"गौरी के वर देखि बड़ दुःख -विद्यापति": अवतरणों में अंतर
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मन के मनोरथ मने रहि गेल, | मन के मनोरथ मने रहि गेल, | ||
लैलो भिखारी पर सेहो बकलेल ! | लैलो भिखारी पर सेहो बकलेल ! | ||
भोला के कतहुं | भोला के कतहुं जगत् नाहीं साँक लेल, | ||
बरके जे देखि गायनि धुरि गेल!! | बरके जे देखि गायनि धुरि गेल!! | ||
14:04, 30 जून 2017 के समय का अवतरण
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गौरी के वर देखि बड़ दुःख भेल, सखी बड़ दुःख भेल. |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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