"मिताली राज": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "श्रृंखला" to "शृंखला") |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{ | {{सूचना बक्सा क्रिकेट खिलाड़ी | ||
|चित्र=Mithali-raj-2.jpg | |||
'''मिताली राज''' (जन्म: [[3 दिसम्बर]] [[1982]]) [[टेस्ट क्रिकेट]] मैच में दोहरा शतक बनाने वाली पहली महिला है। | |चित्र का नाम=मिताली राज | ||
|पूरा नाम=मिताली राज | |||
मिताली | |अन्य नाम= | ||
|जन्म=[[3 दिसम्बर]] [[1982]] | |||
|जन्म भूमि=[[जोधपुर]], [[राजस्थान]] | |||
|ऊँचाई= | |||
|अविभावक= | |||
|पत्नी= | |||
|संतान= | |||
|मृत्यु= | |||
|मृत्यु स्थान= | |||
|बल्लेबाज़ी शैली=दाएँ हाथ से | |||
|गेंदबाज़ी शैली=दाएँ हाथ से लेगब्रेक | |||
|टीम=भारतीय महिला क्रिकेट टीम, एयर इंडिया महिला टीम, एशिया महिला एकादश, इंडिया ब्ल्यू महिला टीम | |||
|भूमिका=हरफनमौला | |||
|पहला टेस्ट=14 जनवरी, 2002 विरुद्ध इंग्लैंड | |||
|आख़िरी टेस्ट= | |||
|पहला वनडे=26 जून, 1999 विरुद्ध आयरलैंड | |||
|आख़िरी वनडे= | |||
|टेस्ट मुक़ाबले=8 | |||
|एकदिवसीय मुक़ाबले=145 | |||
|टी-ट्वेन्टी मुक़ाबले=37 | |||
|टेस्ट रन=572 | |||
|एकदिवसीय रन=4622 | |||
|टी-ट्वेन्टी रन=885 | |||
|टेस्ट बल्लेबाज़ी औसत=52.00 | |||
|एकदिवसीय बल्लेबाज़ी औसत=48.65 | |||
|टी-ट्वेन्टी बल्लेबाज़ी औसत=32.77 | |||
|टेस्ट 100/50=1/3 | |||
|एकदिवसीय 100/50=4/36 | |||
|टी-ट्वेन्टी 100/50=0/3 | |||
|टेस्ट सर्वोच्च स्कोर=214 | |||
|एकदिवसीय सर्वोच्च स्कोर=114 नाबाद | |||
|टी-ट्वेन्टी स्कोर=52 नाबाद | |||
|टेस्ट गेंद फेंकी=72 | |||
|एकदिवसीय गेंद फेंकी=171 | |||
|टी-ट्वेन्टी फेंकी=6 | |||
|टेस्ट विकेट=0 | |||
|एकदिवसीय विकेट=8 | |||
|टी-ट्वेन्टी विकेट=0 | |||
|टेस्ट गेंदबाज़ी औसत=- | |||
|एकदिवसीय गेंदबाज़ी औसत=11.37 | |||
|टी-ट्वेन्टी गेंदबाज़ी औसत=- | |||
|टेस्ट गेंदबाज़ी 5=- | |||
|एकदिवसीय गेंदबाज़ी 5=- | |||
|टी-ट्वेन्टी गेंदबाज़ी 5=- | |||
|टेस्ट गेंदबाज़ी 10=- | |||
|एकदिवसीय गेंदबाज़ी 10=- | |||
|टी-ट्वेन्टी गेंदबाज़ी 10=- | |||
|टेस्ट सर्वोच्च गेंदबाज़ी=- | |||
|एकदिवसीय सर्वोच्च गेंदबाज़ी=- | |||
|टी-ट्वेन्टी सर्वोच्च गेंदबाज़ी=- | |||
|टेस्ट कैच/स्टम्पिंग=7 | |||
|एकदिवसीय कैच/स्टम्पिंग=32 | |||
|टी-ट्वेन्टी कैच/स्टम्पिंग=8 | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|शीर्षक 3= | |||
|पाठ 3= | |||
|शीर्षक 4= | |||
|पाठ 4= | |||
|अन्य जानकारी= मिताली राज को सन् [[2003]] में '[[अर्जुन पुरस्कार]]' प्रदान किया गया। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन={{अद्यतन|19:30, 22 सितम्बर 2013 (IST)}} | |||
}} | |||
'''मिताली राज''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Mithali Raj'', जन्म: [[3 दिसम्बर]] [[1982]]) भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी हैं। [[टेस्ट क्रिकेट]] मैच में दोहरा शतक बनाने वाली पहली महिला है। मिताली का मानना है कि महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उसके लिए अच्छे स्पांसर को आगे आना चाहिए। मिताली [[टेलीविजन]] पर [[क्रिकेट]] केवल इसलिए देखती है ताकि [[सचिन तेंदुलकर]] के बल्ले का जादू देख सके और उसी प्रकार के कुछ शाट्स खेल सके। उन्हें सचिन के 'स्ट्रेट ड्राइव' और 'स्केवयर कट' बहुत पसन्द हैं। | |||
==जीवन परिचय== | ==जीवन परिचय== | ||
बचपन में जब उसके भाई को क्रिकेट की कोचिंग दी जा सकती थी, वह मौक़ा पाने पर [[गेंद (क्रिकेट)|गेंद]] को घुमा देती थी। तब क्रिकेटर ज्योति प्रसाद ने भी उसे नोटिस किया और कहा कि वह क्रिकेट की अच्छी खिलाड़ी बनेगी। | बचपन में जब उसके भाई को क्रिकेट की कोचिंग दी जा सकती थी, वह मौक़ा पाने पर [[गेंद (क्रिकेट)|गेंद]] को घुमा देती थी। तब क्रिकेटर ज्योति प्रसाद ने भी उसे नोटिस किया और कहा कि वह क्रिकेट की अच्छी खिलाड़ी बनेगी। | ||
मिताली के [[माता]]-[[पिता]] ने उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया तथा इस प्रकार की सहायता की जिसके कारण वह अपने इस मुकाम तक पहुँच सकी है। उसके पिता डोराई राज बैंक में नौकरी करने के पूर्व एयर फोर्स में थे। वह स्वयं भी क्रिकेटर रहे हैं, उन्होंने मिताली को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयत्न किया। उसके यात्रा खर्च उठाने के लिए अपने खर्चों में कटौती की। इसी प्रकार उसकी माँ लीला राज को भी अनेक कुर्बानियाँ बेटी के लिए देनी पड़ीं। उन्होंने बेटी की सहायता हेतु अपनी नौकरी छोड़ दी ताकि जब खेलों के अभ्यास के पश्चात थकी-हारी लौटे तो वह अपनी बेटी का ख्याल रख सके। मिताली ने अपना कीर्तिमान 19 वर्ष की अवस्था में ही बना दिया परंतु उसे लगता है कि उसका बचपन कहीं खेलों में ही गुम हो गया। हरदम खेलों के अभ्यास के कारण वह अपने बचपन की शरारतों का आनन्द नहीं उठा सकी। शायद इसी कारण वह बड़ी होने के बाद भी माँ के हाथ से खाना खाती है, जब कभी उसकी इच्छा होती है। 214 रन का रिकार्ड बनाने के बाद उसके लिए यह बहुत बड़ी अहमियत की बात थी कि उसकी माँ उसे रेलवे स्टेशन पर लेने आई थी। जबकि उससे पहले किसी भी टूर्नामेंट के बाद माँ उसे लेने स्टेशन नहीं आई थी। उसके कोच सम्पत कुमार ने उसे आगे बढ़ाने के लिए उससे कड़ी मेहनत कराई। [[गर्मी]] हो या [[बरसात]], उसे अभ्यास करना ही होता था। जब वह ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ती थी तभी उसे क्रिकेट का बल्ला घुमाते समय देखकर उन्होंने कहा था- मिताली कोई साधारण, लड़की नहीं है। वह सचिन की भाँति अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बन सकती है। | |||
मिताली के माता-पिता ने उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया तथा इस प्रकार की सहायता की जिसके कारण वह अपने इस मुकाम तक पहुँच सकी है। उसके पिता डोराई राज बैंक में नौकरी करने के पूर्व एयर फोर्स में थे। वह स्वयं भी क्रिकेटर | |||
मिताली ने अपना कीर्तिमान 19 वर्ष की अवस्था में ही बना दिया परंतु उसे लगता है कि उसका बचपन कहीं खेलों में ही गुम हो गया। हरदम खेलों के अभ्यास के कारण वह अपने बचपन की शरारतों का आनन्द नहीं उठा सकी। शायद इसी कारण वह बड़ी होने के बाद भी माँ के हाथ से खाना खाती है, जब कभी उसकी इच्छा होती है। | |||
214 रन का रिकार्ड बनाने के बाद उसके लिए यह बहुत बड़ी अहमियत की बात थी कि उसकी माँ उसे रेलवे स्टेशन पर लेने आई थी। जबकि उससे पहले किसी भी टूर्नामेंट के बाद माँ उसे लेने स्टेशन नहीं आई थी। | |||
==खेल जीवन== | ==खेल जीवन== | ||
मिताली राज जब | मिताली राज जब प्रथम बार अंतराराष्ट्रीय टेस्ट मैच में शामिल हुईं तो बिना कोई रन बनाए डक (ज़ीरो) पर आउट हो गई। लेकिन उसने अपने कैरियर में अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़कर दिखाया और अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में आज तक का सर्वाधिक स्कोर 214 रन बना कर कीर्तिमान स्थापित किया। यह इतिहास उसने [[इंग्लैंड]] के ख़िलाफ़ खेलते हुए [[2002]] में बनाया। [[2003]] की क्रिकेट उपलब्धियों के लिए 22 वर्षीय मिताली राज को [[21 सितम्बर]], [[2004]] को '[[अर्जुन पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उसने बताया कि उसे [[क्रिकेट]] और [[नृत्य]] में से एक राह चुननी थी। क्रिकेट के कारण वह अपनी [[भरतनाट्यम नृत्य]] कक्षाओं से बहुत समय तक दूर रहती थी। तब नृत्य अध्यापक ने उसे क्रिकेट और नृत्य में से एक चुनने की सलाह दी थी। <br />[[चित्र:Mithali-Raj.jpg|thumb|250px|left|मिताली राज बल्लेबाज़ी करते हुए]] | ||
4 वर्षों के अंतराल के पश्चात [[जुलाई]] [[2006]] में मिताली राज के नेतृत्व में महिला क्रिकेट टीम ने पुनः इंग्लैंड का दौरा किया। सभी खिलाड़ी बहुत ट्रेनिंग लेकर वन डे इंटरनेशनल खेलने गई थीं। यह बी.सी.सी.आई. (क्रिकेट बोर्ड) तथा वीमेंस क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के एकीकरण की ओर क़दम था। मिताली राज की अगुआई में भारतीय टीम ने टांटन में इंग्लैंड को दूसरे टैस्ट में पाँच विकेट से करारी शिकस्त देकर दो मैचों की शृंखला 1-0 से जीत ली। इस प्रकार मिताली के नेतृत्व में महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को उसकी ही ज़मीन पर मात दे दी, जिससे मिताली को भरपूर प्रंशसा मिली, साथ ही जीत का श्रेय भी। <br /> | |||
==विश्व कीर्तिमान== | |||
[[हैदराबाद]] की मिताली राज ने [[आस्ट्रेलिया]] की करेन बोल्टन का रिकार्ड तोड़ दिया जिसने 209 रन बना कर रिकार्ड स्थापित किया था। सोमरसेट में होने वाले मैच में मिताली बहुत नर्वस थी क्योंकि इस सीरिज़ में वह अच्छा स्कोर नहीं बना सकी थीं। परंतु टीम के साथियों ने उसे हिम्मत दिलाई कि वह इस बार ज़रूर अच्छा स्कोर बनाएगी क्योंकि सभी का मानना था कि वह टीम की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी है। जब मिताली [[क्रिकेट]] के मैदान में 208 रन बना चुकी थी तब उसे बताया गया कि वह एक बड़ा रिकार्ड तोड़ने के मुकाम पर है। तब मिताली ने बिना किसी तनाव के आत्मविश्वास के साथ खेला और 214 रन बना डाले। उस क्षण उसे ऐसा कुछ महसूस नहीं हुआ कि उसने कुछ अनोखा कर डाला। | |||
==उपलब्धियाँ== | |||
* मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हैं। | |||
* उन्होंने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में [[1999]] में पहली बार भाग लिया। यह मैच मिल्टन कीनेस, आयरलैंड में हुआ था जिसमें मिताली ने नाबाद 114 रन बनाए। | |||
* उन्होंने 2001-2002 में [[लखनऊ]] में इंग्लैंड के विरुद्ध प्रथम टैस्ट मैच खेला। | |||
[[ | * उन्होंने टांटान में इंग्लैंड के विरुद्ध टैस्ट मैच में 214 रन बनाकर प्रसिद्धि पाई। यह महिला क्रिकेट का सर्वाधिक रन रिकॉर्ड है। | ||
* मिताली ने 'महिला विश्व कप 2005' में भारतीय महिला टीम की कप्तानी की। | |||
* मिताली राज को सन् [[2003]] में '[[अर्जुन पुरस्कार]]' प्रदान किया गया। | |||
* उन्होंने 'भरतनाट्यम' नृत्य में भी ट्रेंनिग प्राप्त की है और अनेक स्टेज कार्यक्रम दिए हैं। | |||
* [[2010]] में आईसीसी वर्ल्ड रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। | |||
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक= | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी}} | {{भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी}}{{क्रिकेट}} | ||
{{क्रिकेट}} | |||
[[Category:क्रिकेट]] | [[Category:क्रिकेट]] | ||
[[Category:महिला खिलाड़ी]] | |||
[[Category:क्रिकेट खिलाड़ी]] | [[Category:क्रिकेट खिलाड़ी]] | ||
[[Category:अर्जुन पुरस्कार]] | [[Category:अर्जुन पुरस्कार]] | ||
[[Category:खेलकूद कोश]] | [[Category:खेलकूद कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ |
14:00, 22 सितम्बर 2013 का अवतरण
मिताली राज
| |||
व्यक्तिगत परिचय
| |||
पूरा नाम | मिताली राज | ||
जन्म | 3 दिसम्बर 1982 | ||
जन्म भूमि | जोधपुर, राजस्थान | ||
खेल परिचय
| |||
बल्लेबाज़ी शैली | दाएँ हाथ से | ||
गेंदबाज़ी शैली | दाएँ हाथ से लेगब्रेक | ||
टीम | भारतीय महिला क्रिकेट टीम, एयर इंडिया महिला टीम, एशिया महिला एकादश, इंडिया ब्ल्यू महिला टीम | ||
भूमिका | हरफनमौला | ||
पहला टेस्ट | 14 जनवरी, 2002 विरुद्ध इंग्लैंड | ||
पहला वनडे | 26 जून, 1999 विरुद्ध आयरलैंड | ||
कैरियर आँकड़े
| |||
प्रारूप | टेस्ट क्रिकेट | एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय | टी-20 अन्तर्राष्ट्रीय |
मुक़ाबले | 8 | 145 | 37 |
बनाये गये रन | 572 | 4622 | 885 |
बल्लेबाज़ी औसत | 52.00 | 48.65 | 32.77 |
100/50 | 1/3 | 4/36 | 0/3 |
सर्वोच्च स्कोर | 214 | 114 नाबाद | 52 नाबाद |
फेंकी गई गेंदें | 72 | 171 | 6 |
विकेट | 0 | 8 | 0 |
गेंदबाज़ी औसत | - | 11.37 | - |
पारी में 5 विकेट | - | - | - |
मुक़ाबले में 10 विकेट | - | - | - |
सर्वोच्च गेंदबाज़ी | - | - | - |
कैच/स्टम्पिंग | 7 | 32 | 8 |
अन्य जानकारी | मिताली राज को सन् 2003 में 'अर्जुन पुरस्कार' प्रदान किया गया। | ||
अद्यतन | 19:30, 22 सितम्बर 2013 (IST)
|
मिताली राज (अंग्रेज़ी: Mithali Raj, जन्म: 3 दिसम्बर 1982) भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी हैं। टेस्ट क्रिकेट मैच में दोहरा शतक बनाने वाली पहली महिला है। मिताली का मानना है कि महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उसके लिए अच्छे स्पांसर को आगे आना चाहिए। मिताली टेलीविजन पर क्रिकेट केवल इसलिए देखती है ताकि सचिन तेंदुलकर के बल्ले का जादू देख सके और उसी प्रकार के कुछ शाट्स खेल सके। उन्हें सचिन के 'स्ट्रेट ड्राइव' और 'स्केवयर कट' बहुत पसन्द हैं।
जीवन परिचय
बचपन में जब उसके भाई को क्रिकेट की कोचिंग दी जा सकती थी, वह मौक़ा पाने पर गेंद को घुमा देती थी। तब क्रिकेटर ज्योति प्रसाद ने भी उसे नोटिस किया और कहा कि वह क्रिकेट की अच्छी खिलाड़ी बनेगी। मिताली के माता-पिता ने उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया तथा इस प्रकार की सहायता की जिसके कारण वह अपने इस मुकाम तक पहुँच सकी है। उसके पिता डोराई राज बैंक में नौकरी करने के पूर्व एयर फोर्स में थे। वह स्वयं भी क्रिकेटर रहे हैं, उन्होंने मिताली को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयत्न किया। उसके यात्रा खर्च उठाने के लिए अपने खर्चों में कटौती की। इसी प्रकार उसकी माँ लीला राज को भी अनेक कुर्बानियाँ बेटी के लिए देनी पड़ीं। उन्होंने बेटी की सहायता हेतु अपनी नौकरी छोड़ दी ताकि जब खेलों के अभ्यास के पश्चात थकी-हारी लौटे तो वह अपनी बेटी का ख्याल रख सके। मिताली ने अपना कीर्तिमान 19 वर्ष की अवस्था में ही बना दिया परंतु उसे लगता है कि उसका बचपन कहीं खेलों में ही गुम हो गया। हरदम खेलों के अभ्यास के कारण वह अपने बचपन की शरारतों का आनन्द नहीं उठा सकी। शायद इसी कारण वह बड़ी होने के बाद भी माँ के हाथ से खाना खाती है, जब कभी उसकी इच्छा होती है। 214 रन का रिकार्ड बनाने के बाद उसके लिए यह बहुत बड़ी अहमियत की बात थी कि उसकी माँ उसे रेलवे स्टेशन पर लेने आई थी। जबकि उससे पहले किसी भी टूर्नामेंट के बाद माँ उसे लेने स्टेशन नहीं आई थी। उसके कोच सम्पत कुमार ने उसे आगे बढ़ाने के लिए उससे कड़ी मेहनत कराई। गर्मी हो या बरसात, उसे अभ्यास करना ही होता था। जब वह ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ती थी तभी उसे क्रिकेट का बल्ला घुमाते समय देखकर उन्होंने कहा था- मिताली कोई साधारण, लड़की नहीं है। वह सचिन की भाँति अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बन सकती है।
खेल जीवन
मिताली राज जब प्रथम बार अंतराराष्ट्रीय टेस्ट मैच में शामिल हुईं तो बिना कोई रन बनाए डक (ज़ीरो) पर आउट हो गई। लेकिन उसने अपने कैरियर में अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़कर दिखाया और अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में आज तक का सर्वाधिक स्कोर 214 रन बना कर कीर्तिमान स्थापित किया। यह इतिहास उसने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेलते हुए 2002 में बनाया। 2003 की क्रिकेट उपलब्धियों के लिए 22 वर्षीय मिताली राज को 21 सितम्बर, 2004 को 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उसने बताया कि उसे क्रिकेट और नृत्य में से एक राह चुननी थी। क्रिकेट के कारण वह अपनी भरतनाट्यम नृत्य कक्षाओं से बहुत समय तक दूर रहती थी। तब नृत्य अध्यापक ने उसे क्रिकेट और नृत्य में से एक चुनने की सलाह दी थी।
4 वर्षों के अंतराल के पश्चात जुलाई 2006 में मिताली राज के नेतृत्व में महिला क्रिकेट टीम ने पुनः इंग्लैंड का दौरा किया। सभी खिलाड़ी बहुत ट्रेनिंग लेकर वन डे इंटरनेशनल खेलने गई थीं। यह बी.सी.सी.आई. (क्रिकेट बोर्ड) तथा वीमेंस क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के एकीकरण की ओर क़दम था। मिताली राज की अगुआई में भारतीय टीम ने टांटन में इंग्लैंड को दूसरे टैस्ट में पाँच विकेट से करारी शिकस्त देकर दो मैचों की शृंखला 1-0 से जीत ली। इस प्रकार मिताली के नेतृत्व में महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को उसकी ही ज़मीन पर मात दे दी, जिससे मिताली को भरपूर प्रंशसा मिली, साथ ही जीत का श्रेय भी।
विश्व कीर्तिमान
हैदराबाद की मिताली राज ने आस्ट्रेलिया की करेन बोल्टन का रिकार्ड तोड़ दिया जिसने 209 रन बना कर रिकार्ड स्थापित किया था। सोमरसेट में होने वाले मैच में मिताली बहुत नर्वस थी क्योंकि इस सीरिज़ में वह अच्छा स्कोर नहीं बना सकी थीं। परंतु टीम के साथियों ने उसे हिम्मत दिलाई कि वह इस बार ज़रूर अच्छा स्कोर बनाएगी क्योंकि सभी का मानना था कि वह टीम की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी है। जब मिताली क्रिकेट के मैदान में 208 रन बना चुकी थी तब उसे बताया गया कि वह एक बड़ा रिकार्ड तोड़ने के मुकाम पर है। तब मिताली ने बिना किसी तनाव के आत्मविश्वास के साथ खेला और 214 रन बना डाले। उस क्षण उसे ऐसा कुछ महसूस नहीं हुआ कि उसने कुछ अनोखा कर डाला।
उपलब्धियाँ
- मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हैं।
- उन्होंने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में 1999 में पहली बार भाग लिया। यह मैच मिल्टन कीनेस, आयरलैंड में हुआ था जिसमें मिताली ने नाबाद 114 रन बनाए।
- उन्होंने 2001-2002 में लखनऊ में इंग्लैंड के विरुद्ध प्रथम टैस्ट मैच खेला।
- उन्होंने टांटान में इंग्लैंड के विरुद्ध टैस्ट मैच में 214 रन बनाकर प्रसिद्धि पाई। यह महिला क्रिकेट का सर्वाधिक रन रिकॉर्ड है।
- मिताली ने 'महिला विश्व कप 2005' में भारतीय महिला टीम की कप्तानी की।
- मिताली राज को सन् 2003 में 'अर्जुन पुरस्कार' प्रदान किया गया।
- उन्होंने 'भरतनाट्यम' नृत्य में भी ट्रेंनिग प्राप्त की है और अनेक स्टेज कार्यक्रम दिए हैं।
- 2010 में आईसीसी वर्ल्ड रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख