"बारहमासा -विद्यापति": अवतरणों में अंतर
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द दिय भीक्षा जोगी के हे ओ त छोड़ता द्वार।। | द दिय भीक्षा जोगी के हे ओ त छोड़ता द्वार।। | ||
सावन बड़ा सुख दावन हे दु:ख सहलो ने जाय। | सावन बड़ा सुख दावन हे दु:ख सहलो ने जाय। | ||
इहो | इहो दु:ख होइहन्डु रानी कुब्जी के जो कन्त रखली लोभाय।। | ||
भादब भरम भयावन हे गरजै ढ़हनाय | भादब भरम भयावन हे गरजै ढ़हनाय | ||
सबके बलम देखि घर में हे ककरा संग जाय | सबके बलम देखि घर में हे ककरा संग जाय |
14:04, 2 जून 2017 के समय का अवतरण
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साओनर साज ने भादवक दही। |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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