"मिताली राज": अवतरणों में अंतर
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मिताली राज जब प्रथम बार अंतराराष्ट्रीय [[टेस्ट क्रिकेट|टेस्ट मैच]] में शामिल हुईं तो बिना कोई रन बनाए डक (ज़ीरो) पर आउट हो गईं। लेकिन उन्होंने अपने कॅरियर में अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़कर दिखाया और अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में आज तक का सर्वाधिक स्कोर 214 रन बना कर कीर्तिमान स्थापित किया। यह इतिहास उन्होंने [[इंग्लैंड]] के ख़िलाफ़ खेलते हुए [[2002]] में बनाया था। | मिताली राज जब प्रथम बार अंतराराष्ट्रीय [[टेस्ट क्रिकेट|टेस्ट मैच]] में शामिल हुईं तो बिना कोई रन बनाए डक (ज़ीरो) पर आउट हो गईं। लेकिन उन्होंने अपने कॅरियर में अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़कर दिखाया और अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में आज तक का सर्वाधिक स्कोर 214 रन बना कर कीर्तिमान स्थापित किया। यह इतिहास उन्होंने [[इंग्लैंड]] के ख़िलाफ़ खेलते हुए [[2002]] में बनाया था। | ||
कई वर्षों के अंतराल के पश्चात [[जुलाई]], [[2006]] में मिताली राज के नेतृत्व में महिला क्रिकेट टीम ने पुनः इंग्लैंड का दौरा किया था। सभी खिलाड़ी बहुत ट्रेनिंग लेकर वन डे इंटरनेशनल खेलने गई थीं। यह बी.सी.सी.आई. (क्रिकेट बोर्ड) तथा वीमेंस क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के एकीकरण की ओर क़दम था। मिताली राज की अगुआई में भारतीय टीम ने टांटन में इंग्लैंड को दूसरे टैस्ट में पाँच विकेट से करारी शिकस्त देकर दो मैचों की शृंखला 1-0 से जीत ली थी। इस प्रकार मिताली के नेतृत्व में महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को उसकी ही ज़मीन पर मात दे दी, जिससे मिताली को भरपूर प्रंशसा मिली, साथ ही जीत का श्रेय भी। | कई वर्षों के अंतराल के पश्चात [[जुलाई]], [[2006]] में मिताली राज के नेतृत्व में महिला क्रिकेट टीम ने पुनः इंग्लैंड का दौरा किया था। सभी खिलाड़ी बहुत ट्रेनिंग लेकर वन डे इंटरनेशनल खेलने गई थीं। यह बी.सी.सी.आई. (क्रिकेट बोर्ड) तथा वीमेंस क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के एकीकरण की ओर क़दम था। मिताली राज की अगुआई में भारतीय टीम ने टांटन में इंग्लैंड को दूसरे टैस्ट में पाँच विकेट से करारी शिकस्त देकर दो मैचों की शृंखला 1-0 से जीत ली थी। इस प्रकार मिताली के नेतृत्व में महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को उसकी ही ज़मीन पर मात दे दी, जिससे मिताली को भरपूर प्रंशसा मिली, साथ ही जीत का श्रेय भी। | ||
==विश्व कीर्तिमान== | ====विश्व कीर्तिमान==== | ||
[[हैदराबाद]] की मिताली राज ने [[ऑस्ट्रेलिया]] की करेन बोल्टन का रिकार्ड तोड़कर विश्व कीर्तिमान बनाया था, जिसने 209 रन बना कर रिकॉर्ड स्थापित किया था। सोमरसेट में होने वाले मैच में मिताली राज बहुत नर्वस थीं, क्योंकि इस सीरिज़ में वह अच्छा स्कोर नहीं बना सकी थीं। परंतु टीम के साथियों ने उन्हें हिम्मत दिलाई कि वह इस बार ज़रूर अच्छा स्कोर बनाएगीं, क्योंकि सभी का मानना था कि वह टीम की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। जब मिताली [[क्रिकेट]] के मैदान में 208 रन बना चुकी थीं, तब उन्हें बताया गया कि वह एक बड़ा रिकार्ड तोड़ने के मुकाम पर हैं। तब मिताली ने बिना किसी तनाव के आत्मविश्वास के साथ खेला और 214 रन बना डाले। उस क्षण उन्हें ऐसा कुछ महसूस नहीं हुआ कि उन्होंने कुछ अनोखा कर डाला है। | [[हैदराबाद]] की मिताली राज ने [[ऑस्ट्रेलिया]] की करेन बोल्टन का रिकार्ड तोड़कर विश्व कीर्तिमान बनाया था, जिसने 209 रन बना कर रिकॉर्ड स्थापित किया था। सोमरसेट में होने वाले मैच में मिताली राज बहुत नर्वस थीं, क्योंकि इस सीरिज़ में वह अच्छा स्कोर नहीं बना सकी थीं। परंतु टीम के साथियों ने उन्हें हिम्मत दिलाई कि वह इस बार ज़रूर अच्छा स्कोर बनाएगीं, क्योंकि सभी का मानना था कि वह टीम की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। जब मिताली [[क्रिकेट]] के मैदान में 208 रन बना चुकी थीं, तब उन्हें बताया गया कि वह एक बड़ा रिकार्ड तोड़ने के मुकाम पर हैं। तब मिताली ने बिना किसी तनाव के आत्मविश्वास के साथ खेला और 214 रन बना डाले। उस क्षण उन्हें ऐसा कुछ महसूस नहीं हुआ कि उन्होंने कुछ अनोखा कर डाला है। | ||
==पुरस्कार व सम्मान== | |||
[[2003]] की [[क्रिकेट]] उपलब्धियों के लिए मिताली राज को [[21 सितम्बर]], [[2004]] को '[[अर्जुन पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि उन्हें [[क्रिकेट]] और [[नृत्य]] में से एक राह चुननी थी। क्रिकेट के कारण वह अपनी [[भरतनाट्यम नृत्य]] कक्षाओं से बहुत समय तक दूर रहती थीं। तब नृत्य अध्यापक ने उन्हें क्रिकेट और नृत्य में से किसी एक को चुनने की सलाह दी थी।<br />[[चित्र:Mithali-Raj.jpg|thumb|250px|left|मिताली राज बल्लेबाज़ी करते हुए]] | |||
==उपलब्धियाँ== | ==उपलब्धियाँ== | ||
* मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हैं। | * मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हैं। |
08:25, 27 जून 2017 का अवतरण
मिताली राज
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व्यक्तिगत परिचय
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पूरा नाम | मिताली राज | ||
जन्म | 3 दिसम्बर, 1982 | ||
जन्म भूमि | जोधपुर, राजस्थान | ||
खेल परिचय
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बल्लेबाज़ी शैली | दाएँ हाथ से बल्लेबाज़ी | ||
गेंदबाज़ी शैली | दाएँ हाथ से लेगब्रेक | ||
टीम | भारतीय महिला क्रिकेट टीम, एयर इंडिया महिला टीम, एशिया महिला एकादश, इंडिया ब्ल्यू महिला टीम। | ||
भूमिका | हरफनमौला | ||
पहला टेस्ट | 14 जनवरी, 2002 विरुद्ध इंग्लैंड | ||
पहला वनडे | 26 जून, 1999 विरुद्ध आयरलैंड | ||
कैरियर आँकड़े
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प्रारूप | टेस्ट क्रिकेट | एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय | टी-20 अन्तर्राष्ट्रीय |
मुक़ाबले | 10 | 178 | 63 |
बनाये गये रन | 663 | 5852 | 1708 |
बल्लेबाज़ी औसत | 51.00 | 52.25 | 37.95 |
100/50 | 1/4 | 5/47 | 0/10 |
सर्वोच्च स्कोर | 214 | 114 नाबाद | 73 नाबाद |
फेंकी गई गेंदें | 72 | 171 | 6 |
विकेट | 0 | 8 | 0 |
गेंदबाज़ी औसत | - | 11.37 | - |
पारी में 5 विकेट | - | - | - |
मुक़ाबले में 10 विकेट | - | - | - |
सर्वोच्च गेंदबाज़ी | - | 3/4 | - |
कैच/स्टम्पिंग | 11/- | 44/- | 16/- |
अन्य जानकारी | मिताली राज ने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में 1999 में पहली बार भाग लिया था। यह मैच मिल्टन कीनेस, आयरलैंड में हुआ था, जिसमें मिताली ने नाबाद 114 रन बनाए थे। | ||
अद्यतन | 13:28, 27 जून 2017 (IST)
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मिताली राज (अंग्रेज़ी: Mithali Raj, जन्म: 3 दिसम्बर 1982) भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी और कप्तान हैं। वे टेस्ट क्रिकेट मैच में दोहरा शतक बनाने वाली पहली महिला क्रिकेट खिलाड़ी हैं। मिताली का मानना है कि "महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उसके लिए अच्छे स्पांसर को आगे आना चाहिए।" मिताली टेलीविजन पर क्रिकेट केवल इसलिए देखती हैं ताकि सचिन तेंदुलकर के बल्ले का जादू देख सकें और उसी प्रकार के कुछ शाट्स खेल सकें। उन्हें सचिन के 'स्ट्रेट ड्राइव' और 'स्केवयर कट' बहुत पसन्द हैं।
परिचय
मिताली राज का जन्म 3 दिसम्बर, 1982 को जोधपुर, राजस्थान में हुआ था। उन्होंने 'भरतनाट्यम' नृत्य में भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है और अनेक स्टेज कार्यक्रम दिए हैं। क्रिकेट के कारण वह अपनी भरतनाट्यम् नृत्य कक्षाओं से बहुत समय तक दूर रहती थीं। तब नृत्य अध्यापक ने उन्हें क्रिकेट और नृत्य में से एक को चुनने की सलाह दी। उनकी माँ लीला राज एक अधिकारी थीं। उनके पिता धीरज राज डोराई राज बैंक में नौकरी करने के पूर्व एयर फोर्स में थे। वे स्वयं भी क्रिकेटर रहे हैं, उन्होंने मिताली को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयत्न किया। उन्होंने मिताली के यात्रा खर्च उठाने के लिए अपने खर्चों में कटौती की।
इसी प्रकार उनकी माँ लीला राज को भी अनेक कुर्बानियाँ बेटी के लिए देनी पड़ीं। उन्होंने बेटी की सहायता हेतु अपनी नौकरी छोड़ दी ताकि जब खेलों के अभ्यास के पश्चात थकी-हारी लौटे तो वह अपनी बेटी का ख्याल रख सकें। बचपन में जब उनके भाई को क्रिकेट की कोचिंग दी जाती थी, तब वह मौक़ा पाने पर गेंद को घुमा देती थीं। तब क्रिकेटर ज्योति प्रसाद ने उन्हें नोटिस किया और कहा कि वह क्रिकेट की अच्छी खिलाड़ी बनेंगी। मिताली के माता-पिता ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया तथा इस प्रकार की सहायता की, जिसके कारण वह अपने इस मुकाम तक पहुँच सकी हैं।
मिताली ने अपना कीर्तिमान 19 वर्ष की अवस्था में ही बना दिया था, परंतु उन्हें लगता है कि उनका बचपन कहीं खेलों में ही गुम हो गया। हरदम खेलों के अभ्यास के कारण वह अपने बचपन की शरारतों का आनन्द नहीं उठा सकीं। शायद इसी कारण वह बड़ी होने के बाद भी माँ के हाथ से बना खाना खाती हैं, जब कभी उनकी इच्छा होती है। 214 रन का रिकार्ड बनाने के बाद उनके लिए यह बहुत बड़ी अहमियत की बात थी कि उनकी माँ उन्हें रेलवे स्टेशन पर लेने आई थीं। जबकि उससे पहले किसी भी टूर्नामेंट के बाद माँ उन्हें लेने स्टेशन नहीं आई थीं। उनके कोच सम्पत कुमार ने उन्हें आगे बढ़ाने के लिए उनसे कड़ी मेहनत कराई। गर्मी हो या बरसात, उन्हें अभ्यास करना ही होता था। जब वह ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ती थीं, तभी उन्हें क्रिकेट का बल्ला घुमाते समय देखकर उन्होंने कहा था- "मिताली कोई साधारण लड़की नहीं है। वह सचिन की भाँति अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बन सकती है।"
कॅरियर
मिताली राज जब प्रथम बार अंतराराष्ट्रीय टेस्ट मैच में शामिल हुईं तो बिना कोई रन बनाए डक (ज़ीरो) पर आउट हो गईं। लेकिन उन्होंने अपने कॅरियर में अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़कर दिखाया और अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट में आज तक का सर्वाधिक स्कोर 214 रन बना कर कीर्तिमान स्थापित किया। यह इतिहास उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेलते हुए 2002 में बनाया था।
कई वर्षों के अंतराल के पश्चात जुलाई, 2006 में मिताली राज के नेतृत्व में महिला क्रिकेट टीम ने पुनः इंग्लैंड का दौरा किया था। सभी खिलाड़ी बहुत ट्रेनिंग लेकर वन डे इंटरनेशनल खेलने गई थीं। यह बी.सी.सी.आई. (क्रिकेट बोर्ड) तथा वीमेंस क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के एकीकरण की ओर क़दम था। मिताली राज की अगुआई में भारतीय टीम ने टांटन में इंग्लैंड को दूसरे टैस्ट में पाँच विकेट से करारी शिकस्त देकर दो मैचों की शृंखला 1-0 से जीत ली थी। इस प्रकार मिताली के नेतृत्व में महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को उसकी ही ज़मीन पर मात दे दी, जिससे मिताली को भरपूर प्रंशसा मिली, साथ ही जीत का श्रेय भी।
विश्व कीर्तिमान
हैदराबाद की मिताली राज ने ऑस्ट्रेलिया की करेन बोल्टन का रिकार्ड तोड़कर विश्व कीर्तिमान बनाया था, जिसने 209 रन बना कर रिकॉर्ड स्थापित किया था। सोमरसेट में होने वाले मैच में मिताली राज बहुत नर्वस थीं, क्योंकि इस सीरिज़ में वह अच्छा स्कोर नहीं बना सकी थीं। परंतु टीम के साथियों ने उन्हें हिम्मत दिलाई कि वह इस बार ज़रूर अच्छा स्कोर बनाएगीं, क्योंकि सभी का मानना था कि वह टीम की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। जब मिताली क्रिकेट के मैदान में 208 रन बना चुकी थीं, तब उन्हें बताया गया कि वह एक बड़ा रिकार्ड तोड़ने के मुकाम पर हैं। तब मिताली ने बिना किसी तनाव के आत्मविश्वास के साथ खेला और 214 रन बना डाले। उस क्षण उन्हें ऐसा कुछ महसूस नहीं हुआ कि उन्होंने कुछ अनोखा कर डाला है।
पुरस्कार व सम्मान
2003 की क्रिकेट उपलब्धियों के लिए मिताली राज को 21 सितम्बर, 2004 को 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि उन्हें क्रिकेट और नृत्य में से एक राह चुननी थी। क्रिकेट के कारण वह अपनी भरतनाट्यम नृत्य कक्षाओं से बहुत समय तक दूर रहती थीं। तब नृत्य अध्यापक ने उन्हें क्रिकेट और नृत्य में से किसी एक को चुनने की सलाह दी थी।
उपलब्धियाँ
- मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हैं।
- उन्होंने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में 1999 में पहली बार भाग लिया था। यह मैच मिल्टन कीनेस, आयरलैंड में हुआ था, जिसमें मिताली ने नाबाद 114 रन बनाए थे।
- 2001-2002 में मिताली राज ने लखनऊ में इंग्लैंड के विरुद्ध प्रथम टैस्ट मैच खेला था।
- टांटान में इंग्लैंड के विरुद्ध टैस्ट मैच में मिताली ने 214 रन बनाकर प्रसिद्धि पाई थी। यह महिला क्रिकेट का सर्वाधिक रन रिकॉर्ड है।
- मिताली ने 'महिला विश्व कप 2005' में भारतीय महिला टीम की कप्तानी की थी।
- 2003 में उन्हें 'अर्जुन पुरस्कार' प्रदान किया गया।
- मिताली राज 'भरतनाट्यम' नृत्य में भी ट्रेंनिग प्राप्त की है और अनेक स्टेज कार्यक्रम दिए हैं।
- 2010 में आईसीसी वर्ल्ड रैंकिंग में उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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