"शेफाली वर्मा": अवतरणों में अंतर
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'''शेफाली वर्मा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Shafali Verma'', जन्म- [[28 जनवरी]], [[2004]], [[रोहतक]], [[हरियाणा]]) [[भारत]] की प्रसिद्ध महिला क्रिकेटर हैं। वह टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की क्रिकेटर हैं। 15 साल की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने के साथ ही शैफाली वर्मा सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने वाली क्रिकेटर बन गईं। उन्होंने [[सचिन तेंदुलकर]] के 30 साल पुराने उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया जो सचिन ने 16 साल की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने के साथ अपने नाम किया था। यही नहीं, शेफाली वर्मा अब [[क्रिकेट]] के तीनों प्रारूपों में भी भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की क्रिकेटर बन गई हैं। | {{सूचना बक्सा क्रिकेट खिलाड़ी2 | ||
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}}'''शेफाली वर्मा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Shafali Verma'', जन्म- [[28 जनवरी]], [[2004]], [[रोहतक]], [[हरियाणा]]) [[भारत]] की प्रसिद्ध महिला क्रिकेटर हैं। वह टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की क्रिकेटर हैं। 15 साल की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने के साथ ही शैफाली वर्मा सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने वाली क्रिकेटर बन गईं। उन्होंने [[सचिन तेंदुलकर]] के 30 साल पुराने उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया जो सचिन ने 16 साल की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने के साथ अपने नाम किया था। यही नहीं, शेफाली वर्मा अब [[क्रिकेट]] के तीनों प्रारूपों में भी भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की क्रिकेटर बन गई हैं। | |||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
शेफाली वर्मा का जन्म 28 जनवरी साल 2004 में हरियाणा के रोहतक जिले में हुआ। उनके [[पिता]] को आरंभ से ही [[क्रिकेट]] में दिलचस्पी रही। वह क्रिकेट खेला करते थे और इंटरनेशनल तौर पर खेलना भी चाहते थे, परंतु उनकी परिस्थितियों ने कभी उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया। जब उन्होंने अपनी बेटी के अंदर क्रिकेट के इस पागलपन को देखा तो उन्होंने भी अपनी बेटी को घर में ही ट्रेनिंग देनी आरंभ कर दी। बाद में उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग का एहसास भी हुआ तो उन्होंने शेफाली को प्रोफेशनल ट्रेनिंग के लिए कई सारी अकैडमी में एडमिशन दिलाने की कोशिश की। परंतु शेफाली एक लड़की थी तो लड़कों के साथ कैसे खेल सकती थी। समाज की छोटी भावना ने उसे किसी भी अकैडमी में एडमिशन पाने से रोक दिया। परंतु समाज की छोटी सोच के बावजूद भी शेफाली और उनके पिता अपने सपने को पूरा करने से नहीं रुके। शेफाली वर्मा के पिता ने 9 साल की उम्र में ही उनके बाल कटवा दिए और उन्हें एक लड़के का रूप दे दिया। उसके बाद तुरंत ही एक प्रोफेशनल एकेडमी में शेफाली का दाखिला हो गया और उसने प्रोफेशनल तरीके से क्रिकेट की ट्रेनिंग लेनी आरंभ कर दी।<ref name="pp">{{cite web |url= https://www.deepawali.co.in/cricketer-shafali-verma-biography-jivani-hindi.html|title=क्रिकेटर शेफाली वर्मा का जीवन परिचय|accessmonthday=01 जुलाई|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= deepawali.co.in|language=हिंदी}}</ref> | शेफाली वर्मा का जन्म 28 जनवरी साल 2004 में हरियाणा के रोहतक जिले में हुआ। उनके [[पिता]] को आरंभ से ही [[क्रिकेट]] में दिलचस्पी रही। वह क्रिकेट खेला करते थे और इंटरनेशनल तौर पर खेलना भी चाहते थे, परंतु उनकी परिस्थितियों ने कभी उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया। जब उन्होंने अपनी बेटी के अंदर क्रिकेट के इस पागलपन को देखा तो उन्होंने भी अपनी बेटी को घर में ही ट्रेनिंग देनी आरंभ कर दी। बाद में उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग का एहसास भी हुआ तो उन्होंने शेफाली को प्रोफेशनल ट्रेनिंग के लिए कई सारी अकैडमी में एडमिशन दिलाने की कोशिश की। परंतु शेफाली एक लड़की थी तो लड़कों के साथ कैसे खेल सकती थी। समाज की छोटी भावना ने उसे किसी भी अकैडमी में एडमिशन पाने से रोक दिया। परंतु समाज की छोटी सोच के बावजूद भी शेफाली और उनके पिता अपने सपने को पूरा करने से नहीं रुके। शेफाली वर्मा के पिता ने 9 साल की उम्र में ही उनके बाल कटवा दिए और उन्हें एक लड़के का रूप दे दिया। उसके बाद तुरंत ही एक प्रोफेशनल एकेडमी में शेफाली का दाखिला हो गया और उसने प्रोफेशनल तरीके से क्रिकेट की ट्रेनिंग लेनी आरंभ कर दी।<ref name="pp">{{cite web |url= https://www.deepawali.co.in/cricketer-shafali-verma-biography-jivani-hindi.html|title=क्रिकेटर शेफाली वर्मा का जीवन परिचय|accessmonthday=01 जुलाई|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= deepawali.co.in|language=हिंदी}}</ref> |
09:35, 1 जुलाई 2021 का अवतरण
शेफाली वर्मा
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व्यक्तिगत परिचय
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पूरा नाम | शेफाली वर्मा | ||
जन्म | 28 जनवरी, 2004 | ||
जन्म भूमि | रोहतक, हरियाणा | ||
अभिभावक | पिता- संजीव वर्मा | ||
खेल परिचय
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बल्लेबाज़ी शैली | दाँया हाथ | ||
गेंदबाज़ी शैली | दाँया हाथ (ऑफ़ स्पिन) | ||
टीम | महिला क्रिकेट टीम, भारत | ||
भूमिका | बल्लेबाज़ | ||
कैरियर आँकड़े
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प्रारूप | टेस्ट क्रिकेट | एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय | प्रथम श्रेणी |
मुक़ाबले | |||
बनाये गये रन | |||
बल्लेबाज़ी औसत | |||
100/50 | |||
सर्वोच्च स्कोर | |||
फेंकी गई गेंदें | |||
विकेट | |||
गेंदबाज़ी औसत | |||
पारी में 5 विकेट | |||
मुक़ाबले में 10 विकेट | |||
सर्वोच्च गेंदबाज़ी | |||
कैच/स्टम्पिंग |
शेफाली वर्मा (अंग्रेज़ी: Shafali Verma, जन्म- 28 जनवरी, 2004, रोहतक, हरियाणा) भारत की प्रसिद्ध महिला क्रिकेटर हैं। वह टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की क्रिकेटर हैं। 15 साल की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने के साथ ही शैफाली वर्मा सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने वाली क्रिकेटर बन गईं। उन्होंने सचिन तेंदुलकर के 30 साल पुराने उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया जो सचिन ने 16 साल की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने के साथ अपने नाम किया था। यही नहीं, शेफाली वर्मा अब क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भी भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की क्रिकेटर बन गई हैं।
परिचय
शेफाली वर्मा का जन्म 28 जनवरी साल 2004 में हरियाणा के रोहतक जिले में हुआ। उनके पिता को आरंभ से ही क्रिकेट में दिलचस्पी रही। वह क्रिकेट खेला करते थे और इंटरनेशनल तौर पर खेलना भी चाहते थे, परंतु उनकी परिस्थितियों ने कभी उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया। जब उन्होंने अपनी बेटी के अंदर क्रिकेट के इस पागलपन को देखा तो उन्होंने भी अपनी बेटी को घर में ही ट्रेनिंग देनी आरंभ कर दी। बाद में उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग का एहसास भी हुआ तो उन्होंने शेफाली को प्रोफेशनल ट्रेनिंग के लिए कई सारी अकैडमी में एडमिशन दिलाने की कोशिश की। परंतु शेफाली एक लड़की थी तो लड़कों के साथ कैसे खेल सकती थी। समाज की छोटी भावना ने उसे किसी भी अकैडमी में एडमिशन पाने से रोक दिया। परंतु समाज की छोटी सोच के बावजूद भी शेफाली और उनके पिता अपने सपने को पूरा करने से नहीं रुके। शेफाली वर्मा के पिता ने 9 साल की उम्र में ही उनके बाल कटवा दिए और उन्हें एक लड़के का रूप दे दिया। उसके बाद तुरंत ही एक प्रोफेशनल एकेडमी में शेफाली का दाखिला हो गया और उसने प्रोफेशनल तरीके से क्रिकेट की ट्रेनिंग लेनी आरंभ कर दी।[1]
टॉमबॉय
काफी सालों तक शेफाली वर्मा 'टॉमबॉय' की शेप में ही रहीं, लेकिन बाद में जब भारत में महिला भेदभाव को मिटाकर महिला क्रिकेट एकेडमी बनाई गई, तब शेफाली ने एक महिला एकेडमी में दाखिला ले लिया। इसके बावजूद भी शेफाली के पिता के रिश्तेदारों ने लड़की को क्रिकेट सिखाने पर बहुत सारी आलोचनात्मक टिप्पणियां की, जिसके बाद भी संजीव नहीं रुके और उन्होंने अपनी बेटी को संपूर्ण प्रयास करके एक शानदार महिला क्रिकेटर बना ही दिया।
कॅरियर
अपने बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से शेफाली वर्मा को हरियाणा की घरेलू महिला क्रिकेट टीम में दाखिला मिल गया। पहले उन्होंने अपने राज्य हरियाणा का नाम रोशन किया और बाद में उन्हें 'विमेन मिनी आईपीएल 2020' के अंतर्गत अपना प्रदर्शन दिखाने का मौका मिला, उस समय मिताली राज टीम की कप्तान थीं। उस वेलोसिटी टीम में शेफाली को भी शामिल किया गया। अपने बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से वेलोसिटी की टीम इस टूर्नामेंट के फाइनल सेक्शन में पहुंच गई थी। लेकिन अपने भरसक प्रयास के बाद भी हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व में खेलने वाली सुपरनोवा टीम के हाथों वेलोसिटी टीम को हरा दिया गया।
लगातार अच्छे प्रदर्शन की बदौलत शेफाली वर्मा को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक पहुंचने में देर ना लगी। साल 2019 में टी20 सीरीज के अंतर्गत शेफाली को दक्षिण अफ्रीका की महिला टीम के खिलाफ मैच खेलने का मौका मिला। जब भारतीय टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने टी20 क्रिकेट से खुद को बाहर कर लिया, तब उसके बाद शेफाली वर्मा को उस टीम में प्रवेश मिल गया। अंतरराष्ट्रीय तौर पर शेफाली ने अपना ताबड़तोड़ प्रदर्शन दिखाते हुए एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनकर अपने पिता का सपना पूरा किया। मात्र 15 साल की उम्र में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय टीम में सबसे कम उम्र की महिला क्रिकेटर के तौर पर भी अपना नाम दर्ज किया।[1]
कीर्तिमान
- भारत में शेफाली वर्मा दूसरी ऐसी महिला हैं जो सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय तौर पर अपना क्रिकेट प्रदर्शन दिखा चुकी थीं। इससे पहले सन 1978 में मात्र 14 साल की उम्र में गार्गी नाम की महिला ने यह रिकॉर्ड सबसे पहले अपने नाम पर बनाया था। वहीं यह रिकॉर्ड पुरुष क्रिकेट टीम में सचिन तेंदुलकर के नाम पर दर्ज है जिन्होंने मात्र 16 साल की उम्र में भारत के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया था।
- अंतरराष्ट्रीय तौर पर शेफाली वर्मा ने अपने पहले मैच के दौरान कुछ खास प्रदर्शन नहीं दिया और वह शून्य पर ही आउट हो गईं, उसके बाद उस सीरीज के आने वाले 2 मैच बारिश की वजह से रद्द कर दिए गए लेकिन चौथे मैच के दौरान तो शैफाली बेहतरीन और धमाकेदार प्रदर्शन से सबके दिल पर छा गईं। उन्होंने उस मैच के दौरान 1 अक्टूबर, 2019 को सूरत के मैदान में ओपनिंग करते हुए मात्र 33 गेंदों की बेहतरीन बल्लेबाजी में पांच चौके और दो छक्कों की बेहतरीन पारी के साथ 46 रन बनाए।[1]
- शेफाली वर्मा ने 17 साल 150 दिन की उम्र में इंग्लैंड के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया और उन्होंने इतिहास रच दिया। शेफाली वर्मा ने सबसे कम उम्र में क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारत का प्रतिनिधित्व करने का गौरव हासिल किया। 17 साल 150 दिन की उम्र तक उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व कर लिया है और इस मामले में स्मृति मंधाना को पीछे छोड़ दिया। शेफाली से पहले स्मृति मंधाना भारत के लिए ये कमाल करने वाली खिलाड़ी बनीं थीं। स्मृति ने 18 साल 26 दिन की उम्र तक क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और अब वो इस मामले में दूसरे नंबर पर आ गई हैं। वहीं तीसरे नंबर पर भारतीय टीम के तेज गेंदबाज इशांत शर्मा हैं जिन्होंने 19 साल 152 दिन की उम्र में ये कमाल किया था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3
क्रिकेटर शेफाली वर्मा का जीवन परिचय (हिंदी) deepawali.co.in। अभिगमन तिथि: 01 जुलाई, 2021। सन्दर्भ त्रुटि:
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अमान्य टैग है; "pp" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है