"ज़माना -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
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--इकॉनमी में तो देवदास, लाल बादशाह, साजन, बालम, सैंया, मेरे महबूब ..." | --इकॉनमी में तो देवदास, लाल बादशाह, साजन, बालम, सैंया, मेरे महबूब ..." | ||
--"नहीं-नहीं ये तो नाम से ही बोर लग रहे हैं... मुझे तो डीलक्स पति ही दे दीजिए" | --"नहीं-नहीं ये तो नाम से ही बोर लग रहे हैं... मुझे तो डीलक्स पति ही दे दीजिए" | ||
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दहेज़ की कुप्रथा ख़त्म नहीं हुई तो यही हाल होना है दूल्हे राजाओं का... ख़ैर ये 'मॅम' तो बजट आने से पहले ही अपना 'डीलक्स पति' ले कर चली गईं। | दहेज़ की कुप्रथा ख़त्म नहीं हुई तो यही हाल होना है दूल्हे राजाओं का... ख़ैर ये 'मॅम' तो बजट आने से पहले ही अपना 'डीलक्स पति' ले कर चली गईं। | ||
11:03, 17 मार्च 2012 का अवतरण
'ज़माना' -आदित्य चौधरी
--"आप मोबाइल पर ही बात करते रहेंगे या मेरी भी बात सुनेंगे ?" दहेज़ की कुप्रथा ख़त्म नहीं हुई तो यही हाल होना है दूल्हे राजाओं का... ख़ैर ये 'मॅम' तो बजट आने से पहले ही अपना 'डीलक्स पति' ले कर चली गईं। -आदित्य चौधरी प्रशासक एवं प्रधान सम्पादक |
टीका टिप्पणी और संदर्भ