"दिल को ही सुनाने दो -आदित्य चौधरी": अवतरणों में अंतर
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गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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अब किसी यार से मिल के इसे लुटाने दो | अब किसी यार से मिल के इसे लुटाने दो | ||
ख़ुद से कहते हैं�, ख़ुद ही इन्हें सुन लेते हैं | |||
दिल के नग़्में हैं इन्हें दिल को ही सुनाने दो | दिल के नग़्में हैं इन्हें दिल को ही सुनाने दो | ||
16:45, 29 अप्रैल 2015 का अवतरण
दिल को ही सुनाने दो -आदित्य चौधरी
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