगंधित तेल बन बिखरो |
05:27, 11 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण
कि तुम कुछ इस तरह आना -आदित्य चौधरी
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