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'''सौरभ चौधरी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Saurabh Chaudhary'', जन्म- [[12 मई]], [[2002]], [[मेरठ]], [[उत्तर प्रदेश]]) भारतीय निशानेबाज़ हैं। [[दिसंबर 2017]] में उन्होंने 10वें एशिया यूथ ओलंपिक खेलों की योग्यता में स्वर्ण पदक के साथ यूथ ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई किया था। [[21 अगस्त]] [[2018]] को उन्होंने [[जापान]] के टॉमॉयकी मत्सुदा को हराकर 240.7 के रिकॉर्ड स्कोर के साथ एशियाई खेलों में 10 मीटर एयर राइफल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता। ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो) में पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने के बाद सौरभ चौधरी पदक हासिल करने से चूक गए। उन्हें फाइनल में सातवां स्थान मिला। | {{सूचना बक्सा खिलाड़ी | ||
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सौरभ चौधरी का जन्म 12 मई 2002 को मेरठ, उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव कालीना में हुआ। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले सौरभ चौधरी ने अपने टैलेंट को एक ऊँचाई तक पहुंचाने के लिए लम्बा सफर तक तय किया। [[पिता]] जगमोहन सिंह एक मामूली से किसान हैं लेकिन बेटे की आखों में कुछ कर गुजरने का जूनून था। सौरभ चौधरी प्रतिदिन 15 किलोमीटर बस से सफर तय कर आर्यन गतवयस स्पोर्ट्स फाउंडेशन पहुंच कर अपनी प्रैक्टिस किया करते थे। उनके पिता ने लोन लेकर लक्ज़री पिस्तौल दिलाई जिससे उनकी प्रैक्टिस में कोई कमी न रहे। इसके लिए घर के आँगन में ही शूटिंग रेंज बना डाली। सौरभ चौधरी के कोच अमित श्योराण ने उनके करियर को सफलता दिलाने में काफी सहयोग किया।<ref name="pp">{{cite web |url=https://hbharatnews.com/saurabh-chaudhary-biography-saurabh-chaudhary-achivments/ |title=सौरभ चौधरी एक जीवन परिचय|accessmonthday= 09 अगस्त|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hbharatnews.com |language=हिंदी}}</ref> | सौरभ चौधरी का जन्म 12 मई 2002 को मेरठ, उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव कालीना में हुआ। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले सौरभ चौधरी ने अपने टैलेंट को एक ऊँचाई तक पहुंचाने के लिए लम्बा सफर तक तय किया। [[पिता]] जगमोहन सिंह एक मामूली से किसान हैं लेकिन बेटे की आखों में कुछ कर गुजरने का जूनून था। सौरभ चौधरी प्रतिदिन 15 किलोमीटर बस से सफर तय कर आर्यन गतवयस स्पोर्ट्स फाउंडेशन पहुंच कर अपनी प्रैक्टिस किया करते थे। उनके पिता ने लोन लेकर लक्ज़री पिस्तौल दिलाई जिससे उनकी प्रैक्टिस में कोई कमी न रहे। इसके लिए घर के आँगन में ही शूटिंग रेंज बना डाली। सौरभ चौधरी के कोच अमित श्योराण ने उनके करियर को सफलता दिलाने में काफी सहयोग किया।<ref name="pp">{{cite web |url=https://hbharatnews.com/saurabh-chaudhary-biography-saurabh-chaudhary-achivments/ |title=सौरभ चौधरी एक जीवन परिचय|accessmonthday= 09 अगस्त|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hbharatnews.com |language=हिंदी}}</ref> | ||
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सौरभ चौधरी
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पूरा नाम | सौरभ चौधरी |
जन्म | 12 मई, 2002 |
जन्म भूमि | कालीना, मेरठ, उत्तर प्रदेश |
अभिभावक | पिता- जगमोहन सिंह माता- ब्रजेश देवी |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | निशानेबाज़ी |
विद्यालय | आदर्श विद्यापीठ इंटर कॉलेज, जैदाबाद बागपत |
पुरस्कार-उपाधि | एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक एशिया युवा ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक |
प्रसिद्धि | भारतीय निशानेबाज़ |
नागरिकता | भारतीय |
क़द | 165 से.मी. (5 फुट 5 इंच) |
कोच | जसपाल राणा, अमित श्योरण |
अन्य जानकारी | सौरभ चौधरी ने अपनी 10 एम की पिस्तौल से गोल्ड विजेता बन अपना परचम जर्मनी की सरजमीं पर लहराया। सौरव चौधरी इकलौते भारतीय हैं जिन्होंने आईएसएसएफ़ वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल हासिल किया। |
अद्यतन | 15:37, 9 अगस्त 2021 (IST)
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सौरभ चौधरी (अंग्रेज़ी: Saurabh Chaudhary, जन्म- 12 मई, 2002, मेरठ, उत्तर प्रदेश) भारतीय निशानेबाज़ हैं। दिसंबर 2017 में उन्होंने 10वें एशिया यूथ ओलंपिक खेलों की योग्यता में स्वर्ण पदक के साथ यूथ ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई किया था। 21 अगस्त 2018 को उन्होंने जापान के टॉमॉयकी मत्सुदा को हराकर 240.7 के रिकॉर्ड स्कोर के साथ एशियाई खेलों में 10 मीटर एयर राइफल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता। ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो) में पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने के बाद सौरभ चौधरी पदक हासिल करने से चूक गए। उन्हें फाइनल में सातवां स्थान मिला।
परिचय
सौरभ चौधरी का जन्म 12 मई 2002 को मेरठ, उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव कालीना में हुआ। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले सौरभ चौधरी ने अपने टैलेंट को एक ऊँचाई तक पहुंचाने के लिए लम्बा सफर तक तय किया। पिता जगमोहन सिंह एक मामूली से किसान हैं लेकिन बेटे की आखों में कुछ कर गुजरने का जूनून था। सौरभ चौधरी प्रतिदिन 15 किलोमीटर बस से सफर तय कर आर्यन गतवयस स्पोर्ट्स फाउंडेशन पहुंच कर अपनी प्रैक्टिस किया करते थे। उनके पिता ने लोन लेकर लक्ज़री पिस्तौल दिलाई जिससे उनकी प्रैक्टिस में कोई कमी न रहे। इसके लिए घर के आँगन में ही शूटिंग रेंज बना डाली। सौरभ चौधरी के कोच अमित श्योराण ने उनके करियर को सफलता दिलाने में काफी सहयोग किया।[1]
स्वर्ण विजेता
सौरभ चौधरी ने अपनी 10 एम की पिस्तौल से गोल्ड विजेता बन अपना परचम जर्मनी की सरजमीं पर लहराया। सौरव चौधरी इकलौते भारतीय हैं जिन्होंने आईएसएसएफ़ वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल हासिल किया। वह जल्दी सफलता हासिल करने वाले युवा भारतीय शूटर हैं। उन्होंने एथिया एयरगन चैम्पियनशिप में तीन गोल्ड मैडल जीते। 2018 में अर्जेंटीना की सरजमीं पर, फ़रवरी 2019 में आईएसएसएफ़ वर्ल्ड कप दिल्ली में मनु भाकर के साथ बीजिंग की सरजमीं पर अपनी 10एम की पिस्तौल से गोल्ड मैडल विजेता बने। महज 16 साल की उम्र में म्युनिक की सरजमीं पर जूनियर रिकॉर्ड को तोड़ फिर से गोल्ड विजेता बने। 2020 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में गोल्ड हासिल कर एक बार फिर विजेता बने।
ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020
भारत के युवा निशानेबाज सौरभ चौधरी टोक्यो में आयोजित ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 में पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने के बाद पदक हासिल करने से चूक गए। उन्हें फाइनल में सातवां स्थान मिला। फाइनल में उनका कुल स्कोर 137.4 रहा। इससे पहले सौरभ ने क्वालीफिकेशन राउंड में पहले स्थान पर रहते हुए क्वालीफाई किया था। इस भारतीय खिलाड़ी ने क्वालीफिकेशन में दमदार प्रदर्शन करते हुए पहले स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था।
सौरभ ने छह सीरीज में कुल 586 का स्कोर किया। सीरीज दर सीरीज देखा जाए तो सौरभ ने 95, 98, 98, 100, 98, 97 का स्कोर किया। उन्हें चीन के झांग वोबेन ने कड़ी चुनौती दी। इन दोनों में पहले और दूसरे स्थान की रेस चलती रही जिसमें भारतीय निशानेबाज आगे निकल गए। झांग दूसरे स्थान पर रहे। जर्मनी के रेइट्ज क्रिस्टियन से इन दोनों खिलाड़ियों को शुरू में अच्छी चुनौती मिली लेकिन वह इन दोनों को पीछे नहीं कर पाए और तीसरे स्थान पर रहे। झांग ने भी कुल 586 का स्कोर किया और तीसरे स्थान पर रहने वाले जर्मन खिलाड़ी ने 584 का स्कोर किया। कुल आठ निशानेबाजों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। सौरभ ने इसी के साथ भारत की पदक की उम्मीदों को बढ़ा दिया था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1
सौरभ चौधरी एक जीवन परिचय (हिंदी) hbharatnews.com। अभिगमन तिथि: 09 अगस्त, 2021। सन्दर्भ त्रुटि:
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अमान्य टैग है; "pp" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है