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देवेन्द्र झाझरिया का जन्म 10 जून, 1981 को [[राजस्थान]] के चूरू ज़िले में हुआ था। मात्र आठ साल की उम्र में देवेन्द्र के साथ ऐसा भयानक हादसा हुआ, जिसने उनकी जिंदगी ही बदल दी। वे एक पेड़ पर चढ़ रहे थे कि तभी उनका हाथ बिजली के तार से जा टकराया। 11000 वोल्ट के करंट के कारण पूरा हाथ झुलस गया। तमाम कोशिशों के बावजूद देवेन्द्र का बायां हाथ काटना पड़ा और ये उनके और उनके [[परिवार]] के लिए किसी वज्रपात से काम नहीं था। देवेन्द्र का हाथ कटा, लेकिन इसके बाद भी उनके अंदर जीने का जज्बा बना रहा, उनके मनोबल ने उनके घरवालों को हिम्मत दी और देवेन्द्र ने एथलीट की दुनिया में कॅरियर बनाने का फैसला किया।<ref>{{cite web |url=http://hindi.oneindia.com/news/sports/paralympics-2016-life-history-javelin-thrower-devendra-jhajharia-385196.html |title=देवेंद्र झाझरिया: करंट लगने से काटना पड़ा था हाथ|accessmonthday=14 सितम्बर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=oneindia.com |language=हिंदी }}</ref> | देवेन्द्र झाझरिया का जन्म 10 जून, 1981 को [[राजस्थान]] के चूरू ज़िले में हुआ था। मात्र आठ साल की उम्र में देवेन्द्र के साथ ऐसा भयानक हादसा हुआ, जिसने उनकी जिंदगी ही बदल दी। वे एक पेड़ पर चढ़ रहे थे कि तभी उनका हाथ बिजली के तार से जा टकराया। 11000 वोल्ट के करंट के कारण पूरा हाथ झुलस गया। तमाम कोशिशों के बावजूद देवेन्द्र का बायां हाथ काटना पड़ा और ये उनके और उनके [[परिवार]] के लिए किसी वज्रपात से काम नहीं था। देवेन्द्र का हाथ कटा, लेकिन इसके बाद भी उनके अंदर जीने का जज्बा बना रहा, उनके मनोबल ने उनके घरवालों को हिम्मत दी और देवेन्द्र ने एथलीट की दुनिया में कॅरियर बनाने का फैसला किया।<ref>{{cite web |url=http://hindi.oneindia.com/news/sports/paralympics-2016-life-history-javelin-thrower-devendra-jhajharia-385196.html |title=देवेंद्र झाझरिया: करंट लगने से काटना पड़ा था हाथ|accessmonthday=14 सितम्बर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=oneindia.com |language=हिंदी }}</ref> | ||
==स्वयं का रिकॉर्ड तोड़ा== | |||
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==पुरस्कार व सम्मान== | |||
देवेन्द्र झाझरिया को [[2004]] में '[[अर्जुन पुरस्कार]]' और [[2012]] में '[[पद्मश्री|पद्मश्री पुरस्कार]]' से नवाज़ा जा चुका है। वे पहले ऐसे पैराओलंपियन खिलाड़ी हैंं, जिन्हें पद्मश्री का खिताब मिला है। | |||
==उपलब्धियाँ== | ==उपलब्धियाँ== | ||
#[[2012]] में देवेन्द्र झाझरिया '[[पद्मश्री]]' से सम्मानित होने वाले देश के पहले पैरालिंपिक खिलाड़ी बने। | #[[2012]] में देवेन्द्र झाझरिया '[[पद्मश्री]]' से सम्मानित होने वाले देश के पहले पैरालिंपिक खिलाड़ी बने। |
08:14, 14 सितम्बर 2016 का अवतरण
देवेन्द्र झाझरिया (अंग्रेज़ी: Devendra Jhajharia, जन्म- 10 जून, 2004, चुरू ज़िला, राजस्थान) भारत के एथलीट हैं। उन्होंने ब्राजील के शहर रियो में आयोजित पैरालम्पिक खेलों (2016) की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है। पैरालंपिक में यह उनका दूसरा स्वर्ण पदक है। 12 साल पहले 2004 के एथेंस पैरालंपिक में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया था।
परिचय
देवेन्द्र झाझरिया का जन्म 10 जून, 1981 को राजस्थान के चूरू ज़िले में हुआ था। मात्र आठ साल की उम्र में देवेन्द्र के साथ ऐसा भयानक हादसा हुआ, जिसने उनकी जिंदगी ही बदल दी। वे एक पेड़ पर चढ़ रहे थे कि तभी उनका हाथ बिजली के तार से जा टकराया। 11000 वोल्ट के करंट के कारण पूरा हाथ झुलस गया। तमाम कोशिशों के बावजूद देवेन्द्र का बायां हाथ काटना पड़ा और ये उनके और उनके परिवार के लिए किसी वज्रपात से काम नहीं था। देवेन्द्र का हाथ कटा, लेकिन इसके बाद भी उनके अंदर जीने का जज्बा बना रहा, उनके मनोबल ने उनके घरवालों को हिम्मत दी और देवेन्द्र ने एथलीट की दुनिया में कॅरियर बनाने का फैसला किया।[1]
स्वयं का रिकॉर्ड तोड़ा
देवेन्द्र झाझरिया ने ऐथलेटिक्स 2004 में ऐथेंस ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। उस समय उन्होंने 62.15 मीटर दूर भाला फेंका था, लेकिन रियो के पैरालम्पिक खेल में देवेन्द्र ने ख़ुद का ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस बार उन्होंने 63.15 मीटर दूर भाला फेंका।
पुरस्कार व सम्मान
देवेन्द्र झाझरिया को 2004 में 'अर्जुन पुरस्कार' और 2012 में 'पद्मश्री पुरस्कार' से नवाज़ा जा चुका है। वे पहले ऐसे पैराओलंपियन खिलाड़ी हैंं, जिन्हें पद्मश्री का खिताब मिला है।
उपलब्धियाँ
- 2012 में देवेन्द्र झाझरिया 'पद्मश्री' से सम्मानित होने वाले देश के पहले पैरालिंपिक खिलाड़ी बने।
- देवेन्द्र झाझरिया ने 2013 में फ़्राँस के लियोन में आयोजित आईपीसी एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
- 2014 में दक्षिण कोरिया में आयोजित एशियन पैरा गेम्स और 2015 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक हासिल किया था।
- 2014 में देवेन्द्र झाझरिया फिक्की पैरा-स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर चुने गए।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ देवेंद्र झाझरिया: करंट लगने से काटना पड़ा था हाथ (हिंदी) oneindia.com। अभिगमन तिथि: 14 सितम्बर, 2016।
- ↑ देवेंद्र झाझरिया ने पैरालिंपिक के जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता (हिंदी) paisa.khabarindiatv.com। अभिगमन तिथि: 14 सितम्बर, 2016।